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चीन को मोदी सरकार देने जा रही गहरा घाव, ताइवान में भारतीय राजनयिक की होगी नियुक्ति

LAC पर कम होते तनाव के बीच मोदी सरकार शी जिनपिंग को राजनयिक स्तर पर घेरने की योजना के तहत ताइवान (Taiwan) में वरिष्ठ राजनयिक की नियुक्ति करने जा रही है.

Updated on: 12 Jul 2020, 12:42 PM

highlights

  • भारत अब चीन को देगा एक औऱ गहरा घाव.
  • ताइवान में राजनयिक की नियुक्ति जल्द.
  • अभी तक औपचारिक नियुक्ति नहीं थी.

नई दिल्ली:

चीन (China) की आक्रामकता को उसी अंदाज में जवाब देने के बाद केंद्र की मोदी सरकार (PM Narendra Modi) चीन को गहरा घाव देने की कोशिश में है. देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू (Jawaharlal Nehru) के दौर से बीजिंग की वन चाइना पॉलिसी पर भारत अब अपना रवैया बदलने जा रहा है. पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर कम होते तनाव के बीच मोदी सरकार शी जिनपिंग को राजनयिक स्तर पर घेरने की योजना के तहत ताइवान (Taiwan) में वरिष्ठ राजनयिक की नियुक्ति करने जा रही है.

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LAC पर कम हो रहा तनाव
कूटनीतिक और सैन्य स्तर की कई चरणों की बातचीत के बाद वास्तविक नियंत्रण रेखा से भारत और चीन की सेनाएं अब पीछे हट रही हैं. इसके साथ ही भारत अब चीन को राजनयिक स्तर पर घेरने की तैयारी में है. खबर है कि भारत अब ताइवान (Taiwan) के लिए एक सीनियर राजनयिक को नियुक्ति करेगा. अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक ताइवान में भारतीय राजदूत बतौर पर गौरांगलाल दास की नियुक्ति तय है.

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चीन पर दबाव
गौरांगलाल दास इन दिनों विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव (अमेरिका) हैं. उनकी नियुक्ति की औपचारिक घोषणा जल्द हो सकती है. माना जा रहा है कि दक्षिण चीन सागर में चीन के बढ़ते दबाव के चलते मोदी सरकार ने फैसला ले रही है. हाल के दिनों में इस मुद्दे पर ताइवान को लेकर चीन और अमेरिका के बीच भी तनातनी दिखी है. गौरतलब है कि वन चाइना पॉलिसी के चलते भारत का ताइवान के साथ औपचारिक राजनयिक संबंध नहीं हैं. सिर्फ राजनयिक कामों के लिए ताइपे में भारत का ऑफिस है. इसे भारत-ताइपे एसोसिएशन के नाम से चलाया जाता है और गौरांगलाल दास इसके नए महानिदेशक होंगे.

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अनुभवी हैं गौरांगलाल दास
गौरांगलाल दास भारतीय विदेश सेवा के 1999 बैच के अधिकारी हैं. वह बीजिंग में 2001 से 2004 के बीच तैनात हैं. 2006 में दास वहां से प्रथम सचिव (राजनीतिक) के रूप में लौटे और 2009 तक इस पद पर रहे. दास ने मनमोहन सिंह के कार्यकाल के दौरान प्रधानमंत्री कार्यालय में विदेश मामलों को संभालने वाले उप सचिव के रूप में भी काम किया था. वॉशिंगटन डीसी में भारतीय दूतावास में काउंसलर (राजनीतिक) के रूप में भी उन्होंने अपनी सेवाएं दीं. इसके अलावा दास ने जून 2017 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान काफी अहम भूमिका निभाई थी.