Independence Day 2025: देश के इन इलाकों में 18 अगस्त को मानाया जाता है स्वतंत्रता दिवस, ये है वजह

Independence Day 2025: देशभर में हर साल 15 अगस्त को आजादी का जश्न मनाया जाता है, लेकिन देश के दो जिले ऐसे हैं जहां तीन दिन बाद यानी 18 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है.

Independence Day 2025: देशभर में हर साल 15 अगस्त को आजादी का जश्न मनाया जाता है, लेकिन देश के दो जिले ऐसे हैं जहां तीन दिन बाद यानी 18 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है.

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Suhel Khan
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Independence Day Celebration

भारत की आजादी की 79वीं वर्षगांठ Photograph: (Social Media)

Independence Day 2025: अंग्रेजो की 200 साल की गुलामी के बाद 15 अगस्त 1947 को भारत को आजादी मिली थी. तब से हर साल 15 अगस्त को भारत अपनी आजादी का जश्न मनाता है. इस वर्ष भारत अपनी स्वतंत्रता की 79वीं वर्षगांठ मना रहा है. जिसके लिए देशभर में तैयारियां जोरों पर हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार सुबह दिल्ली में लाल किला पर तिरंगा फहराएंगे. उसके बाद वे लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करेंगे.

लगातार 12वीं बार लाल किले पर तिरंगा फहराएंगे पीएम मोदी

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हर साल स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री लाल किला पर भारत का राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं और फिर लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हैं. पीएम मोदी इस बार 15 अगस्त को लगातार 12वीं बार लाल किले पर तिरंगा फहराएंगे. ये दिन हमें आजादी की कीमत और उसका महत्व को याद दिलाता है. लेकिन देश के दो जिलों में 15 अगस्त नहीं बल्कि 18 अगस्त को आजादी का जश्न मनाया जाता है. तो चलिए जानते हैं किन जिलों में और क्यों दो दिन बाद स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है.

जानें इन जिलों में क्यों मनाया जाता है तीन दिन बार आजादी का जश्न

बता दें कि भारत को अंग्रेजों से 15 अगस्त 1947 को आजादी मिली थी, हालांकि, ये स्वतंत्रता पूरे भारत के लिए एक जैसी नहीं थी, आजादी के बाद भी पश्चिम बंगाल के कुछ इलाके भारत का हिस्सा नहीं बने थे. इनमें मालदा और नादिया जिले शामिल थे. इन इलाकों को उस समय पूर्वी पाकिस्तान का हिस्सा माना जाता था. जिसके चलते यहां 15 अगस्त को आजादी का जश्न नहीं मनाया जाता.

तीन दिन बाद भारत में शामिल हुए थे ये बंगाल के ये जिले

इन इलाकों को भारत में पूरी तरह शामिल करने में तीन दिन लग गए थे. उसके बाद 18 अगस्त 1947 को माउटंबेटन ने बंटवारे के नक्शे में सुधार किया. तब से इन दोनों जिलों के लोग हर साल 18 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मनाते हैं. बता दें कि 15 अगस्त 1947 को जब भारत को आजादी मिली, तो बंगाल में भारी बवाल हो गया था. यहां आजादी के जश्न की जगह विरोध प्रदर्शन और दंगे शुरू हो गए थे. क्योंकि इन जिलों के लोग खुद को पाकिस्तान में शामिल होने की वजह से परेशान थे.

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