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कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर का बड़ा हमला- खेती पानी से होती है, खून से खेती कांग्रेस कर सकती है

राज्यसभा में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कृषि कानूनों के मसले पर कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दलों पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि लोग गलतफहमी के शिकार हैं.

Updated on: 05 Feb 2021, 01:18 PM

highlights

  • कृषि कानून पर विरोधियों को तोमर का जवाब
  • खून से खेती कांग्रेस कर सकती है- तोमर
  • कानून में काला क्या, किसान बताएं- तोमर

नई दिल्ली:

राज्यसभा में केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कृषि कानूनों के मसले पर कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दलों पर हमला बोला है. कृषि मंत्री ने आरोप लगाया है कि किसानों को बरगलाया गया है कि ये (उद्योगपति) कानून आपकी जमीन को ले जाएंगे. उन्होंने कहा कि लोग गलतफहमी के शिकार हैं. लोगों को भड़काया जा रहा है कि जमीन चली जाएगी. केंद्रीय कृषि मंत्री ने कांग्रेस को निशाने पर लेते हुए कहा कि दुनिया जानती है कि पानी से खेती होती है, खून से खेती सिर्फ कांग्रेस ही कर सकती है. भारतीय जनता पार्टी खून से खेती नहीं कर सकती है.

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राज्यसभा में किसानों के आंदोलन को लेकर जवाब देते हुए कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि देश में इस वक्त उल्टी गंगा बह रही है. किसान यूनियन से 2 महीने तक पूछता रहा कि कानून में काला क्या है. किसान नेता ये नहीं बता पाए कि कानून में कमी क्या है. किसान संगठन सिर्फ कानूनों को रद्द करने की मांग पर अड़े हैं. तोमर ने कहा कि हमने टैक्स फ्री किया, अब राज्य सरकार टैक्स ले रही है. जो टैक्स लग रहा है, उसके खिलाफ आंदोलन होना चाहिए. उन्होंने पूछा कि कानून के किस प्रावधान में कमी है, किसान नेता इस बारे में बताएं.

इस दौरान पंजाब का जिक्र करते हुए नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, 'भारत सरकार कानूनों में किसी भी संशोधन के लिए तैयार है इसके मायने ये नहीं लगाए जाने चाहिए कि कृषि कानूनों में कोई गलती है. पूरे एक राज्य में लोग गलतफहमी के शिकार हैं. ये एक ही राज्य का मसला है. हमने बार बार कहा है कि एपीएमसी खत्म नहीं होगी. किसानों को बरगलाया गया है कि ये कानून आपकी जमीन को ले जाएंगे. मैं कहता हूं कि कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग के एक्ट में कोई एक प्रावधान बताएं. दुनिया जानती है कि पानी से खेती होती है, खून से खेती सिर्फ कांग्रेस ही कर सकती है. भारतीय जनता पार्टी खून से खेती नहीं कर सकती है.'

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कृषि मंत्री ने कहा, 'मैं कहना चाहता हूं कि कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग का ऐसा कौन सा प्रावधान है, जो प्रावधान किसी भी व्यापारी को किसान की जमीन छीनने की इजाजत देता है, बताएं. लेकिन लोगों को भड़काया जा रहा है कि जमीन चली जाएगी. जहां पर भी एक्ट में कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग का प्रावधान किया है, कॉन्ट्रैक्ट मूल्य का प्रावधान किया है, इससे सीजन पर फसल का भी मूल्य बढ़ेगा. इसके बोनस के रूप में हिस्सा किसान को मिलेगा. इसलिए प्रावधान किया गया है. किसान इस एक्ट से कभी भी बाहर हो सकता है. व्यापारी कभी भी बिना पैसे दिए इस एक्ट से बाहर नहीं हो सकता है.'

नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, 'पंजाब सरकार का कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग एक्ट देखिए. हरियाणा सरकार का कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग एक्ट देखिए, जो हुड्डा सरकार में ही पारित हुआ था. पंजाब सरकार के कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग एक्ट में किसान गलती करेगा तो उसे जेल जाना पड़ेगा. इतना ही नहीं, किसान पर 5 लाख रुपये तक के जुर्माने का भी प्रावधान है. लेकिन जो मोदी सरकार ने एक्ट बनाया है कि उसमें किसान कभी भी बाहर हो सकता है. 20-22 ऐसे राज्य हैं, जिनके लिए नया कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग एक्ट बनाया है या उन्होंने एपीएमसी में शामिल किया है.'

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राज्यसभा में कृषि मंत्री ने कहा, 'खरीद में पारदर्शिता आए, ई-ट्रांजेक्शन बढ़े, किसान को वाजिब दाम मिले, इसके लिए एक हजार मंडियों को ई-मंडी के रूप में परिवर्तित किया. एक हजार और मंडियों को ई-मंडी के रूप में परिवर्तित किया जाएगा, इसका प्रावधान बजट में किया गया है. किसानों की आमदनी दोगुनी हो, किसानी का योगदान देश की जीडीपी में तेजी से बढ़े, ये प्रावधान भी इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हैं. मोदी जी किसानों के लिए समर्पित हैं और रहेंगे. जो कानून लाए हैं वो किसानों के जीवन में परिवर्तन लाने वाले और आमदनी बढ़ाने वाले हैं. देश आगे बढ़े, किसान आगे बढ़े इस उद्देश्य के साथ मोदी सरकार काम कर रही है.'