पाकिस्तान से सटे छह राज्यों में गुरुवार को होने वाली मॉकड्रिल स्थगित हो गई है. इनमें पंजाब, जम्मू-कश्मीर, गुजरात, राजस्थान, चंडीगढ़ और हरियाणा शामिल हैं. इसको ऑपरेशन शील्ड नाम दिया गया है. अब पंजाब में तीन जून को ड्रिल होगी. अन्य राज्यों की तारीखों का ऐलान जल्द होगा. इससे पहले सात मई को देश के 244 जिलों में मॉक ड्रिल हुई. इस दौरान, नागरिकों को हमले से बचने की ट्रेनिंग दी गई थी. ऐसा इसलिए किया गया था, जिससे युद्ध की स्थिति में लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके.
मॉक ड्रिल क्या होती है? जानिए इसका उद्देश्य
मॉक ड्रिल एक तरह की पूर्व तैयारी होती है, जिसमें यह देखा जाता है कि किसी आपात स्थिति में आम जनता और प्रशासन कितनी तेजी से प्रतिक्रिया देते हैं. संभावित खतरों से निपटने की तैयारी को जांचने के लिए इसकी प्रैक्टिस की जाती है.
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ब्लैकआउट क्यों किया जाता है, और इसका क्या लाभ है?
मॉक ड्रिल के दौरान ब्लैकआउट भी किया जाता है. ब्लैकआउट एक्सरसाइज का मतलब होता है कि निर्धारित वक्त पर पूरे इलाके की बिजली बंद करना. इसका उद्देश्य है दुश्मन के हमले के वक्त इलाका अंधेरे में रहे, जिससे हमलावर को इलाके की गतिविधियों का अंदाजा न लग पाए. इससे वह सटीक निशाना नहीं लगा पाएगा. इस रणनीति को सुरक्षा के लिहाज से काफी कारगर माना जाता है.
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ऑपरेशन सिंदूर अब भी जारी
भारतीय सेना द्वारा शुरू किया गया 'ऑपरेशन सिंदूर' एक सैन्य अभियान था, जिसे पहलगाम हमले के बदले में भारत के जवाब के रूप में लॉन्च किया गया था. भारत ने अभियान के तहत पाकिस्तान में स्थित नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया और उन्हें नष्ट कर दिया. सीजफायर 10 मई को हुआ, जिसके बाद वायुसेना ने बयान जारी करते हुए कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के प्रमुख लक्ष्य पूरे कर लिए गए हैं. हालांकि, अभियान अब भी जारी है. समय आने पर इसकी जानकारी साझा की जाएगी. वायुसेना ने जनता से अपील भी की कि वे अफवाहों से दूर रहें और साथ में सिर्फ आधिकारिक जानकारी पर ही भरोसा करें.
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