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कांग्रेस को फिर ले डूबेगी कलह, बीजेपी को गुजरात में राज्यसभा की 3 सीटें जीतने का भरोसा

चार सीटों पर 19 जून को होने वाले चुनाव के लिए बीजेपी और कांग्रेस के बीच जोड़-तोड़ चल रही है. कांग्रेस (Congress) के आठ विधायकों के इस्तीफे देने के बाद अब बीजेपी को तीसरी सीट भी जीतने का पूरा भरोसा हो चला है.

Updated on: 07 Jun 2020, 07:07 AM

highlights

  • चार सीटों पर 19 जून को होने वाले चुनाव के लिए बीजेपी और कांग्रेस के बीच जोड़-तोड़.
  • कांग्रेस के आठ विधायकों के इस्तीफे के बाद बीजेपी को तीसरी सीट भी जीतने का भरोसा.
  • 182 सदस्यीय गुजरात विधानसभा में भाजपा के पास 103 और कांग्रेस के पास 65 विधायक.

नई दिल्ली:

गुजरात (Gujarat) में राज्यसभा (Rajyasabha) की कुल चार सीटों पर 19 जून को होने वाले चुनाव के लिए बीजेपी और कांग्रेस के बीच जोड़-तोड़ चल रही है. कांग्रेस (Congress) के आठ विधायकों के इस्तीफे देने के बाद अब बीजेपी को तीसरी सीट भी जीतने का पूरा भरोसा हो चला है. भाजपा (BJP) के प्रदेश महामंत्री भरत सिंह परमार कहते हैं कि कांग्रेस तो घर की लड़ाई का शिकार हो गई है. उसके दो नेता एक सीट के लिए आपस में सिर फुटव्वल किए पड़े हैं. दरअसल, भाजपा के प्रदेश महामंत्री का इशारा कांग्रेस में प्रथम वरीयता के वोटों के लिए उम्मीदवारों भरत सिंह सोलंकी और शक्ति सिंह गोहिल के बीच चल रही पॉवर पॉलिटिक्स को लेकर था. दोनों उम्मीदवार अपने-अपने समर्थक विधायकों को रिसॉर्ट में जुटा रहे हैं. भरत सिंह की ओर से बीते शुक्रवार को आणंद स्थित ऐरिस रिवरसाइड रिसोर्ट में 10 विधायकों को लामबंद करने की खबर रही.

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राज्यसभा चुनाव का समीकरण
दरअसल, 182 सदस्यीय गुजरात विधानसभा में इस वक्त भाजपा के पास 103 और कांग्रेस के पास 65 विधायक हैं. पहले कांग्रेस के पास आठ और विधायक थे, मगर लॉकडाउन से पहले पांच ने इस्तीफा दिया था और हाल में कुछ दिनों के भीतर तीन और विधायक इस्तीफा दे चुके हैं. ऐसे में कांग्रेस के पास अब 65 विधायक रह गए हैं. राज्यसभा की एक सीट जीतने के लिए 35 वोट की जरूरत है. अगर कांग्रेस के आठ विधायक इस्तीफा न देते तो पार्टी दो सीटें जीतने में सफल हो सकती थी, लेकिन अब सिर्फ एक ही सीट जीतने की स्थिति में है. इसी तरह बीजेपी की बात करें तो उसे तीन सीटें जीतने के लिए कुल 106 वोट चाहिए. बीजेपी के पास 103 विधायक हैं. बीजेपी को सिर्फ तीन वोटों की दरकार है. पार्टी को यह वोट दो तरह से मिल सकते हैं. भाजपा, भारतीय ट्राइबल पार्टी के दो और एनसीपी के एक विधायकों को अपने पाले में लाने की कोशिश कर रही है. हालांकि अब तक इन विधायकों का समर्थन कांग्रेस को मिलता रहा है मगर माना जा रहा है कि बदली परिस्थितियों में पलड़ा मजबूत देखकर ये विधायक बीजेपी के साथ खड़े हो सकते हैं. इसके अलावा कांग्रेस में आंतरिक कलह के कारण क्रास वोटिंग भी हो सकती है. बीजेपी को पूरा भरोसा है कि वह तीन अतिरिक्त वोटों की व्यवस्था कर तीनों सीट जीतने में सफल होगी.

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कांग्रेस में मची है कलह
कांग्रेस ने शक्ति सिंह गोहिल और भरत सिंह सोलंकी को राज्यसभा का उम्मीदवार घोषित किया है. कांग्रेस की पहली पसंद शक्ति सिंह गोहिल हैं. जिसे प्रथम वरीयता का वोट मिलेगा, वही सीट पर जीतेगा. ऐसे में चौथी सीट की लड़ाई कांग्रेस के दोनों प्रत्याशियों शक्ति सिंह गोहिल और भरत सिंह सोलंकी के बीच नजर आ रही है. दोनों नेता अपने समर्थक विधायकों को लामबंद कर रहे हैं. अगर पार्टी की पसंद के हिसाब से शक्ति सिंह गोहिल को प्रथम वरीयता का वोट मिला, तो फिर भरत सिंह सोलंकी की हार होगी. ऐसे में भरत सिंह सोलंकी अपने समर्थक विधायकों का प्रथम वरीयता का वोट हासिल करने के लिए उन्हें रिसॉर्ट में एकत्र किए हैं. कांग्रेस के अंदरखाने मची इस कलह का बीजेपी भरपूर फायदा उठाना चाहती है. भाजपा ने अभय भारद्वाज, रमीला बारा को वहीं नरहरि अमीन को तीसरे उम्मीदवार के तौर पर राज्यसभा चुनाव में उतारा है.