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कोरोना वायरस: अमेरिका ने भारत को 100 वेंटिलेटर की पहली खेप सौंपी

कोरोना वायरस वैश्विक महामारी से निपटने में भारत की मदद करने की अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की पेशकश के तहत अमेरिका ने भारत को मंगलवार को 100 वेंटिलेंटर सौंपे, जिनकी कीमत करीब 12 लाख डॉलर है.

Updated on: 16 Jun 2020, 10:39 PM

दिल्ली:

कोरोना वायरस वैश्विक महामारी से निपटने में भारत की मदद करने की अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की पेशकश के तहत अमेरिका ने भारत को मंगलवार को 100 वेंटिलेंटर सौंपे, जिनकी कीमत करीब 12 लाख डॉलर है. भारत में अमेरिका के राजदूत केनेथ जस्टर ने यहां भारतीय रेड क्रॉस सोसाइटी (आईआरसीएस) के मुख्यालय में एक कार्यक्रम के दौरान सोसाइटी के महासचिव जनरल आर के जैन को 100 वेंटिलेटरों की पहली खेप सौंपी.

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अमेरिकी दूतावास ने एक बयान में बताया कि अमेरिका सरकार ने कोविड-19 से निपटने में भारत की मदद करने के मकसद से अंतरराष्ट्रीय विकास के लिए अमेरिकी एजेंसी (यूएसएआईडी) के जरिए भारत को नए एवं अत्याधुनिक 100 वेंटिलेटरों की पहली खेप दान की. राजदूत जस्टर ने कार्यक्रम में कहा, ‘‘कोविड-19 वैश्विक महामारी ने वैश्विक स्तर पर स्वास्थ्य को अप्रत्याशित खतरा पैदा कर दिया है.

साझेदारी और सहयोग के जरिए ही हम दुनियाभर के लोगों के लिए स्वस्थ भविष्य सुनिश्चित कर पाएंगे.’’ उन्होंने कहा, ‘‘इसी भावना के तहत अमेरिका को भारत के लिए वेंटिलेटर दान करते हुए खुशी हो रही है जो कि अमेरिकी लोगों की उदारता और अमेरिकी निजी उद्योग के नवोन्मेष से संभव हुआ है.’’

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जस्टर ने बताया कि 100 वेंटिलेटर इकाइयों की कीमत करीब 12 लाख डॉलर है. राष्ट्रपति ट्रंप ने मई को घोषणा की थी कि ‘अदृश्य दुश्मन’ के खिलाफ लड़ाई में मदद के लिए अमेरिका भारत को वेंटिलेटर देगा. भारतीय रेड क्रॉस ने कहा कि वह कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में सहायता के लिए अत्याधुनिक वेंटिलेटर के उपहार के लिए अमेरिकी सरकार का शुक्रिया अदा करती है. इससे नाजुक स्थिति वाले मरीजों को काफी फायदा पहुंचेगा. यूएसएआईडी ने बताया कि वेंटिलेटर की पहली खेप सोमवार को देश में पहुंची थी.