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दिल्ली के ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन ने अपने गोवा समकक्ष की बिजली की दरों पर बहस की चुनौती स्वीकार की

दिल्ली के ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन ने अपने गोवा समकक्ष की बिजली की दरों पर बहस की चुनौती स्वीकार की

Updated on: 20 Jul 2021, 04:20 PM

पणजी:

दिल्ली के ऊर्जा मंत्री सत्येंद्र जैन ने गोवा के अपने समकक्ष नीलेश कैबराल की दिल्ली बिजली टैरिफ मॉडल बनाम गोवा में मौजूदा मॉडल की खूबियों पर बहस करने की चुनौती को स्वीकार कर लिया है।

जैन ने मंगलवार को ट्वीट कर बहस करने (डिबेट) की चुनौती को स्वीकार कर लिया है। बिजली के मुद्दे पर कैबराल ने पिछले हफ्ते जैन को उनके साथ बहस करने की चुनौती पेश की थी।

गोवा और दिल्ली सरकार के बीच विधानसभा चुनाव से पहले मुफ्त बिजली को लेकर बयानबाजी जारी है। इसी कड़ी में नीलेश कैबराल के बयान का पलटवार करते हुए दिल्ली के ऊर्जा मंत्री सत्येन्द्र जैन ने कहा कि वह मुफ्त बिजली को लेकर नीलेश से डिबेट करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि वह इसी रविवार को गोवा आ रहे हैं और इस दौरान वह उनके साथ बहस करेंगे।

जैन ने एक ट्वीट में कहा, नीलेश, मैंने सुना है कि आपने कहा है कि आप दिल्ली के बिजली मंत्री के साथ आप की मुफ्त और चौबीसों घंटे बिजली की घोषणा पर बहस करना चाहते हैं। मैं आपकी चुनौती स्वीकार करता हूं। मैं इस रविवार को गोवा में रहूंगा। मुझे उम्मीद है कि रविवार दोपहर 3 बजे आपके साथ बहस करने के लिए ठीक समय है। वहां मिलते हैं।

पिछले हफ्ते, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गोवा में की गई एक घोषणा में कहा था कि अगर आप सत्ता में आती है, तो घरेलू घरों में खपत की जाने वाली पहली 300 यूनिट बिजली मुफ्त होगी। इसके अलावा उन्होंने दिल्ली सरकार की तर्ज पर गोवा में चौबीस घंटे निर्बाध बिजली आपूर्ति का वादा भी किया।

केजरीवाल ने दिल्ली में बिजली शुल्क मॉडल को तटीय राज्य में भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा लागू किए गए मॉडल से बेहतर बताया।

घोषणा पर प्रतिक्रिया देते हुए, कैबराल ने 16 जुलाई को दिल्ली सरकार के बिजली शुल्क की आलोचना करते हुए दावा किया कि गोवा पहले से ही तटीय राज्य में घरेलू उपभोक्ताओं को बेहतर और सस्ती बिजली प्रदान कर रहा है। कैबराल ने दिल्ली के मुख्यमंत्री या उत्तरी राज्य के बिजली मंत्री को दो मॉडलों के गुण और दोषों पर बहस करने की चुनौती दी।

यह दूसरी बार है जब दोनों राज्यों में टैरिफ ढांचे ने दोनों राजनीतिक दलों के नेताओं के बीच बयानबाजी शुरू कर दी है।

पिछले साल नवंबर में कैबराल और आप विधायक एवं दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष राघव चड्ढा ने भी अपने-अपने राज्यों में बिजली दरों पर बहस करने को लेकर चुनौती दी थी।

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