'मैंने सिर्फ अपने भाई को त्यागा है, मेरे पिता हमेशा मेरे साथ खड़े रहे', पारिवारिक विवाद पर बोलीं लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्य

Rohini Yadav: लालू यादव के परिवार में विवाद बढ़ने के बाद रोहिणी आचार्य पटना छोड़कर दिल्ली लौट आई हैं. इस बीच उन्होंने कहा कि मैंने अपने भाई को त्यागा है, मेरे पिता हमेशा मेरे साथ खड़े रहे हैं.

Rohini Yadav: लालू यादव के परिवार में विवाद बढ़ने के बाद रोहिणी आचार्य पटना छोड़कर दिल्ली लौट आई हैं. इस बीच उन्होंने कहा कि मैंने अपने भाई को त्यागा है, मेरे पिता हमेशा मेरे साथ खड़े रहे हैं.

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Suhel Khan
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Rohini Acharya

रोहिणी आचार्य Photograph: (ANI)

Rohini Yadav: बिहार चुनाव के नतीजे आने के बाद लालू परिवार में विवाद काफी बढ़ गया है. जिसके चलते लालू की बेटी और तेजस्वी यादव की बड़ी बहन रोहिणी आचार्य के पार्टी और घर दोनों को छोड़ दिया. रविवार को आरजेडी की पूर्व नेता रोहिणी आचार्य दिल्ली पहुंचीं. जहां उनसे मीडिया ने कई सवाल पूछे. इस दौरान रोहिणी आचार्य ने कहा कि मैंने सिर्फ अपने भाई को त्यागा है मेरे माता पिता हमेशा मेरे साथ खड़े रहे.

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जानें क्या बोलीं रोहिणी आचार्य?

लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने रविवार को तेजस्वी यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि, उन्होंने सिर्फ़ अपने भाई का त्याग किया है. उन्होंने आगे कहा कि उनके माता-पिता, खासकर उनके पिता, ने हमेशा उनका समर्थन किया है और उनके साथ खड़े रहे हैं. यह बात बिहार में 2025 के विधानसभा चुनावों में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की हार के बाद आचार्य के राजनीति छोड़ने के एक दिन बाद आई है.

'मेरी सास मेरे लिए बहुत चिंतित हैं'

दिल्ली में पत्रकारों से बात करते हुए रोहिणी आचार्य ने जोर देकर कहा कि उनके माता-पिता और बहनें उनका साथ दे रही हैं. पेशे से डॉक्टर रोहिणी आचार्य ने आगे कहा कि वह मुंबई जा रही हैं जहां उनके ससुराल वाले रहते हैं और उनकी सास उन्हें लेकर 'बेहद चिंतित' हैं.

मेरे पिता हमेशा मेरे साथ खड़े रहे हैं- रोहिणी आचार्य

न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए, रोहिणी आचार्य ने कहा, "मुझे जो कुछ भी कहना था, मैंने सोशल मीडिया पर कह दिया है. मैंने जो कुछ भी हुआ उसके बारे में झूठ नहीं बोला है. आप तेजस्वी यादव, संजय यादव, रेचल यादव और रमीज़ से जाकर पूछ सकते हैं. मेरे पिता हमेशा मेरे साथ खड़े रहे हैं."

मेरे माता-पिता, बहनें मेरे लिए रो रहे थे- रोहिणी

उन्होंने आगे कहा, "मेरे माता-पिता और मेरी बहनें कल मेरे लिए रो रहे थे. मैं खुशकिस्मत हूं कि मुझे उनके जैसे माता-पिता मिले. जिस परिवार में भाई होते हैं, वहां सिर्फ़ उन्हें ही परिवार के लिए त्याग करना चाहिए. मैंने अभी-अभी अपने भाई को त्याग दिया है. मेरे माता-पिता और मेरी बहनें मेरे साथ हैं."

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