भारत के लिए पाकिस्तान से बड़ा खतरा है चीन, शरद पवार ने दी पीएम मोदी को नसीहत
पवार ने शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ को दिए साक्षात्कार में कहा कि केंद्र को वार्ता और राजनयिक माध्यमों से चीन पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बनाने की कोशिश करनी चाहिए.
highlights
- भारत के दोस्तों को चीन ने अपनी ओर किया.
- पाकिस्तान की तुलना में कहीं बड़ा दुश्मन.
- शरद पवार ने दी मोदी सरकार को नसीहत.
नई दिल्ली:
चीन (China) के साथ मौजूदा तनाव के बीच राकांपा अध्यक्ष शरद पवार (Sharad Pawar) ने कहा कि भारत के लिए पाकिस्तान से बड़ा खतरा चीन है. पूर्व रक्षा मंत्री ने कहा कि चीन की सैन्य ताकत भारत से 10 गुना अधिक है और उसने भारत के पड़ोसियों को अपनी ओर कर लिया है. पवार ने शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ को दिए साक्षात्कार में कहा कि केंद्र को वार्ता और राजनयिक माध्यमों से चीन पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बनाने की कोशिश करनी चाहिए.
पाकिस्तान की चिंता की जरूरत नहीं
पवार ने कहा, ‘जब हम शत्रु के बारे में सोचते हैं, तो हमारे दिमाग में पहला नाम पाकिस्तान का आता है, लेकिन हमें पाकिस्तान की चिंता करने की आवश्यकता नहीं है. दीर्घकाल में देखा जाए, तो चीन के पास भारत के हितों के खिलाफ कदम उठाने की ताकत, सोच और कार्यक्रम है. चीन भारत के लिए बड़ा शत्रु है.’ पवार ने कहा कि ‘चीन भारत के लिए असल खतरा है’ जो आर्थिक रूप से मजबूत है. उन्होंने चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग की भारत यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उनसे हाथ मिलाने और उन्हें गले लगाने का जिक्र करते हुए कहा, ‘मित्रता की तस्वीरें खींचकर, आप दोनों देशों के बीच की समस्याएं नहीं सुलझा सकते.’
यह भी पढ़ेंः अशोक गहलोत के हाथ से निकल रही राजस्थान सरकार, पायलट समर्थक 24 विधायक होटल पहुंचे
चीन पर जवाबी कार्रवाई की कीमत देश चुकाएगा
पवार ने लद्दाख की गलवान घाटी में चीनी और भारतीय बलों के बीच टकराव पर कहा, ‘जब मैं यह कहता हूं कि इस मामले पर कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए, तो ऐसा इसलिए है, क्योंकि हम उनपर हमला कर सकते हैं, लेकिन जब उस हमले की जवाबी कार्रवाई होगी, तो पूरे देश को भारी कीमत चुकानी होगी.’ उन्होंने कहा, ‘हमला करने की जगह, हमें वार्ता और राजनयिक माध्यमों से चीन पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बनाना चाहिए.’
भारत के दोस्त अब चीन के साथ
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘जब मोदी पहली बार प्रधानमंत्री बने थे, तब वह प्रार्थना करने के लिए नेपाल के पशुपतिनाथ मंदिर गए थे. मोदी ने नेपाल की प्रशंसा की थी और उसे भारत का मित्र एवं पहला हिंदू राष्ट्र बताया था. अब नेपाल हमारे साथ नहीं है, बल्कि चीन की ओर है.’ उन्होंने कहा कि भारत ने बांग्लादेश को आजाद कराने के लिए बढ़-चढ़कर योगदान दिया और अब पड़ोसी देश ने चीन के साथ एक संधि पर हस्ताक्षर किए हैं.
यह भी पढ़ेंः चीन को मोदी सरकार देने जा रही गहरा घाव, ताइवान में भारतीय राजनयिक की होगी नियुक्ति
इसके लिए मोदी सरकार पर उठाए सवाल
पवार ने मोदी सरकार का स्पष्ट जिक्र करते हुए कहा, ‘चीन ने हमारे सभी पड़ोसियों को अपनी ओर कर लिया है. यह हालिया दौर का योगदान है.’ उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्रियों पंडित जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी को चीन और पाकिस्तान संबंधी मामलों से निपटने को लेकर हमेशा दोषी ठहराया जाता है. उन्होंने कहा कि लेकिन, नेहरू का मानना था कि चीन एक दिन महाशक्ति बनेगा और भारत को उससे मित्रवत संबंध बनाए रखने चाहिए क्योंकि यह तनाव दोनों देशों के लिए ही लाभकारी नहीं होगा.
अर्थव्यवस्था के लिए विशेषज्ञों से हो सलाह-मशविरा
उन्होंने कहा कि नेहरू ने चीन के साथ पंचशील संधि की और क्षेत्र में शांति थी. पवार ने कहा, ‘दुर्भाग्य की बात यह है कि चीनी नेतृत्व ने अलग रुख अपनाया और युद्ध हुआ. इस पहलू को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता.’ उन्होंने भारतीय अर्थव्यस्था की मौजूदा स्थिति पर कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को अर्थव्यवस्था को पुन: पटरी पर लाने के लिए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह जैसे अर्थशास्त्रियों और विशेषज्ञों से विचार-विमर्श करना चाहिए. उन्होंने देश की अर्थव्यवस्था को एक समय संकट से उबारने का श्रेय मनमोहन सिंह और दिवंगत प्रधानमंत्री पी वी नरसिम्हा राव को दिया.
वीडियो
IPL 2024
मनोरंजन
धर्म-कर्म
-
Sanatan Dharma: सनातन धर्म की बड़ी भविष्यवाणी- 100 साल बाद यह होगा हिंदू धर्म का भविष्य
-
Aaj Ka Panchang 25 April 2024: क्या है 25 अप्रैल 2024 का पंचांग, जानें शुभ-अशुभ मुहूर्त और राहु काल का समय
-
Ank Jyotish: इस तारीख को जन्में लोग होते हैं बुद्धिमान, लेकिन लोग उठाते हैं इनका फायदा
-
Laxmi Ganesh Puja: धन-वृद्धि और तरक्की के लिए इस तरह करें देवी लक्ष्मी के साथ गणेश जी की पूजा