Advertisment

केंद्र के वार्ता प्रस्ताव पर किसानों ने बुधवार तक फैसला टाला, तोमर ने समाधान की जताई उम्मीद

किसान संगठनों ने नये सिरे से वार्ता के केंद्र सरकार के प्रस्ताव पर निर्णय बुधवार तक टाल दिया, वहीं केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने उम्मीद जताई कि नये कृषि कानूनों पर गतिरोध को समाप्त करने के लिए बातचीत जल्द पुन: शुरू होगी.

author-image
Deepak Pandey
एडिट
New Update
farmers protest

किसानों का आंदोलन( Photo Credit : फाइल फोटो)

Advertisment

Farmers Protest: प्रदर्शनकारी किसान संगठनों ने नये सिरे से वार्ता के केंद्र सरकार के प्रस्ताव पर निर्णय बुधवार तक टाल दिया, वहीं केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने उम्मीद जताई कि नये कृषि कानूनों पर गतिरोध को समाप्त करने के लिए बातचीत जल्द पुन: शुरू होगी. केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसानों के एक समूह ने मंगलवार को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को काले झंडे दिखाए और अंबाला शहर में उनके काफिले को को रोकने का प्रयास किया.

यह भी पढ़ेंःप्रदर्शनकारी किसानों ने NH-9 को किया जाम, दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर लगा लंबा जाम

दिल्ली की सीमा पर तीन नए कृषि कानूनों की वापसी को लेकर 26 नवंबर से प्रदर्शन कर रहे किसानों के समर्थन में कई राज्यों में प्रदर्शन हो रहे हैं. उत्तर प्रदेश में किसानों के एक समूह को जब रामपुर-मुरादाबाद टोल प्लाजा पर रोका गया तो उनकी पुलिस के साथ झड़प हो गयी. तीन नये कृषि कानूनों के समर्थन में किसानों के एक समूह ने दिल्ली-नोएडा बॉर्डर पर धरना दिया जिसकी वजह से नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस वे पर सैकड़ों वाहनों की कतार लग गई.

अधिकारियों ने बताया कि ये प्रदर्शनकारी मुख्यत: ग्रेटर नोएडा के जेवर और दादरी के रहने वाले हैं और उन्हें पुलिस ने कथित तौर पर महामाया फ्लाईओवर पर रोक दिया. उन्होंने बताया कि ग्रेटर नोएडा-नोएडा मार्ग पर सामान्य यातायात करीब तीन घंटे बाद ही बहाल हो पाया. केरल में कांग्रेस नीत विपक्षी यूडीएफ गठबंधन ने केंद्र के तीन नये कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग करते हुए दिल्ली में प्रदर्शन कर रहे हजारों किसानों के प्रति एकजुटता प्रकट करते हुए मंगलवार को यहां राजभवन तक जुलूस निकाला. विधानसभा में विपक्ष के नेता रमेश चेन्निथला, पूर्व मुख्यमंत्री ओम्मन चांडी, यूडीएफ के संयोजक एम एम हसन और मोर्चा के अन्य नेताओं ने इस जुलूस और धरने में हिस्सा लिया.

यह भी पढ़ेंःकृषि मंत्री तोमर बोले- बातचीत में कुछ किसान संगठनों ने कृषि कानूनों का किया समर्थन

वहीं केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने तीन विवादास्पद केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव पर चर्चा एवं पारित करने के लिए राज्य विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने की मंजूरी देने से मंगलवार को इनकार कर दिया. विधानसभा सूत्रों ने यह जानकारी दी. किसान नेता कुलवंत सिंह संधू ने दिल्ली के सिंघू बॉर्डर पर संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि पंजाब की 32 किसान यूनियनों ने मंगलवार को बैठक की और आगे के कदम के बारे में विचार विमर्श किया. उन्होंने कहा कि देश भर के किसान नेताओं की एक बैठक बुधवार को होगी, जहां बातचीत के लिए सरकार के प्रस्ताव पर फैसला किया जाएगा.

संधू ने कहा कि वे ब्रिटेन के सांसदों को भी पत्र लिखेंगे और उनसे आग्रह करेंगे कि वे 26 जनवरी को भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल नहीं होने के लिए अपने प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन पर दबाव डालें. जॉनसन अगले महीने होने वाले कार्यक्रम में मुख्य अतिथि होंगे. केंद्रीय कृषि मंत्रालय में संयुक्त सचिव विवेक अग्रवाल ने रविवार को 40 किसान यूनियनों के नेताओं को पत्र लिखकर कहा था कि वे कानूनों में संशोधन के उसके पहले के प्रस्ताव पर अपनी चिंताओं को स्पष्ट करें और अगले दौर की बातचीत के लिए किसी सुविधाजनक तारीख का चुनाव करें ताकि चल रहा आंदोलन जल्द से जल्द समाप्त हो सके.

यह भी पढ़ेंःदिल्ली में कोरोना की रफ्तार धीमी, 24 घंटे में 939 नए केस आए सामने,96.91% पहुंचा रिकवरी रेट

उल्लेखनीय है कि तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने की अपनी मांग से पीछे हटने से किसान संगठनों के इनकार करने के बाद बने गतिरोध के बीच नौ दिसंबर को छठे दौर की वार्ता रद्द हो गयी थी. केंद्रीय कृषि मंत्री तोमर ने मंगलवार को कहा कि उन्हें उम्मीद है कि प्रदर्शनकारी किसान संगठन जल्द अपनी आंतरिक चर्चा पूरी करेंगे और संकट के समाधान के लिए सरकार के साथ पुन: वार्ता शुरू करेंगे. तोमर ने दिल्ली और उत्तर प्रदेश के दो और किसान संगठनों के प्रतिनिधियों से भी मुलाकात की, जिन्होंने कानूनों के प्रति अपना समर्थन जताया है.

कृषि मंत्री ने दोनों समूहों से मुलाकात के बाद कहा, ‘‘विभिन्न किसान संगठनों के प्रतिनिधि यह बताने आये थे कि कानून अच्छे हैं और किसानों के हित में हैं. वे सरकार से यह अनुरोध करने आये थे कि कानूनों में कोई संशोधन नहीं किया जाए.’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुझे उम्मीद है कि वे (प्रदर्शनकारी किसान संघ) जल्द अपनी आंतरिक वार्ता पूरी करेंगे और सरकार के साथ बातचीत के लिए आगे आएंगे. हम सफलतापूर्वक समाधान निकाल सकेंगे.’’ हालांकि संधू ने सरकार पर उनके आंदोलन को कमजोर करने के लिए ‘फर्जी संगठन तैयार करने’ का आरोप लगाया ‘जिनका कोई अतीत नहीं’ है. संधू ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि किसान नेता 23 से 26 दिसंबर तक ‘शहीदी दिवस’ मनाएंगे.

प्रदर्शनकारी किसान संघों ने पहले ही 25 से 27 दिसंबर तक हरियाणा के राजमार्गों पर टोल वसूली रोकने का एलान किया है. ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एआईटीयूसी) और उसके सहयोगी संगठनों ने कहा कि वे 23 दिसंबर को किसानों के साथ एकजुटता प्रदर्शित करने के लिए ‘दोपहर का भोजन’ छोड़ेंगे. इससे पहले तोमर ने कहा था कि नये कृषि कानून भारतीय खेती में नये युग की शुरुआत करेंगे. उन्होंने कहा कि सरकार सभी विवादास्पद मुद्दों पर प्रदर्शनकारी संगठनों के साथ वार्ता जारी रखने के लिए अब भी तैयार है.

एक सरकारी बयान में कहा गया, ‘‘सरकार ने किसान यूनियनों के साथ कई दौर की वार्ता की और वह विवादास्पद मुद्दों पर हर बिंदु पर खुले दिमाग से बातचीत जारी रखने को तैयार है. ’’ महाराष्ट्र में मुंबई उपनगर जिलाधीश कार्यालय के बाहर मंगलवार को किसानों के एक समूह ने प्रदर्शन किया और केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की मांग की. इस बीच सोशल मीडिया मंच फेसबुक ने कहा है कि 'किसान एकता मोर्चा' पेज पर कंपनी के सामुदायिक मापदंडों का उल्लंघन करने वाली गतिविधियों में इजाफा होने के चलते उसकी स्वचालित प्रणाली ने इसे दिखाना बंद (अनपब्लिश) कर दिया था और इसे स्पैम के तौर पर दर्शाया था. हालांकि, इस पेज को तीन घंटे से भी कम समय में बहाल कर दिया गया था.

यह भी पढ़ेंःमहाराष्ट्र: भाजपा नेता ने कहा, नए कृषि कानून पर चर्चा के लिए हजारे से की मुलाकात

फेसबुक को उस समय तमाम वर्गों की ओर से आलोचना का सामना करना पड़ा था, जब रविवार शाम को ‘किसान एकता मोर्चा’ नामक पेज को बंद कर दिया था जिसमें किसान आंदोलन के बारे में ‘आधिकारिक जानकारी’ साझा की जा रही थी. फेसबुक के एक प्रवक्ता ने कहा, '' हमारी समीक्षानुसार, फेसबुक पेज (किसान एकता मोर्चा) पर हमारे सामुदायिक मापदंडों का उल्लंघन करने वाली गतिविधियों में इजाफा होने के चलते हमारी स्वचालित प्रणाली ने इसे स्पैम के तौर पर दर्शाया.

इसके संदर्भ की जानकारी होने के बाद हमने तीन घंटे से भी कम समय में पेज को बहाल किया.'' प्रवक्ता ने दावा किया, समीक्षा में यह भी सामने आया कि स्वचालित प्रणाली के कारण फेसबुक पेज तो प्रभावित हुआ जबकि इंस्टाग्राम खाते पर कोई फर्क नहीं पड़ा. केंद्र सरकार सितंबर में पारित तीन नए कृषि कानूनों को कृषि क्षेत्र में बड़े सुधार के तौर पर पेश कर रही है, वहीं प्रदर्शन कर रहे किसानों ने आशंका जताई है कि नए कानूनों से एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) और मंडी व्यवस्था खत्म हो जाएगी और वे बड़े कॉरपोरेट पर निर्भर हो जाएंगे. सरकार ने बार-बार दोहराया है कि एमएसपी और मंडी व्यवस्था कायम रहेगी और उसने विपक्ष पर किसानों को गुमराह करने का आरोप लगाया है.

Source : Bhasha

PM modi farmers-protest new fram laws Union Agriculture Minister Narendra Singh Tomar
Advertisment
Advertisment
Advertisment