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योगेंद्र यादव बोले- 26 जनवरी को किसान दिल्ली में घुसकर करेंगे गणतंत्र परेड

नए कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसानों का आंदोलन 38वें दिन में प्रवेश कर गया है. किसान अपनी जिद पर अड़े हैं.

Updated on: 02 Jan 2021, 01:18 PM

नई दिल्ली:

नए कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसानों का आंदोलन 38वें दिन में प्रवेश कर गया है. मुख्य रूप से पंजाब और हरियाणा के हजारों किसान राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं पर एक महीने से ज्यादा समय से प्रदर्शन कर रहे हैं. उनकी मांग है कि तीनों नए कृषि कानूनों को रद्द किया जाए. इस मसले का हल निकालने के लिए 6 दौर की बातचीत हो चुकी है, मगर कोई समाधान नहीं निकला है. किसान अपनी जिद पर अड़े हैं. जबकि सरकार कानूनों को वापस लेने के पक्ष में नहीं है, हालांकि इनमें संशोधन का प्रस्ताव सरकार की ओर से दिया जा चुका है. 

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स्वराज इंडिया के नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि अगर 26 जनवरी तक हमारी बातें नहीं सुलझतीं तो दिल्ली के तमाम मोर्चों से किसान दिल्ली के अंदर घुसकर अपनी किसान गणतंत्र परेड करने के लिए मजबूर होंगे.


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गुरनाम सिंह ने कहा कि सरकार MSP पर गुमराह कर रही है. आंकड़ों को तोड़ मरोड़ कर पेश कर रही है.

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आन्दोलन के लिए 6 से 20 तक एक पखवाड़े में हम राष्ट्रव्यापी कॉल करेंगे और जनजागरण अभियान चलाएंगे. 23 जनवरी को सुभाष चन्द्र बोस के जन्मदिन पर हम किसान अलग अलग राज्यों में केंद्र में राज्यों के प्रतिनिधि गवर्नर हाऊस की ओर मार्च करेंगे. 26 जनवरी को दिल्ली में हमारे ट्रैक्टर परेड करेंगे. इसके लिए हम सीमावर्ती किसानों को बुलाएंगे- दर्शनपाल सिंह 

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दर्शनपाल सिंह ने कहा कि अगर 4 जनवरी को बातचीत सफल नहीं होती, कोर्ट की सुनवाई का भी नतीजा नहीं निकलता तो 6 जनवरी को सिंघु बोर्डर से KMP तक ट्रैक्टर मार्च करेंगे. KMP पर ट्रैक्टर मार्च, 26 जनवरी की रिहर्सल परेड होगी.

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जब तक कानून वापस न लेंगे, हम बैठे रहेंगे. हम अब तक शांतिपूर्ण प्रदर्शन करते रहे हैं. आगे भी ऐसे ही बैठे रहेंगे- किसान नेता बीएस राजेवल

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संयुक्त किसान मोर्चा की प्रेस कॉन्फ्रेंस में किसान नेता बीएस राजेवल ने कहा कि सरकार दुष्प्रचार कर रही है. हमने मीटिंग में उनकी हर दलील को खारिज किया. कृषि राज्य विषय है. सरकार का तर्क था कि हमने ट्रेड के लिए क़ानून बनाया है. हमारा कहना था कि हम ट्रेड में शामिल ही नहीं हैं. आपको स्टेट के विषय में कोई दखल नहीं देना चाहिए.

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कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग के बारे में नए बिल में गलती होने पर भी किसान के खिलाफ जांच नहीं हो सकती. इसमें यह भी कहा गया है कि किसान की भूमि के संबंध में कोई समझौता नहीं किया जाएगा. यह बिल किसानों के लिए अनुकूल है और पीएम चाहते हैं कि वे 'आत्मनिर्भर' बनें- कैलाश चौधरी

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केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि जिस सकारात्मक सोच के साथ पिछली बैठक हुई है तो मुझे आशा है कि 4 जनवरी को होने वाली बैठक में हल निकलेगा और ये आंदोलन भी खत्म हो जाएगा. 

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गाजीपुर बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसानों ने फांसी लगाकर सुसाइड कर ली. मृतक किसान का नाम कश्मीर सिंह बताया जा रहा है, जोकि बिलासपुर का रहने वाला है.


calenderIcon 08:30 (IST)
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संयुक्ता किसान मोर्चा आज दोपहर 12.30 बजे भारत सरकार के साथ चल रही वार्ता और किसानों के आंदोलन की भावी रणनीति के बारे में अपनी 7 सदस्यीय राष्ट्रीय समन्वय समिति के साथ मीडिया से बात करेगा.