एम्स के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया ने बताया, कैसे कोरोना वैक्सीन का ट्रायल किया जाएगा
एम्स के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया (Randeep Guleria AIIMS Director) ने बताया कि फेज़ 1 वैक्सीन ट्रायल 18-55 साल के हेल्दी लोग जिन्हें कोई को-मोरबिडिटी नहीं है उन पर किया जाएगा.
नई दिल्ली :
कोरोना वायरस को मात देने के लिये भारत में देसी वैक्सीन पर काम तेजी से चल रहा है. वैक्सीन ट्रायल फेज में है. एम्स के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया (Randeep Guleria AIIMS Director) ने बताया कि फेज़ 1 वैक्सीन ट्रायल 18-55 साल के हेल्दी लोग जिन्हें कोई को-मोरबिडिटी नहीं है उन पर किया जाएगा. ट्राएल के लिए कुल सैंपल 1125 लिया गया है जिसमें से 375 हेल्दी लोगों पर पहले फेज़ में और 12-65 साल के 750 लोगों पर दूसरे फेज़ में ट्रायल किया जाएगा.
रणदीप गुलेरिया ने आगे बताया,'वैक्सीन के तीन फॉर्मुलेशन ट्राई किए जाएंगे. पहले फेज़ में हम देखेंगे कि ये कितना सेफ है और इसका कितना डोज़ दिया जाना चाहिए. तीसरे फेज़ में इसका प्रयोग ज्यादा आबादी पर किया जाएगा.'
Phase 1 of vaccine trial will be done on healthy people aged 18-55 years who have no co-morbidity. A total of 1125 samples have been collected of which 375 will be studied in first phase&in second phase 750 ppl will be recruited between 12-65 years: Randeep Guleria,AIIMS Director pic.twitter.com/JMUAH7Gw8C
— ANI (@ANI) July 20, 2020
कोरोना वैक्सीन का ट्रायल एम्स में होगा
उन्होंने आगे बताया,'वैक्सीन के साथ एक कंट्रोल आर्म भी होगा जिसको हम प्लेसिबो कहते हैं. कुछ लोगों को वैक्सीन दिया जाएगा और कुछ को कंट्रोल. दोनों में इम्युनोजैनिटी का अंतर देखा जाएगा. ये ट्राएल AIIMS में होगा.'
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सामुदायिक प्रसारण कुछ जगहों पर हो रहा है
भारत में कोरोना वायरस तेजी से फैल रहा है. इसपर एम्स के डायरेक्टर ने कहा कि अभी तक इस बात का प्रमाण नहीं है कि सामुदायिक स्तर पर कोरोना का प्रसार हो रहा है. लेकिन हॉटस्पॉट्स हैं. यहां तक कि उन शहरों में भी जहां मामलें बढ़ रहे हैं, यह बहुत संभव है कि वहां स्थानीय सामुदायिक प्रसारण हो.
दिल्ली में कोरोना वायरस के मामले में अब गिरावट आ रही है
उन्होंने आगे बताया कि कुछ जगहों पर कोरोना वायरस चरम पर पहुंचा. जिसमें दिल्ली एक है. अब यहां मामलों में गिरावट आ रही है. कुछ क्षेत्रों में अभी चरम पर पहुंचना बाकी है. कुछ राज्यों में मामले बढ़ रहे हैं. वहां कुछ वक्त बाद कोरोना चरम पर पहुंच जाएगा.
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भारत में मृत्यु दर बेहद कम है
यदि आप केवल भारत ही नहीं, बल्कि दक्षिण-पूर्व एशिया के आंकड़ों को देखें, तो इटली और स्पेन में या संयुक्त राज्य अमेरिका की तुलना में मृत्यु दर बहुत कम है.
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