MiG-21: 6 दशक की सेवा के बाद मिग-21 की आखिरी उड़ान, 1965 के युद्ध से लेकर बालाकोट तक दुश्मन के उड़ाए होश

MiG-21: भारतीय वायु सेना के बेड़े में शामिल रहा मिग-21 लड़ाकू विमान शुक्रवार (26 सितंबर) को अपनी आखिरी उड़ान भरेगा. उसके बाद ये विमान हमेशा-हमेशा के लिए भारतीय आसमान से गायब हो जाएगा.

MiG-21: भारतीय वायु सेना के बेड़े में शामिल रहा मिग-21 लड़ाकू विमान शुक्रवार (26 सितंबर) को अपनी आखिरी उड़ान भरेगा. उसके बाद ये विमान हमेशा-हमेशा के लिए भारतीय आसमान से गायब हो जाएगा.

author-image
Suhel Khan
New Update
MiG-21

MiG-21 Photograph: (X@IAF_MCC)

MiG-21: लगभग छह दशकों तक भारतीय वायु सेना में शामिल होकर भारत के आसमान में परचम फहराने वाले प्रतिष्ठित मिग-21 लड़ाकू विमान शुक्रवार को चंडीगढ़ में आसमान को अलविदा कहने के लिए तैयार कर रहा है. इस फाइटर विमान की विदाई के लिए भारतीय वायु सेना (IAF) ने एक भव्य विदाई समारोह की तैयारी की है. जिसका फुल-ड्रेस रिहर्सल बुधवार (24 सितंबर) को पूरा हो चुका है. अभ्यास के दौरान, मिग-21 ने जगुआर और सूर्य किरण एरोबैटिक टीम के साथ उड़ान भरी, जबकि आकाश गंगा के स्काईडाइवर्स ने लगभग 4,000 फीट की ऊंचाई से छलांग लगाकर दर्शकों को रोमांचित कर दिया.

Advertisment

1965 और 1971 के युद्ध में निभाई अहम भूमिका

भारतीय वायु सेना के मिग-21 लड़ाकू विमान ने 1965 और 1971 के युद्ध की अहम भूमिका निभाई है. एयर चीफ मार्शल एपी सिंह खुद शुक्रवार को होने वाले विदाई समारोह में मिग-21 के कॉकपिट में बैठेंगे. पिछले महीने, उन्होंने राजस्थान के नल एयर बेस से इस विमान को उड़ाया था. इस ऐतिहासिक अंतिम उड़ान का नेतृत्व स्क्वाड्रन लीडर प्रिया शर्मा करेंगी. 1965 और 1971 के भारत-पाक युद्धों के विशेष पुनर्निर्माण में मिग-21 के युद्ध के क्षणों को जीवंत किया जाएगा. जानकारी के मुताबिक, भारतीय वायुसेना का 23वां स्क्वाड्रन, जिसे "पैंथर्स" के नाम से जाना जाता है, विजय स्वरूप में उड़ान भरेगा, जिसके बाद भारत के स्वदेशी तेजस विमानों के साथ मिग-21 विमानों का "बादल" स्वरूप उड़ान भरेगा. यह प्रतीकात्मक संकेत मिग-21 से आधुनिक तेजस में परिवर्तन को दर्शाएगा.

मिग-21 को दी जाएगी वाटर कैनन सलामी

विदाई के समारोह में छह मिग-21 विमानों को मुख्य मंच के सामने एक साथ उतरते हुए देखा जाएगा, जिसके बाद उन्हें हमेशा के लिए बंद कर दिया जाएगा. भारतीय वायुसेना की परंपरा के अनुसार, सेवानिवृत्ति से पहले विमानों को वाटर कैनन सलामी दी जाएगी. इस समारोह के साथ, मिग-21 के दोनों ऑपरेशनल स्क्वाड्रन - कोबरा और पैंथर्स - को सेवामुक्त कर दिया जाएगा. इस समारोह में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, तीनों सेनाओं के प्रमुख, छह पूर्व वायुसेना प्रमुख और सभी वायुसेना कमांडों के कमांडर-इन-चीफ उपस्थित रहेंगे.

ऐसी है मिग-21 की विरासत

बता दें कि 1950 के दशक में इस विमान को सोवियत संघ द्वारा डिजायन किया गया था. जो 1963 में भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया. भारत ने कुल 874 विमान हासिल किए, जिनमें से अंतिम उन्नत "बाइसन" संस्करण 2013 में सेवा में शामिल किया गया. 1965 और 1971 में पाकिस्तान के खिलाफ युद्धों से लेकर कारगिल जंग तक मिग-21 भारत की हवाई जीत का केंद्र रहा है. 1971 के युद्ध में, इस लड़ाकू विमान ने एक महत्वपूर्ण बैठक के दौरान ढाका के गवर्नर हाउस पर बमबारी की, जिससे पूर्वी पाकिस्तान के नेतृत्व का मनोबल टूट गया और उन्हें आत्मसमर्पण करने के लिए मजबूर होना पड़ा. हाल ही में 2019 में, एक मिग-21 बाइसन ने बालाकोट हमले के दौरान पाकिस्तान के उन्नत F-16 लड़ाकू विमान को मार गिराया था.

ये भी पढ़ें: US Tariffs: अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने एक और टैरिफ का किया एलान , दवाओं पर लगाया 100 प्रतिशत आयात शुल्क

ये भी पढ़ें: PM Modi: बिहार की 75 लाख महिलाओं को मिलेंगे 10-10 हजार रुपये, पीएम मोदी करेंगे ‘मुख्यमंत्री महिला रोजगार योजना’ का शुभारंभ

Indian Air Force iaf MiG 21 Indian Air Force MiG 21 MiG-21 aircraft balakote Indian aircraft MiG 21
Advertisment