कोरोना वायरस जैसी मुसीबत देने वाले चीन का दावा, 'बना ली वैक्सीन'

कोरोना वारसस के बढ़ते मामलों के बीच एक और वैक्सीन ने लोगों में उम्मीद जगाई है. चीन की सिनावेक बायोटेक कंपना का दावा है कि उसकी वैक्सीन ट्रायल में काफी असरदार साबित हुई है.

कोरोना वारसस के बढ़ते मामलों के बीच एक और वैक्सीन ने लोगों में उम्मीद जगाई है. चीन की सिनावेक बायोटेक कंपना का दावा है कि उसकी वैक्सीन ट्रायल में काफी असरदार साबित हुई है.

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Yogendra Mishra
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Corona Virus Vaccine

प्रतीकात्मक फोटो।( Photo Credit : फाइल फोटो)

कोरोना वारसस के बढ़ते मामलों के बीच एक और वैक्सीन ने लोगों में उम्मीद जगाई है. चीन की सिनावेक बायोटेक कंपना का दावा है कि उसकी वैक्सीन ट्रायल में काफी असरदार साबित हुई है. कंपनी ने इस वैक्सीन का नाम कोरोनावैक रका है. कंपनी का कहना है कि कोरोना वैक ने पहले/दूसरे चरण के क्लिनिकल ट्रायल में प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया हासिल कर लिया है.

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बीजिंग स्थित इस कंपनी का दावा है कि इस वैक्सीन का कोई गंभीर साइडइफेक्ट देखने को नहीं मिला है. 14 दिनों के अंतराल पर दी गई वैक्सीन के दो हफ्ते बाद 90 फीसदी से ज्यादा लोगों में न्यूट्रलाइजिंग एंटीबॉडी विकसित हुई. चीन में पहले और दूसरे चरण का ये ट्रायल 18 से 59 आयु वर्ग के 743 स्वस्थ लोगों पर हुआ.

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अभी उस ग्रुप का डाटा आने का इंतजार है जिन पर वैक्सीन के ट्रायल 28 दिनों के अंतराल पर किए गए हैं. सिनोवेक अपने वैक्सीन के परिणाम ऐकेडमिक जर्नल में प्रकाशित करने की योजना बना रहा है. सिनोवेक के चेयरमैन और CEO वेइदोंग यिन ने कहा कि लोगों को कोविड-19 से बचाने के लिए कंपनी इसकी उत्पादन क्षमता को बढ़ाने पर काम कर रही है. ताकि इसके ज्यादा से ज्यादा डोज बन सकें.

वेइदोंग यिन का कहना है कि ''हमारे पहले/दूसरे चरण की स्टडी से पता चलता है कि कोरोना वैक सुरक्षित है और यह शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ा सकता है. इन सकारात्मक परिणाम के साथ पहले/दूसरे चरण की क्लिनिकल स्टडी पूरी होना कोविड के खिलाफ लड़ाई में हमारे लिए महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ है.''

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सिनोवेक की वैक्सीन चीन के उन पांच प्रयोगात्मक शॉट्स में से एक है जो मानव परीक्षण के महत्वपूर्ण अंतिम चरण में पहुंच गया है. उम्मीद है कि इसके सार्वजनिक उपयोग को जल्द मंजूरी मिल जाएगी.

ब्राजील में इस वैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल के लिए कंपनी इसी महीने बुट्टान इंस्टीट्यूट के सात साझेदारी की घोषणा कर चुकी है.

ब्राजील के अधिकारियों ने वैक्सीन के ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय और एस्ट्राजेनेका पीएलसी के सहयोग से बनाने को मंजूरी दे दी है, ताकि इसका लेट स्टेज ट्रायल हो सके. जबकि Moderna Inc अमेरिकी में अपने तीसरे चरण के ट्रायल में जाने को तैयार है.

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अमेरिकी की बायोटेक कंपनी मॉडर्ना पहले ही अपनी वैक्सीन का फाइनल ट्रायल जुलाई में करने का ऐलान कर चुकी है. कंपनी अपने टेस्टिंग के फाइनल चरण में पहुंच चुकी है और वो जुलाई में 30 हजार लोगों पर कोरोना वैक्सीन का ट्रायल करेगी.

Source : News Nation Bureau

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