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Nehru Memorial: नेहरू मेमोरियल के नाम बदलने पर भड़की कांग्रेस तो BJP ने भी किया पलटवार

Nehru Memorial : देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में स्थित नेहरू मेमोरियल संग्राहलय और पुस्तकालय (NMML) का नाम बदलकर 14 अगस्त को प्रधानमंत्री संग्राहलय और पुस्तकालय (PMML) सोसायटी कर दिया गया है.

Updated on: 16 Aug 2023, 05:29 PM

नई दिल्ली:

Nehru Memorial : देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में स्थित नेहरू मेमोरियल संग्राहलय और पुस्तकालय (NMML) का नाम बदलकर 14 अगस्त को प्रधानमंत्री संग्राहलय और पुस्तकालय (PMML) सोसायटी कर दिया गया है. इसे लेकर कांग्रेस (Congress) ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) के खिलाफ जमकर निशाना साधा है. इस पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने भी पटलवार किया है. आइये जानते हैं कि इसे लेकर किन राजनीतिक पार्टियों के नेताओं ने क्या क्या कहा है ?

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कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि यह अफसोस की बात है कि नौबत यहां तक आ गई. मुझे लगता है कि सभी प्रधानमंत्रियों को समायोजित करने के लिए इमारत का विस्तार करने का विचार एक अच्छा विचार है, लेकिन इस प्रक्रिया में अंतरिम सरकार का नेतृत्व करने वाले पहले प्रधानमंत्री जो स्वतंत्रता के बाद प्रधानमंत्री रहे, उनका हटाना एक छोटी बात है. वे अब तक सबसे लंबे समय तक सेवा देने वाले पीएम हैं. आप इसे नेहरू मेमोरियल प्राइम मिनिस्टर्स म्यूजियम कहना जारी रख सकते थे. यह तुच्छता दुर्भाग्यपूर्ण है और यह हमारे अपने ऐतिहासिक अतीत के प्रति एक निश्चित कड़वाहट को दर्शाता है.

नेहरू मेमोरियल संग्रहालय और पुस्तकालय का नाम बदलकर प्रधानमंत्री संग्रहालय और पुस्तकालय करने पर महाराष्ट्र कांग्रेस के नेता अशोक चव्हाण ने कहा कि नाम बदलना अब रोजमर्रा की बात हो गई है. मेरी राय में राजनीति में बदलाव के हिसाब से नाम नहीं बदलने चाहिए. देश में कुछ नई चीज बनती है तो उसको नाम दें. मुझे नहीं लगता कि संस्थानों के नाम बदलने को लेकर लोगों में कोई सराहना है. 

कांग्रेस सांसद मनिकम टैगोर ने कहा कि यह हमारे पहले प्रधानमंत्री पंडित नेहरू के खिलाफ नफरत है. वे आजादी दिलाने के क्रम में लिए जेल गए. पीएम मोदी वाजपेयी जी की पुण्य तिथि पर पंडित नेहरू की उस विरासत को मिटाना चाहते हैं जिसे पूर्व पीएम लाल बहादुर शास्त्री और पूर्व राष्ट्रपति सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने बनाया था. पंडित नेहरू लोगों के दिलों में रहते हैं और उन्हें पूरे भारत में प्यार मिलता है.

कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी का कहना है कि नेहरू ने स्वतंत्रता आंदोलन में बड़ा योगदान दिया और आजादी दिलाने में मदद की. जिस व्यक्ति ने इस देश को आजादी दिलाई उस व्यक्ति के नाम पर रहे नेहरू मेमोरियल म्यूजियम और लाइब्रेरी का नाम बदलना देश के लिए अपमानजनक है. जवाहरलाल नेहरू ने इतनी लंबी लकीर खींच दी है कि उन्हें आपकी दया की जरूरत नहीं है. उनका नाम अमर है.

उद्धव ठाकरे गुट के सांसद संजय राउत ने कहा कि उनके पास और क्या बचा है? आप इमारत का नाम बदल सकते हैं, लेकिन आप इतिहास में वर्णित पंडित नेहरू का नाम नहीं बदल सकते. आप महात्मा गांधी, पंडित नेहरू, नेताजी सुभाष चंद्र बोस, सावरकर जी द्वारा बनाए गए इतिहास को नहीं बदल सकते. आप उनके जैसा इतिहास नहीं बना सकते इसलिए आप नाम बदल रहे हैं. 

AAP नेता सौरभ भारद्वाज का कहना है कि बीजेपी को लोकसभा और राज्यसभा जाना चाहिए, तब उन्हें पता चलेगा कि संसद में विपक्ष के साथ कैसा व्यवहार किया जाता है. यहां (दिल्ली विधानसभा) अभी भी लोकतंत्र कायम है, जबकि संसद में लोकतंत्र मर चुका है. नेहरू मेमोरियल संग्रहालय और पुस्तकालय का नाम बदलकर प्रधानमंत्री संग्रहालय और पुस्तकालय कर देने पर उन्होंने कहा कि यह भाजपा की संस्कृति को दर्शाता है, जहां मृत व्यक्ति का भी अपमान किया जाता है.

भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद का कहना है कि कांग्रेस पार्टी और जयराम रमेश व पीएम नरेंद्र मोदी की सोच में बुनियादी अंतर है. वे (कांग्रेस) सोचते हैं कि केवल नेहरू जी और परिवार ही मायने रखते हैं. नरेंद्र मोदी ने देश के सभी प्रधानमंत्रियों को म्यूजियम में सम्मानजनक स्थान दिया. लाल बहादुर शास्त्री को वहां क्यों नहीं मिली जगह? वहां न तो इंदिरा गांधी थीं, न राजीव गांधी, न मोरारजी देसाई, न चौधरी चरण सिंह, न अटल बिहारी वाजपेई, न आईके गुजराल, न एचडी देवेगौड़ा... जब सभी प्रधानमंत्रियों को जगह मिल रही है, तो यह प्रधानमंत्री स्मृति पुस्तकालय बन रहा है.

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केंद्रीय मंत्री अजय भट्ट का कहना है कि यह अच्छी बात है और उनके (जवाहरलाल नेहरू) सम्मान में कोई कमी नहीं आएगी. यह दिखाने के लिए किया जाता है कि पूर्व प्रधानमंत्रियों के कार्यकाल में क्या किया गया, वे देश के प्रति कितने समर्पित थे और उन्हें अपने कार्यकाल के दौरान किन परिस्थितियों का सामना करना पड़ा. नेहरू मेमोरियल संग्रहालय और पुस्तकालय का नाम बदलकर प्रधानमंत्री संग्रहालय और पुस्तकालय करने के बाद हर पूर्व प्रधानमंत्री को समान सम्मान मिलेगा.