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AAP ने EC को बताया BJP एजेंट, पूछा- बताइए विधायकों को क्या लाभ मिला?

आप नेता संजय सिंह ने चुनाव आयोग के इस फैसले की निंदा करते हुए कहा कि देश में आपातकाल जैसे हालात पैदा हो गए हैं।

Updated on: 20 Jan 2018, 02:28 PM

नई दिल्ली:

आम आदमी पार्टी (आप) ने 20 विधायकों को ऑफिस ऑफ प्रॉफिट मामले में चुनाव आयोग द्वारा अयोग्य घोषित करने को लेकर राष्ट्रपति के पास भेजी गई सिफारिश के फ़ैसले पर सवाल खड़े किए हैं।

आप नेता संजय सिंह ने चुनाव आयोग के इस फैसले की निंदा करते हुए कहा कि देश में आपातकाल जैसे हालात पैदा हो गए हैं।

राज्यसभा सांसद और आप नेता संजय सिंह ने आरोप लगाते हुए कहा कि चुनाव आयोग ने संविधान और नियमों को ताक पर रखकर यह फैसला लिया है।

बता दें कि संजय सिंह ने चुनाव आयोग के फैसले का जवाब देने के लिए लखनऊ में प्रेस कांफ्रेस किया था। उन्होंने कहा कि आयोग ने जो फैसला लिया है वो गलत है। केंद्र सरकार लोकतंत्र की हत्या करने में जुटी है।

उन्हेंने चुनाव आयोग पर आरोप लगाते हुए कहा, 'चुनाव आयोग भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के एजेंट के तौर पर काम कर रही है। उन्होंने नियम और क़ानून को ताक पर रख कर यह फैसला लिया है।'

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संजय सिंह ने आगे कहा कि चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट के फैसलों और निर्देशों को भी दरकिनार किया है। उन्होंने कहा कि कोई भी फैसला लेने से पहले विधायकों को अपना पक्ष रखने का मौका मिलना चाहिए था जो नहीं दिया गया।

संजय सिंह ने चुनाव आयोग से पार्टी विधायकों द्वारा संसदीय सचिव के तौर पर उठाए गए लाभ की विस्तृत जानकारी मांगते हुए कहा कि उन्होंने अगर लाभ पद पर रहते हुए कोई फ़ायदा लिया है तो आयोग बताए।

अपनी पार्टी के 20 विधायकों के बचाव में उन्होंने कहा कि 2006 में शीला दीक्षित ने दिल्ली सरकार में अपने 19 विधायकों को लाभ का पद दिया था। इतना ही नहीं झारखंड और छत्तीसगढ़ में भी संसदीय सचिव पर विधायकों को नियुक्ति दी गई। हरियाणा में 4 विधायकों को संसदीय सचिव बनाया गया। बंगाल और पंजाब में भी ऐसा हुआ। हिमाचल में 11 संसदीय सचिव को लाभ का पद दिया गया है।

आगे उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि कोर्ट में हमारी पार्टी को इंसाफ मिलेगा।   

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