Advertisment

4 जनवरी को वार्ता विफल होने पर 6 को होगी किसानों की ट्रैक्टर रैली

चार जनवरी को सरकार के साथ होने वाली वार्ता विफल होने पर आंदोलन को तेज करते हुए छह जनवरी को ट्रैक्टर रैली निकाली जाएगी.

author-image
Nihar Saxena
New Update
Farm Leaders

किसानों ने दिया अल्टीमेटम. वार्ता विफल तो आंदोलन तेज.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

Advertisment

संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले आंदोलन की अगुवाई कर रहे किसान संगठनों के नेताओं की सिंघु बॉर्डर हुई बैठक में फैसला लिया गया कि चार जनवरी को सरकार के साथ होने वाली वार्ता विफल होने पर आंदोलन को तेज करते हुए छह जनवरी को ट्रैक्टर रैली निकाली जाएगी. पंजाब में भारतीय किसान यूनियन (लाखोवाल) के जनरल सेक्रेटरी किसान हरिंदर सिंह लाखोवाल ने बताया, 'बैठक में सरकार के साथ होने वाली अगली वार्ता के विषयों पर विचार-विमर्श किया गया. सरकार ने हमारी दो मांगे मान ली है, लेकिन दो अहम मांग अभी बाकी हैं, जिन पर चार जनवरी को चर्चा होगी. अगर  सरकार के साथ वार्ता के दौरान इन दो मांगों पर बात नहीं बनी तो छह जनवरी को ट्रैक्टर मार्च निकाली जाएगी.'

यह भी पढ़ेंः  LIVE: किसानों के आंदोलन आज 38वां दिन, समाधान की उम्मीद नहीं

केंद्र सरकार द्वारा लागू कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) कानून 2020, कृषक (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार कानून 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) कानून 2020 के विरोध में चल रहे किसान आंदोलन का शनिवार को 38वां दिन है. आंदोलनकारी किसान संगठन तीनों कानूनों को निरस्त करने की मांग कर रहे हैं, जबकि सरकार का कहना है कि किसानों के सुझावों के अनुरूप इनमें संशोधन कर दिया जाएगा. इसी बात पर पेंच फंसा हुआ है जिसके कारण छह दौर की वार्ता होने के बावजूद किसान संगठनों के नेताओं और सरकार के बीच सहमति नहीं बन पाई है.

यह भी पढ़ेंः शुभेंदु अधिकारी के भाई समेत 5 हजार लोग हो सकते हैं BJP में शामिल

गौरतलब है कि प्रदर्शन की अगुवाई करने वाले किसान संगठनों के नेताओं ने बुधवार को सरकार के साथ चार मुद्दों पर वार्ता हुई, जिनमें दो मुद्दों पर सरकार ने किसानों की मांगे मान ली लेकिन अन्य जो दो मुद्दे बचे हुए हैं उनमें तीनों कानूनों को रद्द करने और फसलों की खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य पर करने की गांरटी के लिए कानून बनाने की मांग शामिल हैं. सरकार ने पराली और बिजली से जुड़े मसलों पर किसानों की बात मान ली है.

Source : IANS/News Nation Bureau

Stuble Kisan Union बातचीत Talks kisan-andolan मोदी सरकार rakesh-tikait farmers-agitation किसान कानून farm-laws ट्रैक्टर रैली tractor-rally किसान आंदोलन
Advertisment
Advertisment
Advertisment