पश्चिम बंगाल में वोटर लिस्ट में जमकर जोड़े जा रहे नए नाम, रिपोर्ट में किया गया दावा

West Bengal News: बिहार एसआईआर को लेकर देशभर में बवाल मचा हुआ है. इस बीच बंगाल की वोटर लिस्ट में तेजी से नए नाम जोड़े जाने की खबर सामने आई है. बताया जा रहा कि पिछले कुछ महीनों में नए नाम जोड़े जाने में कई गुना की वृद्धि हुई है.

West Bengal News: बिहार एसआईआर को लेकर देशभर में बवाल मचा हुआ है. इस बीच बंगाल की वोटर लिस्ट में तेजी से नए नाम जोड़े जाने की खबर सामने आई है. बताया जा रहा कि पिछले कुछ महीनों में नए नाम जोड़े जाने में कई गुना की वृद्धि हुई है.

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Suhel Khan
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West Bengal Voter List

बंगाल की वोटर लिस्ट में जमकर जोड़े जा रहे नए नाम Photograph: (Social Media)

West Bengal News: बिहार में हाल ही में हुए मतदाता सूची पुनरीक्षण को लेकर देशभर में बवाल मचा हुआ है. विपक्ष लगातार एसआईआर को वापस लेने की मांग कर रहा है. लेकिन इस बीच पश्चिम बंगाल से चौंकाने वाली खबर सामने आई है. जहां मतदाता सूची में जमकर नए नाम जोड़े जा रहे हैं. पश्चिम बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) कार्यालय ने इस बारे में जानकारी दी है. जिसमें कहा गया है कि राज्य के सीमावर्ती जिलों में नए वोटर्स के रजिस्ट्रेशन में भारी बढ़ोतरी हुई है. 

नए वोटर रजिस्ट्रेशन में इतनी हुई बढ़ोतरी

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मीडिया रिपोर्ट्स में सूत्रों के हवाले कहा गया है कि पिछले तीन महीनों के दौरान फॉर्म-6 के जरिए नए मतदाता पंजीकरण में नौ गुना की वृद्धि हुई है. पहले जहां प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में नए वोटर्स के औसतन 100 आवेदन आते थे, लेकिन अब ये संख्या बढ़कर करीब 900 प्रति माह हो गई है.  मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, हाल के दिनों में उत्तर 24 परगना, दक्षिण 24 परगना, नदिया, उत्तर दिनाजपुर, मुर्शिदाबाद, मालदा और कूचबिहार जिलों में नए मतदाताओं के नामांकन में सबसे ज्यादा उछाल देखने को मिला है. बता दें कि पश्चिम बंगाल के ये सभी जिले बांग्लादेश के इंटरनेशनल बॉर्डर से सटे हुए हैं. यही वजह है कि बीजेपी पिछले काफी लंबे वक्त इन इलाकों में जनसांख्यिकीय बदलाव का मुद्दा जोर-शोर से उठाती रही है.

शहरी इलाकों में कम रहता है मतदाता प्रतिशत

बता दें कि बंगाल के ग्रामीण इलाकों की तुलना में शहरी क्षेत्रों मतदाता प्रतिशत हमेशा कम होता है. जिसमें खास तौर पर कोलकाता का नाम शामिल है. इसमें सुधार के लिए चुनाव आयोग और पश्चिम बंगाल के मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय (CEO) ने नई योजना बनाई है. जिसके तहत अब कोलकाता और अन्य शहरी जिलों की ऊंची इमारतों में भी मतदान केंद्र बनाए जाएंगे.

हालांकि वहां कम से कम 600 लोग रहते हों. राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनोज अग्रवाल ने कहा कि, 'चुनाव आयोग ने हमें इस योजना को लागू करने का निर्देश दिया है.' उन्होंने कहा कि इसे पिछले दिल्ली विधानसभा चुनावों में भी आजमाया गया था, जिसमें मतदान प्रतिशत में भारी उछाल देखने को मिला था. अब चुनाव आयोग इसे पश्चिम बंगाल में भी लागू करने जा रहा है.

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