Leh Violence: सोनम वांगचुक को सुप्रीम कोर्ट ने नहीं मिली राहत, 14 अक्टूबर तक टली सुनवाई

Leh Violence: जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को सोमवार को भी सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली. सुप्रीम कोर्ट ने उनकी पत्नी की याचिका पर सुनवाई को 14 अक्टूबर तक के लिए टाल दिया.

Leh Violence: जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को सोमवार को भी सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली. सुप्रीम कोर्ट ने उनकी पत्नी की याचिका पर सुनवाई को 14 अक्टूबर तक के लिए टाल दिया.

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Suhel Khan
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Sonam Wangchuk

जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक Photograph: (X@Wangchuk66)

Leh Violence: लेह हिंसा मामले में फंसे जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली. इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने उनके मामले की सुनवाई को अगले सप्ताह तक के लिए टाल दिया. दरअसल, सोमवार को सर्वोच्च न्यायालय ने जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक की पत्नी गीतांजलि अंगमो द्वारा दायर याचिका पर केंद्र, केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख और जोधपुर सेंट्रल जेल के पुलिस अधीक्षक को नोटिस जारी किए. गीतांजलि वांगचुक ने राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (NSA) के तहत सोनम वांगचुक की हिरासत को चुनौती देते हुए उनकी रिहाई की मांग की थी.

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14 अक्टूबर को होगी मामले की सुनवाई

गीतांजलि की ओर से सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने तर्क दिया कि हिरासत के आधार परिवार को नहीं बताए गए हैं. इसके जवाब में, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि हिरासत के आधार पहले ही बंदी को सौंप दिए गए हैं और उन्होंने न्यायालय को आश्वासन दिया कि वह उनकी पत्नी को एक प्रति सौंपे जाने की जांच करेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई को 14 अक्टूबर तक टाल दिया. बता दें कि लद्दाख के जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को 26 सितंबर को कथित तौर पर युवाओं (Zen G) को उकसाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था, जिसके कारण लेह में हिंसक विरोध प्रदर्शन हुआ था.

लद्दाख शासन ने मजिस्ट्रेट जांच के दिए आदेश

बता दें कि लद्दाख प्रशासन ने लेह में सितंबर में हुई हिंसा की मजिस्ट्रेट जांच शुरू कर दी है. इस हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई थी. यह हिंसा 24 सितंबर को लेह एपेक्स बॉडी (LAB) की युवा शाखा के नेतृत्व में एक विरोध प्रदर्शन के दौरान हुई थी, जो राज्य का दर्जा और लद्दाख को छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग कर रहा था.

चार सप्ताह के भीतर आ सकती है जांच रिपोर्ट

मजिस्ट्रेट जांच का उद्देश्य हिंसा के कारणों का पता लगाना, इसमें शामिल लोगों की पहचान करना और अशांति के दौरान कानून प्रवर्तन द्वारा की गई कार्रवाई का आकलन करना है. अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि जवाबदेही सुनिश्चित करने और जनता का विश्वास बहाल करने के उद्देश्य से जांच को जल्दी पूरा कर लिया जाएगा. अंतिम रिपोर्ट आदेश जारी होने की तारीख से चार सप्ताह के भीतर आने की उम्मीद है.

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