चीन सैटेलाइट से रख रहा भारत पर नजर, नेपाल के आकाश का प्रयोग
चीन पूर्वी लद्दाख समेत भारतीय सीमा से सटे इलाकों में अपनी सैनिकों की तैनाती बढ़ा रहा है, बल्कि भारत की जासूसी के लिए अपने सैटेलाइट (Satellite) का इस्तेमाल भी कर रहा है.
नई दिल्ली:
पूर्वी लद्दाख (Ladakh) में सीमा विवाद के समाधान के लिए कई स्तरों की बातचीत के बावजूद भारत-चीन (India-China) संबंधों में तनाव बरकरार है. ऐसे में चीन पूर्वी लद्दाख समेत भारतीय सीमा से सटे इलाकों में अपनी सैनिकों की तैनाती बढ़ा रहा है, बल्कि भारत की जासूसी के लिए अपने सैटेलाइट (Satellite) का इस्तेमाल भी कर रहा है. उत्तर प्रदेश की पीलीभीत-नेपाल (Nepal) सीमा के ऊपर आकाश में चीन के सैटेलाइट की उपस्थिति पाए जाने के बाद भारतीय सुरक्षा एजेंसियां सतर्क हो गई हैं. स्थानीय से लेकर सैन्य खुफिया में खलबली है और इलाके में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है. ॉ
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दिल्ली से मिली जानकारी
सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय खुफिया एजेंसी दिल्ली ने नेपाल सीमा पर पीलीभीत में सैटेलाइट के जरिये तस्वीर लिए जाने का अलर्ट जारी किया था. इसके बाद गुरुवार देर रात तक तमाम अधिकारी और एजेंसियां सक्रिय हो गई. मामले की छानबीन चलती रही. डीआईजी रेंज राजेश पांडेय, एसएसपी शैलेश कुमार पांडेय ने एयरफोर्स स्टेशन के अधिकारियों, आर्मी इंटेलिजेंस के अफसरों से बातचीत की. आईबी के अधिकारियों से भी घटना के बारे में जानकारी ली गई. डीआईजी ने एसपी पीलीभीत से पूरे मामले की रिपोर्ट ली. नेपाल सीमा पर तैनात अधिकारियों से भी बातचीत की गई. पूरी नेपाल सीमा पर डीआईजी ने अलर्ट जारी कर पेट्रोलिंग बढ़ा दी गई है.
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तीन बार भिड़ चुके हैं भारत-चीन
गौरतलब है कि 45 सालों में भारत से चीन का करीब तीन बार विवाद हो चुका है. दोनों देशों में आपसी सहमति के बाद विवाद को सुलझाया साथ ही व्यापार और निवेश को लंबे समय तक चलते रहने दिया. 1962 में भारत और चीन के बीच हुए युद्ध को अब तक सबसे बड़ा युद्ध माना गया है. उस समय यह युद्ध करीब एक महीने तक चला था. उसे समय गलवान के आर्मी पोस्ट पर तैनात भारतीय सेना के 33 जवान शहीद हो गए थे. दर्जनों सैनिकों को बंदी भी बनाया गया था. इसके बाद चीन ने अक्साई-चीन पर अपने दावे वाले क्षेत्र पर कब्जा कर लिया था. यहीं से भारत और चीन के बीच युद्ध की शुरुआई हुई थी जो अब तक जारी है. 1967 में नाथु ला में चीन और भारत के कई सैनिक मारे गए थे. इस बच दोनों देशों की सेनाओं ने अलग-अलग दावे किए थे. इसके बाद 1975 में भारतीय सेना के गश्ती दल पर अरुणाचल प्रदेश में एलएसी पर चीनी सेना ने हमला किया था.
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अप्रैल में शुरू हुआ नया विवाद
1962 की लड़ाई के बाद पूर्वी लद्दाख में हिंसक झड़प के बाद भारत-चीन सीमा पर फिर से विवाद बढ़ गया है. गलवान घाटी को अपने-अपने देश का हिस्सा बताकर दोनों देश की सेनाओं में विवाद उत्पन्न हुआ है. जिस समय दुनियाभर के लोग कोरोना संकट से जूझ रहे थे तो वहीं दूसरी तरफ भारत और चीन सीमा विवाद को लेकर आमने-सामने आ गए थे. अप्रैल के तीसरे सप्ताह में शुरू हुई यह जंग अब तक जारी है. इसके बाद दोनों देशों की सीमाओं पर सुरक्षा बढ़ा दी गई थी. गलवान घाटी पर भारत और चीन सीमा के बढ़ रहे विवाद के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी गलवान घाटी का दौरा कर चुके हैं. यही नहीं, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और सेना अध्यक्ष जनरल नरवणे ने भी सीमा का दौरा किया था.
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