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ग्रेटा थनबर्ग टूलकिट मामले में बड़ी कार्रवाई, दिल्ली पुलिस ने एक्टिविस्ट दिशा रवि को गिरफ्तार किया

भारत में चले रहे किसान आंदोलन का समर्थन करने वाली स्वीडिश जलवायु परिवर्तन कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग के टूलकिट मामले में बड़ी कार्रवाई हुई है.

Updated on: 14 Feb 2021, 11:07 AM

highlights

  • ग्रेटा थनबर्ग टूलकिट मामले में बड़ी कार्रवाई
  • बेंगलुरू से एक्टिविस्ट दिशा रवि अरेस्ट
  • टूलकिट को एडिट कर आगे भेजने का आरोप

नई दिल्ली:

भारत में चले रहे किसान आंदोलन का समर्थन करने वाली स्वीडिश जलवायु परिवर्तन कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग के टूलकिट मामले में बड़ी कार्रवाई हुई है. दिल्ली पुलिस (Delhi police) की स्पेशल सेल ने बेंगलुरु से एक क्लाइमेट एक्टिविस्ट को गिरफ्तार किया गया है. बताया जा रहा है कि पुलिस ने बेंगलुरू से 21 साल की क्लाइमेट एक्टिविस्ट दिशा रवि (climate activist Disha Ravi) को अरेस्ट किया है. उल्लेखनीय है कि बीते दिनों पर ने ग्रेटा थनबर्ग एक 'टूलकिट' साझा किया था, जिसमें लोगों को यह बताया गया कि कैसे किसानों के प्रदर्शन का लोगों को समर्थन करना चाहिए. 

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जानकारी के अनुसार, उत्तरी बेंगलुरु के फ्राइडे फॉर फ्यूचर कैम्पेन की संस्थापकों में से एक दिशा रवि से सोशल मीडिया साइटों के माध्यम से दिल्ली में किसान विरोध से संबंधित 'टूलकिट’ के प्रचार-प्रसार के लिए पूछताछ की गई थी. दिल्ली पुलिस की साइबर क्राइम सेल ने 4 फरवरी को सेक्शन 124A, 120A और 153 A के तहत भारतीय दंड संहिता के तहत देशद्रोह, आपराधिक षड्यंत्र रचने और घृणा फैलाने के आरोपों में पहली सूचना रिपोर्ट (FIR) दर्ज की थी. आरोप है कि दिशा रवि ने किसानों से जुड़े टूलकिट को एडिट कर उसमें कुछ चीजें जोड़कर के उसे आगे भेजा था.

असल में, दिल्ली पुलिस ने किसानों के प्रदर्शन के समर्थन में देश को बदनाम करने की 'अंतरराष्ट्रीय साजिश' की जांच के लिए अपने साइबर सेल के साथ प्राथमिकी दर्ज की थी. प्राथमिकी आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत 'आपराधिक साजिश' और 'समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने' के प्रयास के लिए दर्ज की गई थी. 26 जनवरी को हुई हिंसा सोशल मीडिया पर साझा किए गए टूलकिट में बताई गई थी.

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सोशल मीडिया हैंडल पर अपलोड किए गए 'टूलकिट डॉक्यूमेंट' की भी जांच की जा रही है. दिल्ली पुलिस का मानना है कि राष्ट्रीय राजधानी में 26 जनवरी की हुई हिंसा स्क्रिप्टेड थी. पुलिस अब उस आईपी एड्रेस का पता लगाने के लिए गूगल से संपर्क कर रही है, जहां से ये डॉक्यूमेंट अपलोड हुआ था. इस सिलसिले में अब 300 सोशल मीडिया हैंडल संदेह के घेरे में हैं. इसका मतलब यह है कि दिल्ली पुलिस को नए मोर्चे वुर्चअल सोशल मीडिया अकाउंट का सामना करना है और यह जांच अब 'अंतर्राष्ट्रीय' हो गई है.

दिल्ली पुलिस ने एक बयान में कहा था, 'टूल किट के रचनाकारों की मंशा विभिन्न सामाजिक, धार्मिक और सांस्कृतिक समूहों के बीच असहमति पैदा करना और भारत सरकार के खिलाफ असहमति और अंसतोष को प्रोत्साहित करना था. इसका उद्देश्य भारत के खिलाफ सामाजिक सांस्कृतिक और आर्थिक लड़ाई को भी गति देना है.'