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भारत में कर्मचारियों की सुरक्षा, सुविधा और अधिकारों को मजबूत करने के लिए लंबे समय से इंतजार किए जा रहे चार नए लेबर कोड अब 21 नवंबर 2025 से पूरी तरह लागू हो चुके हैं. यह कोड अब पुराने 29 लेबर कानूनों की जगह लेंगे. इन बदलावों का फायदा देशभर के करोड़ों कर्मचारियों को मिलेगा- चाहे वे ऑफिस में काम करते हों, फैक्ट्री में, प्लेटफॉर्म ऐप पर या डिलीवरी जैसे काम में. तो आइए जानते हैं नए लेबर कोड से जुड़ी 7 बड़ी बातें.
नए लेबर कोड से जुड़ी बड़ी बातें
1. सभी कर्मचारियों के लिए समय पर न्यूनतम वेतन:- अब देश में हर कर्मचारी को तय न्यूनतम वेतन समय पर मिलना अनिवार्य होगा. इससे कर्मचारियों को आर्थिक सुरक्षा मिलेगी और भुगतान में देरी की समस्या कम होगी.
2. पहली बार गिग और प्लेटफॉर्म वर्कर्स को कानूनी पहचान:- ओला-उबर ड्राइवर, स्विगी-जोमैटो डिलीवरी पार्टनर या ऐप आधारित वर्कर्स अब कानूनी रूप से पहचाने जाएंगे. कंपनियों को अब अपने सालाना टर्नओवर का 1-2% वर्कर्स वेलफेयर फंड में जमा करना होगा. यह राशि वर्कर्स के बेनिफिट्स जैसे बीमा, सुरक्षा और भुगतान में इस्तेमाल होगी.
3. महिलाओं के लिए समान अवसर और सुरक्षा:- नई व्यवस्था में महिलाओं को बराबर वेतन, नाइट शिफ्ट में काम का अधिकार और पहले प्रतिबंधित सेक्टरों में नौकरी की अनुमति मिली है. साथ ही 26 सप्ताह की पेड मैटरनिटी लीव, क्रैच सुविधा और मेडिकल बोनस जैसी सुविधाएं मजबूत की गई हैं.
4. सोशल सिक्योरिटी का बड़ा दायरा:- अब कर्मचारी, कॉन्ट्रैक्ट वर्कर, फिक्स्ड-टर्म कर्मचारी और गिग वर्कर्स सभी को PF, बीमा, ESI और पेंशन जैसी सुविधाएं मिलेंगी. आधार आधारित यूनिवर्सल अकाउंट नंबर से यह लाभ देशभर में पोर्टेबल रहेगा.
5. फिक्स्ड-टर्म कर्मचारियों को भी ग्रेच्युटी:- पहले ग्रेच्युटी लंबे समय की नौकरी के बाद मिलती थी, पर अब फिक्स्ड-टर्म कर्मचारी सिर्फ एक वर्ष नौकरी के बाद ग्रेच्युटी के हकदार होंगे.
6. ओवरटाइम और जोखिम वाले कामों पर विशेष लाभ:- ओवरटाइम करने वाले कर्मचारियों को अब दोगुना भुगतान मिलेगा. वहीं खतरनाक उद्योगों में काम करने वालों को 100% सुरक्षा और मेडिकल सुविधाएं दी जाएंगी.
7. पारदर्शी नौकरी व्यवस्था:- अब सभी कंपनियों को कर्मचारियों को लिखित अपॉइंटमेंट लेटर देना अनिवार्य है. नियमों का अनुपालन आसान बनाया गया है- एक लाइसेंस, एक रजिस्ट्रेशन और एक रिटर्न की सुविधा लागू की गई है.
इन नए लेबर कोड्स का उद्देश्य कर्मचारियों के अधिकार सुरक्षित करना, कार्यस्थलों को सुरक्षित बनाना और नौकरी को सम्मान और सुरक्षा देना है. इससे आने वाले समय में भारत में काम करने का माहौल और अधिक मजबूत, सुरक्षित और न्यायपूर्ण होगा.
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