India-Pakistan Ceasefire : ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत और पाकिस्तान में उपजे तनाव के बाद दोनों देशों में सीजफायर हो गया है. भारतीय सेना के पराक्रम ने पाकिस्तान को घुटनों के बल आने को मजबूर कर दिया, जिसके बाद उसने दोनों देशों के बीच संघर्ष विराम लागू करवाने की अपील की. पाकिस्तान को भारतीय सेना से इतने नुकसान की उम्मीद नहीं थी. दरअसल, नौ एयर बेस नष्ट होने के बाद पाकिस्तान के लगा कि इस बार भारत का इरादा गंभीर है. इसलिए भारत की सैन्य कार्रवाई से डरे पाकिस्तान ने शांति बहाली की गुहार लगाई.
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किसी थर्ड पार्टी के हस्तक्षेप की जरूरत नहीं थी
सरकारी अधिकारियों के अनुसार इस मामले में किसी थर्ड पार्टी के हस्तक्षेप की जरूरत नहीं थी. असल में अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने विदेश मंत्री एस जयशंकर को फोन पर जानकारी दी कि भारतीय हमले के बाद पाकिस्तानियों को मैसेज मिल गया है. इस बात से अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का वो दावा कमजोर साबित होता है, जिसमें उनकी मध्यस्थता की बात सामने आई थी. अधिकारियों का कहना था कि डोनाल्ड ट्रंप व्यवहारिक तौर पर भी चीजों का बढ़ा चढ़ा का प्रस्तुत करते हैं. उन्होंने के कहा कि भारत-पाकिस्तान के बीच संघर्ष विराम (सीजफायर) दोनों देशों के सैन्य संचालन महानिदेशकों (डीजीएमओ) में आपसी सहमति के बात घोषित हुआ. इसमें किसी तीसरे पक्ष की मौजूदगी की कोई बात शामिल नहीं थी.
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पाकिस्तान को भारत के सामने घुटने टेकने को मजबूर होना पड़ा
जानकारी के अनुसार भारतीय सेना ने एयर डिफेंस सिस्टम से लेकर रडार ठिकानों और पाक सेना के कमान सेंटरों तक 8 प्रमुख प्रतिष्ठानों को ध्वस्त कर दिया. इन हमलों से पाकिस्तान को भारत के सामने घुटने टेकने को मजबूर होना पड़ा. 9 और 10 मई की रात भारतीय सेना ने पाकिस्तान के उस हमले के जवाब में कार्रवाई की, जिसमें उसने उधमपुर, पठानकोट और आदमपुर में वायु सेना स्टेशनों समेत 26 ठिकानों को निशाना बनाया था.