रविवार को सुबह-सुबह इसरो को बड़ा झटका लगा है. इसरो का 101वां मिशन फेल हो गया है. पीएसएलवी-सी61 रॉकेट अपनी उड़ान के तीसरे फेज में फेल हो गया, जिस वजह से इसरो के पृथ्वी निगरानी सैटेलाइट ईओएस-09 मिशन को झटका लगा है. टेक्निकल फॉल्ट के वजह से रॉकेट फेल हुआ है.
आखिर इसरो का ईओएस-09 मिशन क्या था. अगर ये सफल हो जाता तो भारत को क्या फायदा होता, आइये जानते हैं.
इसरो का मिशन ईओएस-09 एक पृथ्वी की निगरानी करने वाला सैटेलाइट था. ये बहुत ही एडवांस्ड टेक्निक ने निर्मित था. इसे अंतरिक्ष में एसएसपीओ में स्थापित करना था. सैटेलाइस सी-बैंड सिंथेटिक एपर्चर के साथ डिजाइन किया गया था. इस सैटेलाइट का उद्देश्य हर मौसम में धरती की एचडी फोटो क्लिक करना था. खास बात है कि ये सैटेलाइट ठंडी, गर्मी, बारिश, दिन, रात और बादल छाने सहित हर एक स्थिति धरती की हाई रिजॉल्यूशन वाली फोटोज क्लिक कर सकता था. अंतरिक्ष से धरती की 24 घंटे निगरानी करने के लिए इस सैटेलाइट को बनाया गया था. इसकी मदद से भारत की डिफेंस फोर्सज को बहुत मदद मिलती. भारत अपने हर दुश्मन देशों की निगरानी कर सकता था.
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क्या बोले इसरो चीफ
मिशन के फेल होने पर इसरो अध्यक्ष वी नारायणन ने अपनी टीम के वैज्ञानिकों से बात की. नारायणन ने मिशन के फेल होने की पुष्टि की. उन्होंने कहा कि हमारी योजना के अनुसार मिशन पूरा नहीं हो सका. थर्ड लेवल पर जाकर हमारा मिशन पूरा नहीं फेल हुआ लेकिन हम वापस जरूर आएंगे.