FATF में पाकिस्तान के भाग्य का फैसला आज, बना है आतंकियों की पनाहगाह

पेरिस में चल रही फाइनेंशियल एक्शन टॉस्क फोर्स (FATF) की बैठक में शुक्रवार को फैसला होना है कि पाकिस्तान ग्रे लिस्ट में रहेगा या फिर ब्लैक लिस्टेड होगा.

पेरिस में चल रही फाइनेंशियल एक्शन टॉस्क फोर्स (FATF) की बैठक में शुक्रवार को फैसला होना है कि पाकिस्तान ग्रे लिस्ट में रहेगा या फिर ब्लैक लिस्टेड होगा.

author-image
Nihar Saxena
एडिट
New Update
Imran Khan FATF

इमरान खान के नए पाकिस्तान के लिए आज फैसले का दिन.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

वैश्विक आतंकवाद की पनाहगाह बने पाकिस्तान (Pakistan) के लिए 23 अक्टूबर की तारीख खासी अहम हो सकती है. पेरिस में चल रही फाइनेंशियल एक्शन टॉस्क फोर्स (FATF) की बैठक में शुक्रवार को फैसला होना है कि पाकिस्तान ग्रे लिस्ट में रहेगा या फिर ब्लैक लिस्टेड होगा. पाकिस्तान पर बड़ा फैसला आने से पहले आतंकवादियों (Terrorists) को अपनी जमीन पर पनाह देने और उसकी फंडिंग रोकने के लिए उचित कदम नहीं उठाने के आरोप पर भारत ने आईना दिखाया है. गुरुवार को भारत ने पाकिस्तान पर आतंकी समूहों को शरण देने और संयुक्त राष्ट्र (United Nations) की लिस्ट में शामिल जैश-ए-मोहम्मद के मुखिया मसूद अजहर और दाउद इब्राहिम के खिलाफ कार्रवाई करने में नाकाम होने का आरोप लगाया. भारत ने सीधे-सीधे कहा कि पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की कही संस्थाओं और लोगों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की है. 

Advertisment

यह भी पढ़ेंः  JP नड्डा बोले- चीन में खलबली है, क्योंकि अरुणाचल से लद्दाख तक...

आधा दर्जन बिंदुओं पर काम नहीं किया
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा है कि एफएटीएफ के ऐसे आधा दर्जन अहम बिंदु हैं, जिन पर पाकिस्तान ने कोई काम नहीं किया है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए होने वाली फंडिंग और मनी लांड्रिंग पर लगाम लगाने के लिए एफएटीएफ के एक्शन प्लान में शामिल 27 में से महज 21 विषयों को ही संबोधित किया. जिन छह विषयों को उसने छोड़ दिया वह आतंकी गतिविधयों पर लगाम लगाने के लिए बेहद अहम हैं. इसमें आतंकवाद को बढ़ावा देने और फंडिंग करने वाले गैर सरकारी संगठन और चैरिटीज शामिल हैं.

यह भी पढ़ेंः ओली ने मांगी मदद, रॉ प्रमुख की यात्रा से नेपाल में कोहराम

2012 में पहली बार आया था ग्रे लिस्ट में
उन्होंने जोर देते हुए कहा कि पाकिस्तान लगातार संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की लिस्ट में शामिल जैश-ए-मोहम्मद के मुखिया मसूद अजहर, दाउद इब्राहिम और लश्कर-ए-तैयबा के ऑपरेशन कमांडर जकीउर रहमान लखवी के खिलाफ भी अब तक कोई कार्रवाई नहीं की. पाकिस्तान एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में है. पाकिस्तान 2012 में पहली बार ग्रे लिस्ट में शुमार हुआ था और 2015 तक रहा था. इसके बाद 2018 से पाकिस्तान फिर ग्रे लिस्ट में है.

यह भी पढ़ेंः अब समंदर में भी चीन को लगा बड़ा झटका, मोदी सरकार ने लिया ये फैसला

सार्वजनिक ऐलान करेगी एफएटीएफ
श्रीवास्तव ने कहा है कि पाकिस्तान ने इस एक्शन प्लान का कितना पालन किया है यह एफएटीएफ 23 अक्टूबर को देखेगी. उन्होंने कहा कि संस्था अपनी बैठक के बाद अपने नियमों और प्रक्रिया के तहत सार्वजनिक ऐलान करती है. एफएटीएफ के किसी देश को ब्लैक या ग्रे लिस्ट में डालने के मानक और प्रक्रिया होती है. श्रीवास्तव ने कहा, 'जब किसी देश को लिस्ट में डाला जाता है तो उसे एक एक्शन प्लान दिया जाता है और यह उम्मीद की जाती है कि तय समय में उस एक्शन प्लान को पूरा किया जाए.'

यह भी पढ़ेंः बिहार दौरे से पहले पीएम मोदी का ट्वीट- गठबंधन के लिए मांगूंगा आशीर्वाद

संघर्ष विराम का 3800 बार उल्लंघन 
श्रीवास्तव ने कहा मौजूदा साल में पाक सेना ने जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए सीमा पर संघर्ष विराम की 3800 घटनाओं को अंजाम दिया. उन्होंने कहा पाकिस्तान ने हथियार-गोलाबारूद, नार्कोटिक्स को भी संघर्षविराम रेखा के इस पार पहुंचाने की कोशिश भी की. सीजाफायर उल्लंघन की आड़ में आतंकियों को घुसपैठ करने में मदद की कोशिश की गई है, ताकि हथियार पहुंचाए जा सकें. उन्होंने कहा कि ड्रोन और क्वॉडकॉप्टर की मदद से हथियारों और नशीले पदार्थों की तस्करी की कोशिश की जा रही है.

भारत paris INDIA dawood-ibrahim आतंकवाद Terrorism jaish e mohammad संयुक्त राष्ट्र एफएटीएफ Lashkar e taiyaba पाकिस्तान imran-khan FATF Grey List pakistan fatf
      
Advertisment