पटना मेट्रो का लोगों का सालों पुराना सपना आखिरकार आज पूरा हो गया. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मेट्रो को हरी झंडी दिखाकर इसका शुभारंभ किया. यह बिहार की पहली मेट्रो सेवा है, जो पटना के यातायात में बड़ा बदलाव लाएगी और लोगों की यात्रा को आसान बनाएगी.
बिहार की राजधानी पटना के लोगों का लंबे समय से इंतजार आज खत्म हो गया. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज (6 अक्टूबर) पटना मेट्रो को हरी झंडी दिखाकर इसका शुभारंभ किया. उद्घाटन के साथ ही मेट्रो का नियमित परिचालन शुरू हो गया है. सीएम ने आज प्रायोरिटी कॉरिडोर के तीन स्टेशनों- पाटलिपुत्र बस टर्मिनल, जीरो माइल और भूतनाथ रोड का उद्घाटन किया.
पहले चरण में कहां तक चलेगी मेट्रो?
शुरुआती दौर में पटना मेट्रो की रेड लाइन पर मेट्रो न्यू पाटलिपुत्र बस टर्मिनल से भूतनाथ स्टेशन के बीच चलेगी. यह हिस्सा लगभग 6.1 किलोमीटर लंबा है. इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कॉरिडोर वन की आधारशिला भी रखी, जिसके तहत पटना जंक्शन से रुकनपुरा तक 9.35 किलोमीटर लंबी भूमिगत सुरंग और 6 अंडरग्राउंड स्टेशन बनाए जाएंगे.
किराया और समय-सारणी
पटना मेट्रो में यात्रा का न्यूनतम किराया 15 रुपये और अधिकतम किराया 30 रुपये रखा गया है. मेट्रो का संचालन सुबह 8 बजे से रात 10 बजे तक होगा. हर 20 मिनट पर एक ट्रेन उपलब्ध होगी और प्रतिदिन लगभग 40 से 42 फेरियां लगाई जाएंगी.
मेट्रो की विशेषताएं और सुविधाएं
पटना मेट्रो के कोचों को बिहार की संस्कृति और कला से जोड़ा गया है. कोचों पर गोलघर, महावीर मंदिर, भगवान महावीर और मधुबनी पेंटिंग की झलक दिखाई देगी. हर कोच में यात्रियों की सुविधा के लिए-
महिलाओं और दिव्यांगों के लिए 12 सीटें आरक्षित हैं.
मोबाइल और लैपटॉप चार्जिंग पॉइंट दिए गए हैं.
पैनिक बटन और सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं ताकि सुरक्षा सुनिश्चित हो सके.
डिस्प्ले बोर्ड और अनाउंसमेंट सिस्टम के जरिए अगले स्टेशन की जानकारी दी जाएगी.
गति और सुरक्षा इंतजाम
शुरुआत में मेट्रो की अधिकतम गति 40 किलोमीटर प्रति घंटा होगी. सुरक्षा के लिए प्रत्येक कोच में 360 डिग्री कैमरे और इमरजेंसी बटन लगाए गए हैं. यात्री जरूरत पड़ने पर ड्राइवर से सीधे बात कर सकते हैं और फुटेज तुरंत कंट्रोल रूम तक पहुंच जाएगा.
निर्माण और लागत
पटना मेट्रो परियोजना की कुल लागत 13,925.5 करोड़ रुपये है, जिसमें जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी (JICA), केंद्र और बिहार सरकार का संयुक्त योगदान है.
रेड लाइन - 16.86 किलोमीटर
ब्लू लाइन - 14.56 किलोमीटर
कुल 24 स्टेशन बनाए जाएंगे. पूरा प्रोजेक्ट साल 2027 तक पूरा होने की उम्मीद है.
बड़े बदलाव की उम्मीद
पटना मेट्रो की शुरुआत से शहर की यातायात व्यवस्था में बड़ा सुधार आएगा. यह न केवल यात्रियों को सुविधा देगी, बल्कि प्रदूषण कम करने और शहरी विकास की दिशा में भी एक ऐतिहासिक कदम साबित होगी.
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