Earthquake in Ladakh: सुबह-सुबह कांपी लद्दाख की धरती, रिक्टर स्केल पर इतनी थी भूकंप की तीव्रता
Earthquake in Ladakh: शनिवार को लद्दाख में सुबह-सुबह भूकंप के झटके महसूस किए गए. इसके पहले बुधवार को भी लद्दाख में भूकंप आया था.
highlights
- लद्दाख में महसूस किए गए भूकंप के झटके
- 3.4 की तीव्रत से कांपी लद्दाख की धरती
- चार दिन पहले भी हिली थी लद्दाख की धरती
नई दिल्ली:
Earthquake in Ladakh: लद्दाख में शनिवार सुबह भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए. राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के मुताबिक, इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.4 मापी गई. ये भूकंप शनिवार सुबह (2 दिसंबर) 8.25 बजे आया. भूकंप से अभी तक किसी भी तरह के जान या माल के नुकसान की कोई खबर नहीं है. ये कोई पहली बार नहीं है जब हाल के दिनों में लद्दाख में भूकंप के झटके महसूस किए गए हों. इससे पहले 29 नवंबर (बुधवार) को भी लद्दाख में भूकंप आया था.
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भूकंप के ये झटके शाम 6.10 बजे महसूस किए गए थे. रिक्टर स्केल पर इस भूकंप की तीव्रता 3.8 मापी गई थी. बता दें कि पहाड़ी क्षेत्र जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में अक्सर इस तरह के भूकंप आते रहते हैं. क्योंकि ये क्षेत्र भारतीय और यूरेशियन टेक्टोनिक प्लेटों के बीच टकराव सीमा पर स्थित है, जो एक-दूसरे खिलाफ लगातार धक्का देते रहते हैं. इस हलचल से पृथ्वी की परत में बहुत अधिक तनाव पैदा होता है जिससे भूकंप के झटके आते हैं.
An earthquake with a magnitude of 3.4 on the Richter Scale hit Ladakh at around 8:25 am today: National Center for Seismology pic.twitter.com/BsUVwkC5qG
— ANI (@ANI) December 2, 2023
कश्मीर में कब-कब आए विनाशकारी भूकंप
5 अगस्त 2019 से पहले लद्दाख जम्मू-कश्मीर राज्य का ही हिस्सा था. लेकिन 5 अगस्त 2019 के जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा समाप्त कर इसे केंद्र शासित राज्य बना कर दो भागों में बांट दिया गया लद्दाख और कश्मीर. जम्मू-कश्मीर के अलग-अलग हिस्सों में पहले भी कई विनाशकारी भूकंप आए. 8 अक्टूबर 2005 को यहां 7.6 तीव्रता का भूकंप आया था.
ये भूकंप कश्मीर क्षेत्र के पाकिस्तान प्रशासित हिस्से में आया जिसका असर भारत और अफगानिस्तान के निकटवर्ती हिस्सों में देखने को मिला. इस भूकंप से बड़े पैमाने पर क्षति हुई और जानमाल का भारी नुकसान हुआ. इस भूकंप से पाकिस्तान में करीब 73,000 लोगों की मौत हुई, जबकि 15 लाख से ज्यादा लोग बेघर हो गए. वहीं भारत में कम से कम 1,350 लोग मारे गए और 6,200 से ज्यादा लोग घायल हुए.
1885 में भी आया था तीव्रता भूकंप
इसके अलावा 25 अक्टूबर, 1885 को श्रीनगर के पास जबरदस्त भूकंप आया. इस भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 6.2 मापी गई. इस भूकंप से श्रीनगर और आसपास के इलाकों में भारी तबाही हुई. एक अनुमान के मुताबिक, इस भूकंप से तब करीब एक हजार लोग मारे गए थे.
1808 में भी हिली थी जम्मू-कश्मीर की धरती
इससे करीब 77 साल पहले 26 जुलाई, 1808 को भी जम्मू और कश्मीर के लद्दाख में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए थे. इस भूकंप की तीव्रता 7.1 मापी गई थी. इस भूकंप से लद्दाख में व्यापक क्षति हुई और 15,000 लोग मारे गए थे.
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1555 में भी हिली थी धरती
उससे पहले भूकंप के तेज झटके 5 अक्टूबर, 1555 को आए थे. तब जम्मू और कश्मीर के किश्तवाड़ शहर के पास 7.8 तीव्रता का भूकंप आया था. इस भूकंप ने किश्तवाड़ और आसपास के इलाकों में भारी तबाही मचाई और इस भूकंप में 40,000 लोगों के मारे जाने की बात सामने आई थी.
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