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सांप्रदायिक ताकतों को रोकने के लिए गठबंधन से परहेज नहीं: अखिलेश

परिवार के झगड़े से बेफिक्र उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री चुनाव प्रचार की पूरी तैयारी कर चुके हैं।

Updated on: 02 Nov 2016, 11:55 AM

नई दिल्ली:

उत्तर प्रदेश में तेजी से बदल रहे समीकरण के बीच कांग्रेस के रणनीतिकार प्रशांत किशोर की समाजवादी पार्टी सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव के साथ हुई मुलाकात ने गठबंधन की संभावनाओं को फिर से जिंदा कर दिया है। उत्तर प्रदेश में बिहार की तरह ही महागठबंधन बनाए जाने की बात होती रही है 

प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस मुलाकात के बारे में अनभिज्ञता जताई लेकिन उन्होंने भी गठबंधन की संभावनाओं से इनकार नहीं किया। एक अखबार को दिए गए इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि ''सांप्रदायिक ताकतों को रोकने के लिए जो कुछ भी संभव होगा, वह किया जाएगा।''

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कांग्रेस अभी तक यूपी की बदहाली के लिए समाजवादी पार्टी को जिम्मेदार मानती रही है और उसका पूरा प्रचार भी सपा के शासनकाल के दौरान यूपी की बदहाल स्थिति पर टिका हुआ है। इसके अलावा पार्टी दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार भी घोषित कर चुकी है। वहीं सपा भी अखिलेश यादव के चेहरे पर चुनाव लड़ने जा रही है। ऐसे में गठबंधन की शक्ल और सूरत को लेकर अभी तस्वीर साफ होनी बाकी है।

विकास और धर्मनिरपेक्षता पर लड़ेंगे चुनाव

विपक्ष की आलोचना और पारिवारिक झगड़े से होने वाले नुकसान की आशंकाओं को खारिज करते हुए अखिलेश ने कहा कि वह विकास औऱ धर्मनिरपेक्षता के मुद्दे पर समाजवादी पार्टी को फिर से सत्ता में वापस ले आएंगे।

इंटरव्यू में अखिलेश ने कहा कि मेरे जितना काम यूपी में किसी मुख्यमंत्री ने नहीं किया है। मैं तीसरी बार रथ यात्रा निकालने जा रहा हूं और इस दौरान मैं प्रदेश की जनता को अपने काम और अगले चुनाव के घोषणापत्र के बारे में बताउंगा।

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विपक्ष हमेशा से आरोप लगाता रहा है कि उत्तर प्रदेश में अल्पसंख्यक असुरक्षित है। अखिलेश ने कहा कि विपक्ष के पास कहने के लिए कुछ नहीं है।बीजेपी पर निशाना साधते हुए अखिलेश ने कहा कि हमने अल्पसंख्यकों के लिए जितना विकास किया है, उतना किसी ने नहीं किया।

अखिलेश ने कहा कि हम अयोध्या में रामकथा पार्क बना रहे हैं तो आगरा में थीम पार्क बना रहे हैं, जहां मुगलकालीन इतिहास का जिक्र होगा। समाजवादी सरकार का एजेंडा विकास और धर्मनिरपेक्षता है लेकिन विपक्ष उसमें सांप्रदायिकता तलाशता है तो यह उसका नजरिया है।