अयोध्या विवाद पर शाहरुख खान से मध्यस्थता कराना चाहते थे सीजेआई बोबडे : एससीबीए प्रमुख
सिंह ने कहा,
highlights
- बोबडे ने बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान से अयोध्या विवाद में मध्यस्थता चाहते थे
- विकास सिंह ने एससीबीए द्वारा आयोजित प्रधान न्यायाधीश के विदाई कार्यक्रम में यह खुलासा किया
- सिंह ने कहा कि अयोध्या विवाद के शुरूआती चरणों के दौरान, तब न्यायाधीश बोबड़े का दृढ़ विचार था
नई दिल्ली:
वरिष्ठ अधिवक्ता और सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) के अध्यक्ष विकास सिंह ने शुक्रवार को कहा कि भारत के निवर्तमान प्रधान न्यायाधीश एस. ए. बोबडे ने उनसे कहा था कि वह बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान से पूछें कि क्या वह अयोध्या विवाद में मध्यस्थता करने के लिए तैयार हैं? विकास सिंह ने एससीबीए द्वारा आयोजित प्रधान न्यायाधीश के विदाई कार्यक्रम में यह खुलासा किया. सिंह ने कहा कि अयोध्या विवाद के शुरूआती चरणों के दौरान, तब न्यायाधीश बोबड़े का दृढ़ विचार था कि इस विवाद को मध्यस्थता के माध्यम से सुलझाया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि यह न्यायमूर्ति बोबडे का खुली अदालत में सुझाव था कि एक समिति को विवाद में संभावित मध्यस्थता का पता लगाना चाहिए.
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सिंह ने कहा कि जब मध्यस्थता प्रक्रिया चल रही थी और अगर सिर्फ मध्यस्थता के लिए न्यायमूर्ति बोबडे की प्रतिबद्धता को देखें तो उन्होंने मुझसे इस संबंध में पूछा था. क्योंकि वह जानते थे कि मैं शाहरुख खान के परिवार को अच्छी तरह से जानता हूं. इसलिए उन्होंने मुझसे पूछा कि अगर हम मध्यस्थता के साथ आगे बढ़ते हैं तो क्या शाहरुख खान मध्यस्थता में भाग लेने के लिए इच्छुक होंगे.
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सिंह ने कहा, "मैंने शाहरुख खान के साथ इस मामले पर चर्चा की और वह इस मध्यस्थता का हिस्सा बनने के लिए तैयार थे. क्योंकि उन्हें लगा कि इस देश में यह सबसे अच्छा तरीका है कि हिंदू-मुस्लिम धार्मिक सद्भाव के साथ शांति से रह सकें और उन्होंने सुझाव दिया कि मंदिर की आधारशिला कुछ प्रमुख मुसलमानों द्वारा रखी जानी चाहिए. इसी तरह से मस्जिद की आधारशिला प्रमुख हिंदुओं द्वारा रखी जानी चाहिए. हालांकि दुर्भाग्य से मध्यस्थता आगे नहीं बढ़ पाई."
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उन्होंने कहा कि न्यायमूर्ति बोबडे की ओर से मध्यस्थता की कोशिश करने के बारे में जो सोच थी, वह निश्चित रूप से हितकारी थी, क्योंकि यह एक ऐसी चीज है, जिसमें दिखाया जा सकता है कि हम शांति से कैसे रह सकते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने नवंबर 2019 में हिंदू पक्ष के पक्ष में अयोध्या विवाद का फैसला किया था. न्यायाधीश बोबड़े पांच जजों की उस पीठ का हिस्सा थे, जिसने इस मामले में फैसला सुनाया था. इस दौरान सिंह ने यह भी कहा कि न्यायमूर्ति बोबडे एक मोटरसाइकिल प्रेमी हैं और साथ ही वह टेनिस खेलने के भी शौकीन हैं.
उन्होंने यह भी खुलासा किया कि एक बार न्यायमूर्ति बोबडे अपनी हार्ले डेविडसन मोटरसाइकिल से गिर गए थे और वह घायल हो गए थे. सिंह ने कहा, वह भारी थी, लेकिन सीजेआई का कहना था कि वह इस तरह की बाइकों के अभ्यस्त हैं. उन्होंने यह भी कहा कि प्रधान न्यायाधीश बार के युवा सदस्यों के प्रति मिलनसार रहे हैं. उन्होंने हमेशा महसूस किया कि बार बेंच की मां हैं.
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