Manmohan Singh Death: भारत के पूर्व पीएम डॉक मनमोहन सिंह का 92 साल की उम्र में निधन हो गया. मनमोहन सिंह की तबीयत में शिकायत आने के बाद उन्हें दिल्ली एम्स के इमरजेंसी विभाग में भर्ती कराया गया था. उनकी तबीयत अचानक बिगड़ने के बाद उन्हें अस्पताल लाया गया था. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उन्हें लेने में तकलीफ के चलते उन्हें भर्ती कराया गया. बता दें कि पूर्व पीएम मनमोहन सिंह 3 अप्रैल को राज्यसभा से रिटायर हुए थे. वे 1991 में पहली बार असम से राज्यसभा पहुंचे थे. तब से करीब 33 साल तक वे राज्यसभा के सदस्य रहे. छठी और आखिरी बार में 2019 में राजसभा से राज्यसभा सांसद बने थे.
मलिकार्जुन खड़गे ने उन्हें लिखा था खत
मनमोहन सिंह के रिटायरमेंट पर कांग्रेस अध्यक्ष मलिकार्जुन खड़गे ने उन्हें खत भी लिखा था. अपनी चिट्ठी में खड़गे ने लिखा था कि अब आप सक्रिय राजनीति में नहीं होंगे, लेकिन आपकी आवाज जनता के लिए लगातार उठती रहेगी. संसद को आपके ज्ञान और अनुभव की कमी खलेगी. बता दें कि मनमोहन सिंह की सीट पर कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी पहली बार राज्यसभा पहुंची थी. 20 फरवरी को उन्हें राज्यसभा के लिए निर्विरोध चुना गया था. बता दें कि इससे पहले भी मनमोहन सिंह के कई बार स्वास्थ्य कारणों के चलते अस्पताल में भर्ती कराया जा चुका है. डॉक्टर मनमोहन सिंह का जन्म 26 सितंबर 1932 को अविभाजित भारत के पंजाब प्रांत के एक गांव में हुआ था.
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अर्थशास्त्र और राजनीति में असाधारण उपलब्धियां हासिल की
एक साधारण पृष्ठभूमि से आने वाले डॉक्टर सिंह ने अपने जीवन में शिक्षा अर्थशास्त्र और राजनीति में असाधारण उपलब्धियां हासिल की .डॉक्टर मनमोहन सिंह ने 1948 में पंजाब विश्वविद्यालय से मैट्रिक की परीक्षा उत्तीर्ण की. इसके बाद उन्होंने कैंब्रिज विश्वविद्यालय से 1957 में अर्थशास्त्र में प्रथम श्रेणी ऑनर्स की डिग्री प्राप्त की. उन्होंने 1962 में ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के नफील्ड कॉलेज से अर्थशास्त्र में डीफिल की उपाधि अर्जित की. शिक्षा के प्रति उनका लगाव उन्हें पंजाब विश्वविद्यालय और दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में अध्यापन की ओर दे गया. 1971 में डॉक्टर सिंह भारत सरकार से जुड़े और वाणिज्य मंत्रालय में आर्थिक सलाहकार बने. 1972 में उन्हें वित्त मंत्रालय का मुख्य आर्थिक सलाहकार नियुक्त किया गया. इसके बाद उन्होंने कई महत्त्वपूर्ण पदों पर कार्य किया, जिनमें वित्त मंत्रालय के सचिव योजना आयोग के उपाध्यक्ष भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर प्रधानमंत्री के आर्थिक सलाहकार और विश्वविद्यालय अनुदान आयोग यानी यूजीसी के अध्यक्ष जैसे पद शामिल हैं.
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आर्थिक सुधारों की एक व्यापक नीति लागू की
1991 से 1996 तक डॉ. सिंह भारत के वित्तमंत्री भी रहे. इस दौरान उन्होंने आर्थिक सुधारों की एक व्यापक नीति लागू की, जिसे विश्व भर में सराहा गया. इन सुधारों ने भारत को आर्थिक संकट से उबार कर एक नई दिशा दी. डॉ मनमोहन सिंह 1991 में पहली बार राज्यसभा के सदस्य बने थे. उन्होंने असम का प्रतिनिधित्व पांच बार किया और 2019 में राजस्थान से राज्यसभा सदस्य बने. 1998 से 2004 तक जब भारतीय जनता पार्टी सत्ता में थी तब डॉक्टर सिंह राज्यसभा में विपक्ष के नेता भी रहे. उन्होंने 1999 में दक्षिणी दिल्ली से लोकसभा चुनाव भी लड़ा, लेकिन सफलता नहीं मिली. 2004 के आम चुनाव के बाद 22 मई को उन्हें भारत का प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया. उन्होंने 2009 में दूसरी बार पीएम पद की शपथ ली और 2014 तक इस पद पर बने रहे.