बाबरी विध्वंस मामले में 30 सितंबर तक आ सकता है फैसला

अयोध्या के विवादित ढांचा विध्वंस मामले में शुक्रवार को CBI ने विशेष अदालत में लिखित दलीलें दाखिल की हैं. विशेष न्यायाधीन एसके यादव ने इसे रिकॉर्ड पर लेते हुए बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं को भी इमकी एक-एक प्रति दी.

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Yogendra Mishra
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प्रतीकात्मक फोटो।( Photo Credit : फाइल फोटो)

अयोध्या के विवादित ढांचा विध्वंस मामले में शुक्रवार को CBI ने विशेष अदालत में लिखित दलीलें दाखिल की हैं. विशेष न्यायाधीन एसके यादव ने इसे रिकॉर्ड पर लेते हुए बचाव पक्ष के अधिवक्ताओं को भी इमकी एक-एक प्रति दी. इसके साथ ही अदालत ने बचाव पक्ष को भी 24 अगस्त तक लिखित दलील दाखिल करने का आदेश दिया है. अब खबर है कि इस मामले पर 30 सितंबर तक फैसला आ सकता है.

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बाबारी विध्वंस मामले में आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती आदि के खिलाफ मुकदमा चल रहा है. मुकदमे का फैसला 30 सितंबर तक आ सकता है. जस्टिस रोहिंटन नरीमन की अध्यक्षता वाली बेंच ने ट्रायल कोर्ट के जज सुरेंद्र यादव की रिपोर्ट देखने के बाद फैसला देने की समयसीमा को 30 सितंबर तक बढ़ा दिया है.

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कोर्ट ने पहले 31 अगस्त तक का वक्त दिया था. अप्रैल 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने बाबरी मस्जिद विध्वंस को देश के धर्मनिरपेक्ष ढांचे को हिला देने वाला अपराध करार देते हुआ आडवाणी समेत तमाम नेता और कारसेवकों पर आपराधिक साजिश का मुकदमा चलाने का निर्देश दिया था. तब ट्रायल पूरा करने के लिए दो साल का वक्त दिया गया था.

बचाव पक्ष ने दी ये दलील

बचाव पक्ष की ओर से लिखित दलील दाखिल होने के बाद विशेष सीबीआई अदालत इस मामले पर अपना निर्णय सुनाएगी. छह दिसंबर 1992 को विवादित ढांचा विध्वंस के इस मामले में पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी, पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह और बीजेपी के तमाम नेताओं समेत 32 अभियुक्त है. आपको बता दें कि इस मामले में उच्चतम न्यायालय ने 31 अगस्त तक मुकदमा पूरा करने का आदेश दिया है.

Source : News Nation Bureau

cbi-court Ayodhya Babri Demolition case LK Advani
      
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