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Cash-For-Query Case: महुआ मोइत्रा की संसद सदस्यता रद्द, बोलीं- ये मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए हुआ एक्शन

टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा मामले पर लोकसभा में एथिक्स कमेटी ने रिपोर्ट पेश की गई. रिपोर्ट में महुआ मोइत्रा की संसद सदस्यता रद्द करने की सिफारिश है.

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Prashant Jha
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महुआ मोइत्रा( Photo Credit : टीएमसी सांसद)

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Cash for Query Case: शुक्रवार को संसद के शीतकालीन सत्र का पांचवां दिन है. टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा मामले पर लोकसभा में एथिक्स कमेटी ने रिपोर्ट पेश की गई. रिपोर्ट में महुआ मोइत्रा की संसद सदस्यता रद्द करने की सिफारिश है. साथ ही रिपोर्ट में महुआ के खिलाफ आरोपों को गंभीर बताया गया है और कार्रवाई की मांग की गई है. रिपोर्ट पेश होने के बाद संसद में सांसदों ने जमकर हंगामा किया और नारे लगाए. हंगामे को देखते हुए लोकसभा की कार्यवाही को 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया. इससे पहले सत्र में शामिल होने के लिए टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा संसद पहुंचीं. इस दौरान उन्होंने मीडिया से कहा कि, ''मां दुर्गा आ गई हैं, अब देखेंगे. जब नाश मनुज पर छाता है, पहले विवेक मर जाता है." इसके साथ ही मोइत्रा ने कहा कि, "उन्होंने 'वस्त्रहरण' शुरू किया अब आप 'महाभारत का रण' देखेंगे.''

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मोइत्रा पर बीजेपी का पलटवार

इसके बाद महुआ मोइत्रा के इस बयान पर बीजेपी हमलावर हो गई. उनके इस बयान पर पलटवार करते हुए बीजेपी बंगाल अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा कि, चीरहरण द्रौपदी का हुआ था, शूर्पणखा का नहीं." उन्होंने कहा कि इस मामले में महाभारत नहीं होगा. महाभारत के कृष्ण और अर्जुन तो इधर हैं, पीएम मोदी और अमित शाह. मजूमदार ने कहा कि महाभारत धर्म की रक्षा के लिए हुआ था. महुआ ने अधर्म किया है. महाभारत में भी अधर्म की हार हुई थी और धर्म की जीत हुई थी. बताया जा रहा है कि रिपोर्ट पेश होने के बाद समिति की सिफारिश के आधार पर मोइत्रा की संसद सदस्यता को खत्म करने का प्रस्ताव भी लाया जाएगा. बता दें कि विपक्ष के सदस्य इस रिपोर्ट पर मत विभाजन की मांग कर सकते हैं. जिसके चलते बीजेपी ने अपने सांसदों के लिए व्हिप जारी कर शुक्रवार को सदन में रहने का आदेश दिया है.

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क्या बोले अधीर रंजन चौधरी

वहीं कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि उनके पास महुआ निकालने के लिए कुछ नहीं है. वे उसे बुला सकते थे, उसकी निंदा कर सकते थे. कोई साक्ष्य नहीं है. इसके साथ ही चौधरी ने बीजेपी पर बदले की भावना का आरोप भी लगाया. वहीं कांग्रेस सांसद के सुरेश ने कहा है कि यह देखना होगा कि सदन में क्या रिपोर्ट पेश की जा रही है. उन्होंने कहा कि अगर रिपोर्ट में महुआ मोइत्रा के निष्कासन की बात कही गई है तो इसका पुरजोर विरोध किया जाएगा.

संसद में रिपोर्ट पेश होने के बाद स्पीकर लेंगे फैसला

कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम कहा कि यह सरकार का एक दुस्साहस है. अगर सरकार यह दुस्साहस करेगी तो वे महुआ मोइत्रा की झोली में 50 हजार वोट और डाल देंगे. जबकि कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा है कि लोकसभा के बिजनेस में यह मुद्दा लिस्टेड है. उन्होंने कहा कि आगे की कार्रवाई क्या होगी, इसका फैसला स्पीकर द्वारा लिया जाएगा.

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जानिए क्या है महुआ मोइत्रा पर आरोप

बता दें कि टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा पर पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने का आरोप लगा है. इसी पर विनोद कुमार सोनकर की अध्यक्षता वाली समिति ने 9 नवंबर को एक बैठक में 'कैश-फॉर-क्वेरी' के आरोप पर टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा को निष्कासित करने की सिफारिश करते हुए रिपोर्ट तैयार की थी. इस कमेटी के 6 सदस्यों ने रिपोर्ट के पक्ष में मतदान किया था. जिसमें कांग्रेस सांसद परनीत कौर भी शामिल थीं, जिन्हें पार्टी ने पहले निलंबित कर दिया गया था. वहीं दूसरी ओर विपक्षी दलों से संबंधित पैनल के 4 सदस्यों ने असहमति नोट पेश किया था. वहीं विपक्षी दल के सदस्यों ने रिपोर्ट को 'फिक्स्ड मैच' बताया था. 

Source : News Nation Bureau

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