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मोदी सरकार का नेपाल-बांग्लादेश को झटका, 'प्याज के आंसू' रो रहे दोनों

भारत सरकार ने सब्जियों खासकर प्य़ाज (Onions) की बढ़ती कीमतों को काबू में रखने के लिए प्याज के निर्यात पर रोक क्या लगाई, पड़ोसी देशों की आंखों से 'आंसू' निकलने लगे.

Updated on: 17 Sep 2020, 01:00 PM

ढाका/काठमांडू:

भारत सरकार ने सब्जियों खासकर प्य़ाज (Onions) की बढ़ती कीमतों को काबू में रखने के लिए प्याज के निर्यात पर रोक क्या लगाई, पड़ोसी देशों की आंखों से 'आंसू' निकलने लगे. खासकर बांग्लादेश (Bangladesh) और नेपाल तो प्याज के आंसुओं से जार-जार रो रहे हैं. बांग्लादेश ने तो किसी सूचना के बिना प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने के मोदी सरकार (Modi Government) के फैसले पर आधिकारिक रूप से अपनी ‘गहरी चिंता’ जताई है. उधर पड़ोसी देश नेपाल (Nepal) में प्याज की कीमतें आसमान चढ़ गई हैं. कुछ दिन पहले तक 20-30 रुपए किलो बिकने वाले प्याज की खुदरा कीमत यहां 150 रुपए किलो तक पहुंच गई है.

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मोदी सरकार ने सोमवार को लिया फैसला
गौरतलब है कि भारत सरकार ने सोमवार को घरेलू बाजार में प्याज की उपलब्धता बढ़ाने और कीमतों पर अंकुश लगाने के लिए प्याज की सभी किस्मों के निर्यात पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगा दिया था. इस पर बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने ढाका स्थित भारत के उच्चायोग के माध्यम से भेजे पत्र में कहा, ‘14 सितंबर 2020 को भारत सरकार द्वारा अचानक की गई घोषणा से इस संबंध में दो मित्र देशों के बीच 2019 और 2020 में हुई चर्चाओं और इस दौरान बनी आपसी समझ को कमजोर किया गया है.’

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बांग्लादेश ने दिया दो मित्रों का हवाला
बांग्लादेश की मीडिया को यह पत्र बुधवार की देर शाम उपलब्ध कराया गया. पत्र में प्याज के निर्यात को फिर से शुरू करने के लिए आवश्यक उपाय करने का अनुरोध किया गया है. पत्र में कहा गया है कि भारत के अचानक इस संबंध में घोषणा करने से बांग्लादेश के बाजार में आवश्यक खाद्य पदार्थों की आपूर्ति प्रभावित होगी. पत्र के मुताबिक ढाका में 15-16 जनवरी, 2020 को हुई दोनों देशों के वाणिज्य मंत्रालयों की एक सचिव-स्तरीय बैठक में बांग्लादेश ने भारत से आवश्यक खाद्य वस्तुओं के निर्यात प्रतिबंध नहीं लगाने का अनुरोध किया गया था.

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नेपाल में 5 गुना बढ़ी प्याज की कीमतें
उधर पड़ोसी देश नेपाल में भी भारत सरकार की ओर से निर्यात पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद प्याज की कीमतें आसमान चढ़ गई हैं. कुछ दिन पहले तक 20-30 रुपए किलो बिकने वाले प्याज की खुदरा कीमत यहां 150 रुपए किलो तक पहुंच गई है. कई जगहों पर व्यापारियों ने जमाखोरी और कालाबाजारी शुरू कर दी है. ऐसे में आने वाले दिनों में इसकी कीमत और अधिक बढ़ सकती है. भारत दक्षिण एशिया में प्याज का सबसे बड़ा उत्पादक है. नेपाल, बांग्लादेश, श्रीलंका और मलेशिया भारतीय प्याज पर निर्भर हैं.

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कालाबाजारी भी शुरू
नेपाली न्यूज वेबसाइट कांतिपुर की एक रिपोर्ट के मुताबिक काठमांडू के हरित सामुदायिक कृषि बजार तीनकुनेमा में गुरुवार सुबह कई सब्जी विक्रेताओं ने 150 रुपये प्रति किलो प्याज बेचा. दुकानदार थोक बाजारों में इसे 70 रुपए किलो खरीद रहे हैं और खुदरा कीमत 120 से 150 रुपये किलो तक है. कालीमाटी सब्जी और फल बाजार विकास समिति के अनुसार, प्याज का थोक मूल्य सोमवार को 59 रुपए से 61 रुपये प्रति किलोग्राम था, लेकिन मंगलवार को प्याज की कीमत 74 रुपए से 76 रुपए तक रही.