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LAC पर चीन के खिलाफ सैन्य तैयारियों का जायजा लेंगे रक्षामंत्री राजनाथ

इस दौरे से ठीक पहले रक्षा मंत्री ने नेवी के नवनिर्मित एयरक्राफ्ट कैरियर से दुश्मन के खिलाफ नेवी की समुचित तैयारियों का जिक्र किया और गलवान हिंसा का विशेष रूप से जिक्र करते हुये नेवी के अलर्ट का हवाला दिया.

Updated on: 26 Jun 2021, 09:30 PM

highlights

  • रविवार को रक्षामंत्री राजनाथ LAC दौरे पर
  •  LAC पर सैन्य तैयारियों का लेंगे जायजा
  • कई सामरिक सड़कों का रक्षामंत्री करेंगे उद्घाटन

नयी दिल्ली:

LAC पर चीन के साथ डिशएंगेजमेंट की बाधित प्रक्रिया के बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का तीन दिवसीय लद्दाख दौरा रविवार से हो रहा है. इस दौरे में रक्षा मंत्री LAC पर चीन के खिलाफ सैन्य तैयारियों का जायजा लेंगे. इसके साथ ही रक्षामंत्री सामरिक रूप से महत्वपूर्ण लगभग एक दर्जन सड़कों का उद्घाटन भी करेंगे. इस दौरे से ठीक पहले रक्षा मंत्री ने नेवी के नवनिर्मित एयरक्राफ्ट कैरियर से दुश्मन के खिलाफ नेवी की समुचित तैयारियों का जिक्र किया और गलवान हिंसा का विशेष रूप से जिक्र करते हुये नेवी के अलर्ट का हवाला दिया.

यह दौरा ऐसे वक्त पर हो रहा है जिसके ठीक 2 दिन पहले चीन और भारत ने वर्किंग मैनेजमेंट फ़ॉर कंसल्टेशन और कॉर्डिनेशन (WMCC) के तहत राजनयिक स्तर पर बातचीत की और अपने पुराने समझौतों के तहत सीमा पर शांति और सद्भाव बनाये रखने के संकल्प को दुहराया. लेकिन गौरतलब ये है कि गलवान और पंगोंगत्से के अलावा चीन ने कही भी अपनी सेना को पीछे नही हटने दिया. 

आपको बता दें कि अबतक कोर कमांडर स्तर की 12 और राजनयिक स्तर की WMCC वाली 22बैठकें हो चुकी है और नतीजे गलवान और पंगोंगत्से के अलावा LAC के बाकी हिस्सों में सिफर ही रहें हैं. गोग्रा ,हॉट स्प्रिंग और देपसांग जैसे इलाकों में दोनों देश की सेनायें आमने सामने खड़ी है. लगभग 50 हज़ार की संख्या में यह मिरर डिप्लॉयमेंट भारत-चीन के बीच LAC को दुनिया के सबसे बड़े तनावग्रस्त इलाकों में तब्दील कर चुका है, जहा गलवान हिंसा के एक बरस बीत जाने के बाद भी डीसेंगजमेंट की प्रक्रिया अधर में लटकी हुई है.

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विदेश मंत्रालय के आरोप प्रत्यारोप
इस तनाव के लिए चंद दिनों पहले ही चीन के विदेश मंत्रालय ने भारत पर आरोप मढ़े तो बिना देरी किये भारत के विदेश मंत्रालय ने चीन को आईना दिखा दिया. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि इस हालात की समूची जिम्मेवारी चीन के ऊपर है जिसने LAC पर "स्टेटस को" को बदलने की कोशिस की और फिर स्थिति बिगड़ी.

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सैन्य तैयारियां
डीसेंगजमेंट प्रक्रिया को लेकर चीन की सुस्ती और LAC के उस पार तिब्बत रीजन से लेकर चुसुल की चोटियों तक जारी सैन्य तैयारियां साफ इशारा करती है कि इसके पीछे चीन का कोई बड़ा गेम प्लान है. चीन के इस आल वेदर तनाव और दबाव की रणनीति को देखते हुये भारत भी LAC पर अपनी तैयारियों में कोई कसर नहीं छोड़ रहा. 

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स्ट्रेटेजिक रोड्स
चीन के साथ मौजूदा तनाव का सिलसिला भी LAC पर भारत की सामरिक तैयारियों से ही शुरू हुई थी जब भारत ने सामरिक रूप से अति महत्वपूर्ण 256 किमी. लंबी दुरबुक श्योक दौलत बेग ओल्डी रोड को मूर्त रूप दिया. DSDBO के नाम से जानी जाने वाली यह सड़क भारतीय सेना को अक्साई चीन तक घुस जाने का रास्ता देती है. लेकिन चीन के भिड़ंत, तनाव और दबाव से इतर भारत ने मिरर डिप्लॉयमेंट के साथ साथ अपनी सामरिक तैयारियों को जारी रखा है जिसमे सबसे महत्वपूर्ण आल वेदर रोड्स  है. पिछले सप्ताह ही रक्षा मंत्री ने असम से 12 सड़कों का उद्घाटन किया था जिसमे 10 सड़कें अरुणाचल की थी. लदाख के इस दौरे के दौरान भी रक्षा मंत्री आल वेदर कनेक्ट करने वाली कई महत्वपूर्ण सड़को का उद्घाटन कर चीन को चेता देंगे की भारत की तैयारियां भी पुरजोर तरीके से जारी है और तनाव को कम करने का सारा दारोमदार ड्रैगन का होगा.