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मिथुन चक्रवर्ती बने कोलकाता के वोटर, बंगाल में इस सीट से बन सकते हैं बीजेपी के उम्मीदवार

बॉलीवुड अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती पश्चिम बंगाल चुनाव से पहले कोलकाता से वोटर बन गए हैं. अब चर्चा है कि वह कोलकाता की किसी सीट से बीजेपी के उम्मीदवार बन सकते हैं. इससे पहले मिथुन मुंबई से मतदाता थे.

Updated on: 22 Mar 2021, 12:12 PM

कोलकाता:

हाल ही में बीजेपी में शामिल हुए बॉलीवुड अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती पश्चिम बंगाल चुनाव से पहले कोलकाता से वोटर बन गए हैं. अब चर्चा है कि वह कोलकाता की किसी सीट से बीजेपी के उम्मीदवार बन सकते हैं. इससे पहले मिथुन मुंबई से मतदाता थे. मिथुन चक्रवर्ती के परिवार ने इस बात की पुष्टि भी की है कि मिथुन ने काशीपुर-बेलगछिया से अपना मतदाता पहचान पत्र बनवाया है. मिथुन चक्रवर्ती की बहन शर्मिष्ठा सरकार ने मीडिया से बातचीत में कहा कि मिथुन ने उनके पते से ही पहचान पत्र बनवाया है. उन्होंने बताया कि मिथुन जब भी कोलकाता आते थे तो मेरे ही घर रुकते थे. 

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टीएमसी के पूर्व राज्यसभा सांसद मिथुन चक्रवर्ती ने सात मार्च को ब्रिगेड परेड मैदान में हुई प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की रैली से पहले बीजेपी का दामन थामा था. हालांकि इस बात का खुलासा नहीं किया था कि वह चुनाव लड़ेंगे या नहीं. मिथुन की बहन शर्मिष्ठा ने खुलासा किया है कि दादा किसी भी पद पर फिट बैठेंगे. उन्हें एक बार फिर सक्रिय देखकर अच्छा लग रहा है. बीजेपी अब तक पश्चिम बंगाल चुनाव में चार चरणों के लिए उम्मीदवारों की सूची जारी कर चुकी है. इस सूची में काशीपुर-बेलगछिया से तपन साहा को टिकट दी गई थी. लिस्ट जारी होने के बाद तपन साहा ने कहा कि उन्होंने कभी बीजेपी ज्वाइन ही नहीं की, इसके बाद उन्होंने चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया. मिथुन चक्रवर्ती ने अब कोलकाता के इसी चुनावी क्षेत्र से मतदाता पहचान पत्र बनवाया है, जिसके बाद यह अटकलें तेज हो गई हैं कि वह चुनाव लड़ेंगे. 

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मतदाता सूची में उनका नाम मिथुन बसंत चक्रवर्ती है.  मिथुन चक्रवर्ती चुनाव आयोग के दस्तावेज के मुताबिक, काशीपुर-बेलगछिया विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत राजा लमनींद्र रोड के मकान नंबर 22/160 के निवास से वोटर आइकार्ड जारी किया गया है. मिथुन शुरू में वामपंथी विचारधारा के समर्थक रहे। दिवंगत माकपा नेता सुभाष चक्रवर्ती के साथ उनके गहरे संबंध थे. बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री ज्योति बसु के साथ भी मिथुन कई कार्यक्रमों में नजर आए थे. 2014 में वे तृणमूल कांग्रेस से जुड़े और पार्टी के टिकट पर राज्यसभा सदस्य मनोनीत हुए. रोजवैली चिटफंड घोटाले से नाम जुड़ने के बाद तृणमूल से मिथुन का मोहभंग हुआ और 2016 को उन्होंने राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया. इसके बाद कुछ समय तक वे लाइमलाइट से दूर हो गए. उनके बीमार होने की भी खबरें आई थीं. पिछले दिन पहले संघ प्रमुख मोहन भागवत के मुंबई स्थित मिथुन के घर जाकर उनके मुलाकात करने के बाद से ही उनके भाजपा में शामिल होने के कयास लगने लगे थे, जो सच साबित हुआ.