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चीन को एक और झटका, पावर सेक्टर में चीनी उपकरणों पर लगा बैन

बॉर्डर पर जारी तनातनी के बीच चीन को आर्थिक मोर्चे पर भी एक के बाद एक झटका दिया जा रहा है. निर्माण क्षेत्र के बाद अब पावर सेक्टर में भी सख्त फैसला लिया जाए जा रहे हैं.

Updated on: 03 Jul 2020, 01:56 PM

नई दिल्ली:

चीन के जारी तनातनी के बीच भारत आर्थिक मोर्चे पर भी चीन को लगातार झटके दे रहा है. चीन के 59 एप पर प्रतिबंध लगाने के बाद भारत ने चीन को एक और झटका दे दिया है. केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह ने शुक्रवार के कहा कि भारत अब चीन जैसे देशों से विद्युत उपकरणों का आयात नहीं करेगा. उन्होंने यह भी कहा कि वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) को आर्थिक दृष्टि से मजबूत बनाना जरूरी है क्योंकि ऐसा नहीं होने पर क्षेत्र व्यावहारिक नहीं होगा. राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के बिजली और नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रियों के सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए उन्होंने यह बात कही.

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केंद्रीय मंत्री आरके सिंह ने कहा है कि पावर प्रोजेक्ट के लिए चीन से जो भी इम्पोर्ट होता था, अब सरकार उसे रेगुलेट कर सकती है. इस क्षेत्र में कस्टम ड्यूटी को बढ़ाया जा सकता है. आरके सिंह ने कहा कि सरकार की ओर से कस्टम ड्यूटी को बढ़ाया जाएगा, ताकि आसानी से होने वाले आयात को सख्त किया जाए. चीनी कंपनियों को रोकने के लिए कस्टम के साथ-साथ नियमों में सख्ती बरती जाएगी.

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2019 में हुआ 71 हजार करोड़ का आयात
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत इतनी ताकत रखता है कि हम आर्थिक लेवल के साथ-साथ युद्ध क्षेत्र में भी चीन को धकेल सके. आज पूरी दुनिया भारत के साथ है, इसमें भारत के मजबूत नेतृत्व का हाथ है. उन्होंने कहा कि काफी कुछ हमारे देश में बनता है लेकिन उसके बावजूद हम भारी मात्रा में बिजली उपकरणों का आयात कर रहे हैं. यह अब नहीं चलेगा. देश में 2018-19 में 71,000 करोड़ रुपये का बिजली उपकरणों का आयात हुआ जिसमें चीन की हिस्सेदारी 21,000 करोड़ रुपये है. मंत्री ने यह भी कहा कि दूसरे देशों से भी उपकरण आयात होंगे, उनका देश की प्रयोगशालाओं में गहन परीक्षण होगा ताकि यह पता लगाया जा सके कि कहीं उसमें ‘मालवेयर’ और ‘ट्रोजन होर्स’ का उपयोग तो नहीं हुआ है.