चीन ने अंततः माना गलवान घाटी हिंसा का सच, पर चालाकी नहीं छोड़ी

चीनी सैनिकों की मौत पर चुप्‍पी साधने वाले ग्‍लोबल टाइम्‍स के एडिटर हू शिजिन ने दावा किया कि गलवान (Galwan Valley) हिंसा में भारत से कहीं कम चीनी सैनिकों की मौत हुई थी.

author-image
Nihar Saxena
New Update
India China

गलवान घाटी पर चीन नहीं कबूल रहा सच्चाई.( Photo Credit : न्यूज नेशन)

पूर्वी लद्दाख (Ladakh) की गलवान घाटी में भारत-चीन सैनिकों के बीच हुए हिंसक संघर्ष के बाद से चीन तिलिमिलाया हुआ है. इस संघर्ष के बाद चीन (China) ने बढ़े अंतरराष्ट्रीय दबाव के बाद भारत के खिलाफ अपने मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स से प्रोपेगेंडा वॉर छेड़ रखा है. खासकर संसद के मानसून सत्र में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) के बयान से तो चीन और बौखला गया है. ऐसे में चीनी सैनिकों की मौत पर चुप्‍पी साधने वाले ग्‍लोबल टाइम्‍स के एडिटर हू शिजिन ने दावा किया कि गलवान (Galwan Valley) हिंसा में भारत से कहीं कम चीनी सैनिकों की मौत हुई थी. गौरतलब है कि राजनाथ सिंह ने कहा था कि गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों ने चीन को मुंहतोड़ दिया था और बड़ी संख्‍या में चीनी जवानों को मार गिराया था.

Advertisment

यह भी पढ़ेंः LIVE : दिशा की पार्टी में उस रात मैं मौजूद था- चश्मदीद

दिखाई चीन ने चालाकी
ग्‍लोबल टाइम्‍स में उसके संपादक शिजिन लिखते हैं, 'जहां तक मुझे पता है 15 जून को गलवान घाटी में चीनी सैनिकों की भारत के 20 सैनिकों के मुकाबले कम मौत हुई थी. किसी भी चीनी सैनिक को भारत ने पकड़ा नहीं था, जबकि पीएलए ने उस दिन कई भारतीय सैनिकों को पकड़ लिया था.'यहां यह भूलना नहीं चाहिए कि भारतीय और अमेरिकी अनुमान के मुताबिक 40 से अधिक चीनी सैनिक इस हिंसा में मारे गए थे. हू शिजिन ने हिंसक संघर्ष का ठीकरा भारत पर फोड़ते हुए आरोप लगाया कि भारतीय जवानों ने बिना चेतावनी दिए ही उन पर हमला बोला था जिससे संघर्ष हुआ.

यह भी पढ़ेंः डोनाल्ड ट्रंप ने X Model का किया यौन उत्पीड़न, चुनाव से पहले हलचल

भारत से कम चीनी सैनिक मारे गए
हालांकि इस दावे के बीच हू शिजिन ने माना कि गलवान हिंसा के दौरान कुछ चीनी सैनिकों को भी अपनी जान गंवानी. हालांकि अपने घरेलू दबाव की वजह से उन्‍होंने भी मारे गए चीनी सैनिकों की ठीक-ठीक संख्‍या नहीं बताई. उनका कहना है कि संघर्ष के दौरान कुछ भारतीय सैनिक भाग गए और कुछ ने आत्‍मसमर्पण कर दिया. ग्‍लोबल टाइम्‍स के एडिटर ने यह भी दावा किया कि पैंगोंग झील इलाके में भी चीनी सैनिकों ने भारतीय सैनिकों को ऊंचाई वाले इलाकों से हटा दिया है और उन्‍होंने गतिरोध वाली कई जगहों पर बढ़त हासिल कर ली है.

यह भी पढ़ेंः भारत में जेहाद को बढ़ावा देने की नई पाकिस्तानी साजिश

भारत को फिर नसीहत
हू शिजिन ने फिर भारत की मोदी सरकार को नसीहत देते हुए लिखा कि भारत चीन से अपनी समझ और नजरिये की समीक्षा करे. उन्होंने फिर गीदड़भभकी देते हुए कहा कि चीन अपनी क्षेत्रीय संप्रभुता की रक्षा के लिए करारा जवाब देंगे. अगर भारत सीमा के मुद्दे पर हमला करना चाहता है तो उसे बिना कोई लाभ हुए भारी नुकसान उठाना पड़ेगा. उन्‍होंने कहा कि चीनी सेना ने भारत से लगती सीमा पर अपनी स्थिति को मजबूत कर लिया है. अगर भारत ने उकसावे की कार्रवाई की तो पीएलए उसे भारी नुकसान पहुंचा सकती है.

हिंसक संघर्ष Galwan Valley global times India China लद्दाख Border Standoff भारत-चीन गलवान घाटी Ladakh indian-army
      
Advertisment