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Independence Day 2025: पूरा भारत इस वक्त आजादी के जश्न की तैयारियों में जुटा है. 15 अगस्त 1947 को देश अंग्रेजों की गुलामी से आजाद हुआ था. इस आजादी को 79 वर्ष हो गए हैं. करीब 8 दशकों में देशभर ने काफी कुछ देखा है. कई उतार-चढ़ाव देखे और लगातार विकास पथ पर आगे बढ़ता गया है. विकास की इस राह में कई राजनीतिक दल भी आए. देश का नेतृत्व भी कई अलग-अलग हाथों में रहा. हालांकि सभी का मकसद एक ही था देश को आगे ले जाना और दुनिया के अग्रिम देशों की पंक्ति में लाकर खड़ा करना.
भारत इस सोच के साथ आगे भी बढ़ रहा है. आजादी के दिन देश के प्रधानमंत्री तिरंगा फहराकर इस जश्न की शुरुआत करते हैं. ये तिरंगा लाल किले पर फहराया जाता है. क्या आप जानते हैं कि अब तक देश में सबसे ज्यादा बार किस प्रधानमंत्री ने तिरंगा फहराया है. यही नहीं भारत के मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 2025 में कौनसी बार तिरंगा फहराएंगे.
किस प्रधानमंत्री ने फहराया सबसे ज्यादा बार तिरंगा
15 अगस्त यानी स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले से सबसे ज्यादा बार तिरंगा फहराने वाले प्रधानमंत्री हैं. पंडित जवाहरलाल नेहरू. जी हां नेहरू ने अपने प्रधानमंत्री कार्यकाल के दौरान कुल 17 बार तिरंगा फहराया. वहीं पंडित नेहरू के बाद इंदिरा गांधी ने भी लाल किले से कुल 16 बार तिरंगा फहराया.
पीएम मोदी ने कितनी बार फहराया है तिरंगा
हालांकि इसके बाद अगला नंबर मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी है. पीएम मोदी अब तक 11 बार तिरंगा फहरा चुके हैं. 15 अगस्त 2025 को वह 12वीं बार तिरंगा फहराएंगे. वहीं पीएम मोदी के बाद यूपीए में पीएम रहे डॉ. मनमोहन सिंह ने कुल 10 बार तिरंगा फहराया है. जबकि एनडीए पीएम रहे अटल बिहार वाजपेयी ने अपने कार्यकाल में 6 बार तिरंगा फहराया. जबकि राजीव गांधी ने भी 5 बार लाल किले से तिरंगा फहराया.
तिरंगा फहराने के भी हैं नियम
बता दें कि भारत का राष्ट्रीय ध्वज यानी तिरंगा फहराने के भी खास नियम हैं. ये देश की एकता और गौरव का प्रतीक भी है. इसके सम्मान के लिए कुछ नियमों का पालन करना होता है. इन नियमों को फ्लैग कोड ऑफ इंडिया 2002 ने बनाया है. खास बात यह है कि इनका उल्लंघन करने पर सजा का प्रावधान भी है. इसका सबसे पहला नियम है कि तिरंगे में केसरिया रंग ऊपर और हरा रंग सबसे नीचे होना चाहिए. अगर इसे उल्टा लगाया या फहराया गया तो ये नियम का उल्लंघन है.
फटा, गंदा या क्षतिग्रस्त तिरंगा भी न फहराएं
तिरंगा फहराते वक्त इस बात का भी ध्यान रखना जरूरी है कि कहीं वह फटा, गंदा या फिर क्षतिग्रस्त तो नहीं है. तिरंग के न जमीन पर रखें और न ही इसे डुबोएं. ये हमेशा ऊंचे स्थान पर होना चाहिए.
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