New Labour Codes 2025: पांच साल का इंतजार खत्म, अब एक साल की नौकरी पर मिलेगी ग्रेच्युटी, सरकार ने किया बड़ा ऐलान

New Labour Codes 2025: केंद्र सरकार ने 21 नवंबर 2025 को चार नए लेबर कोड लागू किए, जिनसे फिक्स्ड-टर्म, गिग, कॉन्ट्रैक्ट, MSME, डिजिटल और महिला कर्मचारियों को समान वेतन, सामाजिक सुरक्षा, ग्रेच्युटी, नाइट शिफ्ट सुरक्षा और न्यूनतम वेतन जैसे बड़े फायदे मिलेंगे.

New Labour Codes 2025: केंद्र सरकार ने 21 नवंबर 2025 को चार नए लेबर कोड लागू किए, जिनसे फिक्स्ड-टर्म, गिग, कॉन्ट्रैक्ट, MSME, डिजिटल और महिला कर्मचारियों को समान वेतन, सामाजिक सुरक्षा, ग्रेच्युटी, नाइट शिफ्ट सुरक्षा और न्यूनतम वेतन जैसे बड़े फायदे मिलेंगे.

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Ravi Prashant
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Photograph: (META AI)

 New Labour Codes 2025: केंद्र सरकार ने शुक्रवार, 21 नवंबर 2025 को देश में चार श्रम संहिताओं (लेबर कोड) को अधिसूचित कर दिया. इनमें वेतन संहिता 2019, इंडस्ट्रियल रिलेशन कोड 2020, सोशल सिक्योरिटी कोड 2020 और ऑक्युपेशनल सेफ्टी, हेल्थ एंड वर्किंग कंडिशंस कोड 2020 शामिल हैं. सरकार का कहना है कि इन नए कानूनों के लागू होने से 29 पुराने श्रम कानूनों को एकीकृत कर एक साफ, एकरूप और आधुनिक ढांचा तैयार किया गया है.

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Fixed-term Employees (FTE) को स्थायी कर्मचारियों जैसी सुरक्षा

नए नियम के तहत अब फिक्स्ड-टर्म कर्मचारियों को छुट्टी, मेडिकल और सोशल सिक्योरिटी सहित सभी सुविधाएं स्थायी कर्मचारियों जैसी मिलेंगी. अब उन्हें ग्रेच्युटी के लिए पांच साल का इंतजार नहीं करना पड़ेगा, सिर्फ एक वर्ष की सेवा पर ग्रेच्युटी का अधिकार मिल जाएगा. समान काम पर समान वेतन भी सुनिश्चित किया गया है, जिससे आय और संरक्षण को मजबूती मिलेगी.

Gig और Platform Workers पहली बार कानून के दायरे में

फूड डिलीवरी, कैब बुकिंग, डिजिटल सर्विस प्लेटफ़ॉर्म पर काम करने वाले लाखों वर्कर्स को पहली बार कानूनी सुरक्षा मिली है. अब एग्रीगेटर कंपनियों को वार्षिक कारोबार का 1–2% (सीमा 5% तक) इनके हित में योगदान करना होगा. सभी वर्कर्स को आधार-लिंक्ड यूनिवर्सल अकाउंट नंबर मिलेगा, जिससे वे देशभर में कहीं भी काम करें, उन्हें लाभ वहीं मिलेंगे और पूरी सोशल सिक्योरिटी पोर्टेबल रहेगी.

Contract Workers को भी स्वास्थ्य और सामाजिक सुरक्षा

कॉन्ट्रैक्ट वर्कर्स को अब न सिर्फ सामाजिक सुरक्षा और स्थायी कर्मचारियों जैसी सुविधाएं मिलेंगी, बल्कि प्रिंसिपल एम्प्लॉयर को उनके स्वास्थ्य लाभ की जिम्मेदारी भी लेनी होगी. उन्हें वार्षिक मुफ्त स्वास्थ्य जांच भी अनिवार्य रूप से मिलेगी.

महिला कर्मचारियों के लिए बड़ा सुधार

पहली बार जेंडर भेदभाव पर कानूनी रोक लगाई गई है. समान कार्य पर समान वेतन सुनिश्चित किया गया है. अब महिलाओं को उनकी सहमति के आधार पर नाइट शिफ्ट, भारी मशीनरी, यहां तक कि भूमिगत खदानों में भी काम करने की अनुमति मिलेगी. शिकायत समिति में महिला प्रतिनिधित्व अनिवार्य होगा, और परिवार की परिभाषा में सास-ससुर को भी शामिल किया गया है.

युवा, MSME और डिजिटल वर्कर्स को भी लाभ

युवा कर्मचारियों के लिए न्यूनतम वेतन की गारंटी, लिखित नियुक्ति पत्र और अवकाश में वेतन का प्रावधान सुनिश्चित किया गया है. MSME कर्मचारियों को डबल ओवरटाइम, पेड लीव और समय पर वेतन की गारंटी मिलेगी. वहीं, डिजिटल और ऑडियो-विजुअल क्षेत्र के कर्मचारियों को नियुक्ति पत्र और पूरी सामाजिक सुरक्षा अनिवार्य होगी. 

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