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भूमिपूजन की तारीख नजदीक आते ही उबले असदुद्दीन ओवैसी, बोले-बाबरी विध्‍वंस में कांग्रेस का भी हाथ

5 अगस्‍त को अयोध्‍या में राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन (Ram Mandir Construction) होने जा रहा है. इस बीच ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के प्रमुख और लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने बीजेपी के साथ कांग्रेस पर भी हमला बोला है.

Updated on: 29 Jul 2020, 05:20 PM

नई दिल्ली:

5 अगस्‍त को अयोध्‍या में राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन (Ram Mandir Construction) होने जा रहा है. इस बीच ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (All India Majlis-e-Ittehadul Muslimeen) के प्रमुख और लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने मोदी सरकार और कांग्रेस पर बड़ा हमला बोला है. ओवैसी ने एक ट्वीट में कहा, बाबरी विध्वंस में बीजेपी के साथ-साथ कांग्रेस का भी उतना ही हाथ था. उन्‍होंने यह तक कहा कि मस्जिद विध्वंस में कांग्रेस आरएसएस से मिली हुई थी.

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ओवैसी ने अपने ट्वीट में लिखा, 'आखिर वो राजीव गांधी ही थे, जिन्होंने बाबरी मस्जिद का ताला खोला था और वो पीवी नरसिम्हा राव ही थे, जिन्होंने प्रधानमंत्री के पद पर रहते हुए ये पूरा विध्वंस देखा था. कांग्रेस संघ परिवार के साथ विध्वंस के इस अभियान में हाथ में हाथ डाले खड़ी रही.' दरअसल ओवैसी ने एक मीडिया रिपोर्ट के जरिए कांग्रेस पर हमला बोला था, जिसमें कहा गया था कि भूमि पूजन समारोह में न बुलाए जाने से कांग्रेस में नाराजगी है और यह कहा जा रहा है राम मंदिर निर्माण का पूरा क्रेडिट भाजपा ले रही है. इसी पर ओवैसी ने कहा कि कांग्रेस को भी बाबरी मस्‍जिद विध्‍वंस का क्रेडिट मिलना चाहिए.

इससे पहले असदुद्दीन ओवैसी ने अपने ट्वीट में भूमि पूजन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वहां शामिल होने की खबरों पर सवाल उठाए थे. भूमि पूजन में प्रधानमंत्री के शामिल होने के बारे में ओवैसी ने कहा कि संवैधानिक दृष्‍टि से यह गलत होगा. उन्‍होंने यह भी कहा कि इससे प्रधानमंत्री पद की संवैधानिक शपथ का उल्लंघन होगा. ओवैसी ने अपने ट्वीट में लिखा- 'आधिकारिक तौर पर भूमि पूजन में हिस्सा लेना प्रधानमंत्री की संवैधानिक शपथ का उल्लंघन होगा. धर्मनिरपेक्षता संविधान की मूल भावना है. हम भूल नहीं सकते कि 400 साल तक अयोध्या में बाबरी मस्जिद खड़ी रही थी और उसे 1992 में अपराधी भीड़ ने ढहा दिया था...'

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पीएम नरेंद्र मोदी रखेंगे नींव की ईंट, मौजूद रह सकते हैं ये मेहमान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भूमिपूजन वाले दिन नींव की ईंट रखेंगे. प्रधानमंत्री के अलावा, बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी जैसे बुजुर्ग नेता भी कार्यक्रम में शामिल हो सकते हैं. साथ ही राम मंदिर आंदोलन से जुड़े रहे विनय कटियार, उमा भारती, साध्वी ऋतंभरा, विश्व हिंदू परिषद (VHP) की ओर से आलोक कुमार और मिलिंद परांदे के अलावा संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत व अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद रहेंगे. मोदी सरकार के वरिष्‍ठ मंत्रियों की ओर से गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को भी आमंत्रित करने की खबर है.

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टीवी पर कार्यक्रम देखें और शाम को दीप जलाएं

उधर, श्री राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट ने भगवान राम के भक्तों से अपील की है कि वे पांच अगस्त को होने वाले राम मंदिर निर्माण के 'भूमिपूजन' कार्यक्रम के लिए अयोध्या न पहुंचें. ट्रस्ट ने भक्तों से इस कार्यक्रम को टेलीविजन पर देखने और शाम को दीप जलाने की अपील की है.

श्री राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के सदस्यों के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पांच अगस्त को राम मंदिर का निर्माण शुरू करने के लिए 'भूमिपूजन' कार्यक्रम के लिए अयोध्या जाएंगे. ट्रस्ट ने कहा कि कोरोना महामारी के दौरान बड़ी संख्या में लोगों का जुटना संभव नहीं होगा.

ट्रस्ट ने मोदी को पांच अगस्त को मंदिर का शिलान्यास करने के लिए आमंत्रित किया है. भूमि पूजन की रस्म तीन अगस्त को 'गणेश गौरी पूजा' के साथ शुरू होगी.