logo-image

किसान मार्च पर हरियाणा-पंजाब सरकार में टकराव! CM खट्टर के PA ने तथ्यों के साथ कैप्टन पर लगाए आरोप

केंद्र के 3 नए कृषि कानूनों के खिलाफ हरियाणा दिल्ली बॉर्डर पर किसान प्रदर्शनकारी अभी भी डटे हुए हैं. केंद्र सरकार की अपील और आश्वासन के बाद भी किसान पीछे हटने को राजी नहीं हैं.

Updated on: 29 Nov 2020, 10:45 AM

चंडीगढ़:

केंद्र के 3 नए कृषि कानूनों के खिलाफ हरियाणा दिल्ली बॉर्डर पर किसान प्रदर्शनकारी अभी भी डटे हुए हैं. केंद्र सरकार की अपील और आश्वासन के बाद भी किसान पीछे हटने को राजी नहीं हैं. जहां टिकरी बॉर्डर पर किसान प्रदर्शनकारियों का विरोध प्रदर्शन अभी भी जारी है, वहीं सिंघु बॉर्डर पर भी किसान डेरा डाले हुए हैं. किसानों के आंदोलन पर राजनीति भी जमकर हो रही है. कांग्रेस खुद को किसानों की हितैषी बताते हुए उनके आंदोलन का समर्थन कर रही है तो वहीं बीजेपी इस पूरे प्रकरण को राजनीति से प्रेरित बता रही है. आरोप-प्रत्यारोप के बीच हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के निजी सचिव ने एक बड़ा खुलासा किया है.

यह भी पढ़ें: किसान आंदोलन से फलों, सब्जियों की आपूर्ति पर गहरा असर

मनोहर लाल खट्टर के निजी सचिव अभिमन्यु ने कुछ सरकारी रिकॉर्ड सामने रखे हैं, जिनके जरिए उन्होंने पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के झूठ का पर्दाफाश करने का दावा किया है. सीएम के निजी सचिव अभिमन्यु ने हरियाणा के सीएम ऑफिस का वो रिकॉर्ड जारी किया जिसमें सीधे तौर पर दिख रहा है कि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने 23 और 24 नवंबर को पंजाब से दिल्ली कूच का ऐलान करने वाले किसानों को रोकने और समझाने को लेकर बात करने के लिए कैप्टन अमरिंदर सिंह के सरकारी निवास और उनके फार्म हाउस पर 23 तारीख को 2 बार और 24 तारीख को 9 बार फोन किया.

फोन पर सीएम मनोहर लाल खट्टर पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह से ये बात करना चाहते थे कि पंजाब से हरियाणा होकर दिल्ली जाने वाले किसानों को वो रोकने और समझाने का प्रयास करें. अगर जरूरत है तो हरियाणा के सीएम पंजाब के सीएम के साथ जाकर केंद्र सरकार तक किसानों की बात पहुंचाने और इस मसले का समाधान निकालने का प्रयास कर सकते हैं. हरियाणा सरकार के सीएम हाउस के रिकॉर्ड के मुताबिक, 23 और 24 तारीख को करीब एक दर्जन प्रयास करने के बावजूद पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने हरियाणा के सीएम से बात नहीं की और ना ही पंजाब सीएम के स्टाफ या उनके ऑफिस की तरफ से हरियाणा के सीएम ऑफिस को कोई कॉल बैक किया गया.

यह भी पढ़ें: अमित शाह की बात भी नहीं आई काम, अपने रुख पर अड़े किसान

मगर दूसरी ओर नेशनल न्यूज चैनलों पर कैप्टन अमरिंदर सिंह यह कहते फिर रहे हैं कि वो मनोहर लाल खट्टर से फोन पर बात नहीं करेंगे, क्योंकि उन्होंने पंजाब से हरियाणा में दाखिल हो रहे किसानों पर पुलिस की कार्रवाई करवाई. खट्टर के निजी सचिव अभिमन्यु ने साफ किया है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह जो कुछ भी मीडिया के सामने आकर अब कह रहे हैं, वो झूठ है और हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर के कई प्रयासों के बावजूद उन्होंने बात करना तक उचित नहीं समझा. 

कैप्टन अमरिंदर सिंह के झूठ का पर्दाफाश करने के लिए हरियाणा सीएम दफ्तर से पंजाब सीएम से संपर्क साधने के लिए जितने भी फोन कॉल किए गए उसे ट्विटर पर अभिमन्यु जी ने सार्वजनिक कर दिया है. उल्लेखनीय है कि इससे पहले मुख्यमंत्री खट्टर ने भी आरोप लगाया कि केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ कुछ राजनीतिक दल एवं संगठन किसान आंदोलन को प्रायोजित कर रहे हैं. खट्टर ने पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह पर भी हमला बोला और दावा किया वह इस मसले पर उनसे बातचीत करना चाहते थे और तीन दिन तक उनके कार्यालय में टेलीफोन किया लेकिन उन्होंने इसका कोई उत्तर नहीं दिया.

यह भी पढ़ें: LIVE: सिंधू-टिकरी बॉर्डर पर डटे हैं किसान, सड़कें जाम होने से आम लोग परेशान

हालांकि, अमरिंदर सिंह ने खट्टर के उन आरोपों को खारिज किया कि बार-बार प्रयास के बावजूद उन्होंने हरियाणा के मुख्यमंत्री से बातचीत नहीं की. सिंह ने कहा कि वह खट्टर से तब तक बात नहीं करेंगे, जब तक वह दिल्ली कूच कर रहे किसानों पर हुई बर्बरता के लिए माफी नहीं मांग लेते.