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भारत-चीन तनाव : दोनों सेनाएं हो रहीं पीछे, उखड़ने लगे चीनियों के तंबू

भारत और चीन में सीमा पर जारी तनाव के बीच राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल ने रविवार को चीनी विदेश मंत्री वांग यी के साथ टेलीफोन पर बातचीत की. सीमा पर चल रहे गतिरोध को सुलझाने के लिए दोनों विशेष प्रतिनिधियों ने रविवार को भारत-चीन सीमा के पश्चिमी क्षेत्र में हाल के घटनाक्रमों पर विचारों का स्पष्टता एवं गहनता के साथ आदान-प्रदान किया.

Updated on: 07 Jul 2020, 04:41 PM

नई दिल्ली:

भारत और चीन में सीमा पर जारी तनाव के बीच राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल ने रविवार को चीनी विदेश मंत्री वांग यी के साथ टेलीफोन पर बातचीत की. सीमा पर चल रहे गतिरोध को सुलझाने के लिए दोनों विशेष प्रतिनिधियों ने रविवार को भारत-चीन सीमा के पश्चिमी क्षेत्र में हाल के घटनाक्रमों पर विचारों का स्पष्टता एवं गहनता के साथ आदान-प्रदान किया.

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वे इस बात पर सहमत हुए कि दोनों पक्षों को नेताओं की आम सहमति से मार्गदर्शन लेना चाहिए और भारत-चीन सीमा क्षेत्रों में शांति बनाए रखने के प्रयास करने चाहिए. उन्होंने इस बात पर भी चर्चा की कि दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों को आगे बेहतर बनाए रखने के लिए यह आवश्यक है कि दोनों पक्ष मतभेदों को विवादों में न बदलने दें. इसलिए उन्होंने एलएसी के पास सैनिकों को जल्द पूरी तरह से हटाने और शांति की पूर्ण बहाली के लिए भारत-चीन सीमा क्षेत्रों पर आमने-सामने की स्थिति से निपटने पर जोर दिया.

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भारतीय सेना के सूत्रों के मुताबिक दोनों सेनाएं तनाव वाली जगह से 1-1.5 किलोमीटर पीछे हटेंगी. पीछे हटने के बाद दोनों देशों की सेनाएं आगे की बातचीत करेंगी. दोनों देशों की सेनाएं सोमवार को पीछे हटना शुरू हो गई हैं. कुछ दिनों में सेनाएं पूरी तरह हट जाएंगी. सूत्रों के मुताबिक सोमवार को चीन ने सीमा पर बनाए गए अपने निर्माण को ढहाना शुरू कर दिया है.

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बैठक में इस बात पर भी सहमति बनी कि दोनों पक्ष एलएसी का उल्लंघन नहीं करेंगे और कोई भी पक्ष वहां यथास्थिति बदलने के लिए कोई एकपक्षीय कार्रवाई नहीं करेगा. इसके अलावा दोनों पक्षों ने माना कि भविष्य में ऐसी किसी भी घटना से बचने के लिए मिलकर काम करना चाहिए, जो सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति भंग कर सकती है.