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श्रीलंका गृह युद्ध पर उपन्यास के लिए ऑस्ट्रेलियाई-तमिल को शीर्ष साहित्यिक पुरस्कार

श्रीलंका गृह युद्ध पर उपन्यास के लिए ऑस्ट्रेलियाई-तमिल को शीर्ष साहित्यिक पुरस्कार

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IANS
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(source : IANS)( Photo Credit : (source : IANS))

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ऑस्ट्रेलियाई-तमिल वकील शंकरी चंद्रन ने अपने उपन्यास चाय टाइम एट सिनामन गार्डन्स के लिए 60,000 डॉलर का प्रतिष्ठित माइल्स फ्रैंकलिन साहित्य पुरस्कार जीता है।

पुरस्कार की घोषणा मंगलवार को सिडनी के ओवोलो होटल में एक समारोह में की गई।

चंद्रन ने एक बयान में कहा, “माइल्स फ्रैंकलिन साहित्यिक पुरस्कार जीतना एक सम्मान की बात है। ईमानदारी से कहूं तो मैं अभी भी सदमे में हूं। मेरे ऑस्ट्रेलियाई लेखक साथियों के बीच इस तरह पहचाना जाना असाधारण है। यह मेरे लिए बहुत मायने रखता है कि चाय टाइम एट सिनामन गार्डन्स, जिसमें यह दिखाया गया है कि एक ऑस्ट्रेलियाई होने का क्या मतलब है, उसे इस तरह से मान्यता दी गई है।

उपन्‍यास की कहानी पश्चिमी सिडनी उपनगर में केंद्रित है, जहां एक श्रीलंकाई मूल निवासी एक ओल्‍डएज होम के लोगों के जीवन का वर्णन करता है, जो 80 के दशक में गृह युद्ध से बचने के लिए देश छोड़कर आया था।

इस प्रक्रिया में वह युद्ध, नरसंहार, नस्लवाद, परिवार, प्रेम और दोस्ती के विषयों की पड़ताल करता है।

चंद्रन के उपन्यास की प्रशंसा करते हुए निर्णायक मंडल ने एक बयान में कहा, यह विवादित ऐतिहासिक दावों पर सावधानी बरतता है, हमें याद दिलाता है कि भुला दी गई भयावहताएँ दोहराई जाने वाली भयावहता हैं, और हमारे बीच मौजूद किस्‍सागो को सुने बिना इतिहास का पुनरुद्धार और पुनर्कथन नहीं किया जा सकता।

अत्यधिक कौशल के साथ चंद्रन एक गंभीर इतिहास का वर्णन करती हैं - मुख्य रूप से प्‍यारे झगड़ालू बुजुर्गों के माध्यम से। और हमें अपने दिलोदिमाग खोलने के लिए आमंत्रित करती हैं: जब आप किसी देश का साहित्य पढ़ते हैं... तभी आप इसे समझेंगे; आप इससे प्यार करने लगेंगे।

निर्णायक मंडल में लेखक और साहित्यिक आलोचक बर्नाडेट ब्रेनन, साहित्यिक विद्वान और अनुवादक मृदुला नाथ चक्रवर्ती, पुस्तक समीक्षक जेम्स ले, एनएसडब्ल्यू मिशेल लाइब्रेरियन और अध्यक्ष रिचर्ड नेविल और लेखक और संपादक एल्फ़ी शिओसाकी शामिल थे।

द गार्जियन की रिपोर्ट के अनुसार, चंद्रन के माता-पिता डॉक्टर थे जो उस समय श्रीलंका से भाग गए थे जब देश गृहयुद्ध की कगार पर था। पहले वे ब्रिटेन चले गए जहां लेखिका का जन्म हुआ था, फिर तीन साल बाद वे ऑस्ट्रेलिया आ गए।

रिपोर्ट में कहा गया है कि वह उपनगरीय कैनबरा में पली-बढ़ी है और खुद से लगातार बातचीत करती रहती है कि वह कहां फिट बैठती हैं और किन शर्तों के तहत स्वीकृति दी गई है।

उनकी वेबसाइट बायो के अनुसार, चंद्रन ने सामाजिक न्याय के क्षेत्र में एक वकील के रूप में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रम डिजाइन और वितरण पर काम करते हुए दो दशक बिताए हैं।

वह एक ऑस्ट्रेलियाई रिटेलर के लिए सामाजिक प्रभाव के लिए काम करती हैं और सिडनी में रहती हैं।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Source : IANS

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