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जनवरी-फरवरी के बीच 6 करोड़ वैक्सीन डोज का किया निर्यात: अदार पूनावाला

वैश्विक क्षमता को पूरा करने के लिए अरबों टीकों की जरूरत: अदार पूनावाला

Updated on: 30 Jun 2021, 11:53 PM

highlights

  • अदार पूनावाला ने कहा कि हमने जनवरी से फरवरी के बीच 6 करोड़ डोज का निर्यात किया
  • कोविशील्ड लेने वाले भारतीयों को ईयू की यात्रा करने में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है
  • देश में कोविशील्ड वैक्सीन 28.4 करोड़ से अधिक लोगों को दी जा चुकी है

 

नई दिल्ली:

सीरम इंस्टीट्यूट इंडिया ​के सीईओ अदार पूनावाला ने बुधवार को इंडिया ग्लोबल फोरम में कहा कि मुझे नहीं लगता कि चीजें इतनी गलत हो गई हैं. वैश्विक क्षमता को पूरा करने के लिए अरबों टीकों की जरूरत है. दुनिया के सभी वैक्सीन निर्माता सहयोग कर रहे हैं, और कोई रास्ता नहीं है. हम आगे बढ़ रहे हैं, दूसरे भी बढ़ रहे हैं. उन्होंने आगे कहा कि हमने जनवरी से फरवरी के बीच 6 करोड़ डोज का निर्यात किया है जो शायद किसी भी अन्य देश से ज्यादा है. फिर दूसरी लहर ने हम पर प्रहार किया और ध्यान भारतीय आबादी पर स्थानांतरित हो गया क्योंकि तब इसकी आवश्यकता थी.

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अदार पूनावाला ने दो दिन पूर्व ही ट्वीट किया था कि मुझे जानकारी मिली है कि कोविशील्ड लेने वाले ज्यादातर भारतीयों को ईयू की यात्रा करने में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है. मैं भरोसा दिलाता हूं कि मैंने इस मामले को हाई लेवल पर उठाया है, मैं उम्मीद करता हूं कि इस प्रॉब्लम को जल्दी हल कर लिया जाएगा. भारत का सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) अपनी कोविशील्ड वैक्सीन के लिए यूरोपीय संघ में आपातकालीन प्राधिकरण की मांग कर रहा है. यह कदम उन रिपोटरें के बीच सामने आया है, जिनमें कहा गया है कि कोविशील्ड अभी तक डिजिटल ग्रीन सर्टिफिकेट के लिए योग्य नहीं है. असल में कोविशील्ड को अब तक यूरोपियन यूनियन ने मंजूरी नहीं दी है, जिससे भारतीयों को फिलहाल यूरोप जाने के लिए ग्रीन पास नहीं मिलेगा. यूरोपियन यूनियन एक जुलाई से ग्रीन पास सिस्टम की शुरूआत कर रहा है.

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भारत ने अब तक उपलब्ध तीन वैक्सीन में से सबसे अधिक कोविशील्ड वैक्सीन ही दी जा रही है. अब तक देश में दी गई कुल 32.3 वैक्सीन में से अकेले कोविशील्ड वैक्सीन ही 28.4 करोड़ से अधिक लोगों को दी जा चुकी है. वहीं दूसरी ओर कोवैक्सीन एक भारतीय घरेलू टीका है, जिसे अभी तक डब्ल्यूएचओ की मंजूरी नहीं मिली है. इस वैक्सीन के लिए भी ईएमए प्राधिकरण के लिए आवेदन नहीं किया है. स्पुतनिक वी, जो भारत में और डब्ल्यूएचओ द्वारा उपयोग के लिए स्वीकृत तीसरा टीका है, वर्तमान में समीक्षाधीन टीकों की ईएमए की सूची में शामिल है. लेकिन आपूर्ति में देरी के कारण इसे भारत में अभी तक रोल आउट नहीं किया जा सका है. हाल ही में जी-7 देशों की एक बैठक में, जिसमें भारत को आमंत्रित किया गया था, भारत के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कहा था कि भारत इस समय वैक्सीन पासपोर्ट का कड़ा विरोध कर रहा है.