Supreme Court on Vijay Shah: मध्य प्रदेश के मंत्री कुंवर विजय शाह को कर्नल सोफिया कुरैशी पर आपत्तिजनक टिप्पणी के मामले में सुप्रीम कोर्ट से बुधवार को बड़ी राहत मिली. जस्टिस सूर्यकांत की बेंच ने मामले में विशेष जांच दल (SIT) की पहली स्टेटस रिपोर्ट स्वीकार कर ली. इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट (जबलपुर) द्वारा लिए गए स्वतः संज्ञान (Suo Motu) के मामले को खत्म करने का आदेश दिया है.
क्या बोला सुप्रीम कोर्ट?
सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि एक ही मामले की सुनवाई दो अलग-अलग अदालतों में होने का कोई औचित्य नहीं है. हालांकि, कोर्ट ने यह भी कहा कि SIT की जांच जारी रहेगी और मंत्री विजय शाह को मिली गिरफ्तारी से अंतरिम राहत भी बरकरार रहेगी. अब इस मामले की अगली सुनवाई जुलाई में होगी.
SIT रिपोर्ट: जांच अभी शुरुआती दौर में
विशेष जांच दल (SIT) ने अपनी पहली स्टेटस रिपोर्ट में सुप्रीम कोर्ट को बताया कि जांच अभी शुरुआती दौर में है और इसे पूरा करने के लिए और समय की आवश्यकता है. विशेष जांच दल ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि- बयानों के वीडियो भोपाल फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (FSL) भेजे गए थे, लेकिन संसाधनों की कमी के चलते उन्हें वापस कर दिया गया. रिपोर्ट में कहा गया कि एक पत्रकार का मोबाइल केंद्रीय फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (CFSL) को भेजा गया है. इसके साथ ही घटना से संबंधित वीडियो और मीडिया रिपोर्ट्स का गहन अध्ययन किया गया है. जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि अभी तक इस मामले में सात गवाहों के बयान दर्ज किए जा चुके हैं.
शीर्ष अदालत ने खारिज की जया ठाकुर और अन्य की अर्जियां
वहीं इस मामले में विजय शाह के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करने वाली जया ठाकुर और अन्य की अर्जियों का भी सुप्रीम कोर्ट ने निपटारा कर दिया. शीर्ष अदालत ने कहा कि, इस स्तर पर उनकी याचिका का कोई मतलब नहीं है और उन्हें भविष्य में अपनी बात उचित मंच पर रखने की सलाह दी. यह घटनाक्रम विजय शाह के लिए एक महत्वपूर्ण राहत है, जबकि SIT अपनी जांच जारी रखेगी. मामले पर आगे क्या होता है, यह जुलाई में अगली सुनवाई के दौरान स्पष्ट होगा.
जानें क्या है पूरा मामला?
दरअसल, मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री विजय शाह ने एक सार्वजनिक मंच से भारतीय सेना की महिला अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी के खिलाफ कथित तौर पर आपत्तिजनक टिप्पणी थी. इसका वीडियो सोशल मीडिया में खूब वायरल हुआ था. इस वीडियो के सामने आने के बाद विजय शाह ने माफी भी मांगी थी. उन्होंने कहा कि मेरे द्वारा कहे गए शब्दों ने समुदाय, धर्म और देशवासियों को ठेस पहुंचाई है, यह मेरी भाषाई गलती थी. मेरा इरादा किसी धर्म, जाति या समुदाय को ठेस पहुंचाने या अपमानित करने का नहीं था. मैं भारतीय सेना, कर्नल सोफिया और सभी देशवासियों से अनजाने में कहे गए शब्दों के लिए ईमानदारी से माफी मांगता हूं.
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मध्य प्रदेश के मंत्री विजय शाह को सुप्रीम कोर्ट से मिली बड़ा राहत, कर्नल सोफिया कुरैशी पर की थी आपत्तिजनक टिप्पणी
Supreme Court on Vijay Shah: कर्नल सोफिया कुरैशी पर टिप्पणी मामले में बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश के मंत्री विजय शाह को बड़ी राहत दी. शीर्ष अदालत ने विजय शाह को मिली गिरफ्तारी पर अंतरिम राहत बरकरार रखी.
मध्य प्रदेश के मंत्री विजय शाह को सुप्रीम कोर्ट से मिली बड़ा राहत Photograph: (Social Media)
Supreme Court on Vijay Shah: मध्य प्रदेश के मंत्री कुंवर विजय शाह को कर्नल सोफिया कुरैशी पर आपत्तिजनक टिप्पणी के मामले में सुप्रीम कोर्ट से बुधवार को बड़ी राहत मिली. जस्टिस सूर्यकांत की बेंच ने मामले में विशेष जांच दल (SIT) की पहली स्टेटस रिपोर्ट स्वीकार कर ली. इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट (जबलपुर) द्वारा लिए गए स्वतः संज्ञान (Suo Motu) के मामले को खत्म करने का आदेश दिया है.
क्या बोला सुप्रीम कोर्ट?
सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि एक ही मामले की सुनवाई दो अलग-अलग अदालतों में होने का कोई औचित्य नहीं है. हालांकि, कोर्ट ने यह भी कहा कि SIT की जांच जारी रहेगी और मंत्री विजय शाह को मिली गिरफ्तारी से अंतरिम राहत भी बरकरार रहेगी. अब इस मामले की अगली सुनवाई जुलाई में होगी.
SIT रिपोर्ट: जांच अभी शुरुआती दौर में
विशेष जांच दल (SIT) ने अपनी पहली स्टेटस रिपोर्ट में सुप्रीम कोर्ट को बताया कि जांच अभी शुरुआती दौर में है और इसे पूरा करने के लिए और समय की आवश्यकता है. विशेष जांच दल ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि- बयानों के वीडियो भोपाल फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (FSL) भेजे गए थे, लेकिन संसाधनों की कमी के चलते उन्हें वापस कर दिया गया. रिपोर्ट में कहा गया कि एक पत्रकार का मोबाइल केंद्रीय फोरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (CFSL) को भेजा गया है. इसके साथ ही घटना से संबंधित वीडियो और मीडिया रिपोर्ट्स का गहन अध्ययन किया गया है. जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि अभी तक इस मामले में सात गवाहों के बयान दर्ज किए जा चुके हैं.
शीर्ष अदालत ने खारिज की जया ठाकुर और अन्य की अर्जियां
वहीं इस मामले में विजय शाह के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करने वाली जया ठाकुर और अन्य की अर्जियों का भी सुप्रीम कोर्ट ने निपटारा कर दिया. शीर्ष अदालत ने कहा कि, इस स्तर पर उनकी याचिका का कोई मतलब नहीं है और उन्हें भविष्य में अपनी बात उचित मंच पर रखने की सलाह दी. यह घटनाक्रम विजय शाह के लिए एक महत्वपूर्ण राहत है, जबकि SIT अपनी जांच जारी रखेगी. मामले पर आगे क्या होता है, यह जुलाई में अगली सुनवाई के दौरान स्पष्ट होगा.
जानें क्या है पूरा मामला?
दरअसल, मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री विजय शाह ने एक सार्वजनिक मंच से भारतीय सेना की महिला अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी के खिलाफ कथित तौर पर आपत्तिजनक टिप्पणी थी. इसका वीडियो सोशल मीडिया में खूब वायरल हुआ था. इस वीडियो के सामने आने के बाद विजय शाह ने माफी भी मांगी थी. उन्होंने कहा कि मेरे द्वारा कहे गए शब्दों ने समुदाय, धर्म और देशवासियों को ठेस पहुंचाई है, यह मेरी भाषाई गलती थी. मेरा इरादा किसी धर्म, जाति या समुदाय को ठेस पहुंचाने या अपमानित करने का नहीं था. मैं भारतीय सेना, कर्नल सोफिया और सभी देशवासियों से अनजाने में कहे गए शब्दों के लिए ईमानदारी से माफी मांगता हूं.
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