APAAR Card : डिजिटलाइजेशन के दौर में चीजें जितनी आसान और सुगम हुईं हैं. उतनी पारदर्शी और सुरक्षित भी हो गई हैं. आधार कार्ड जैसी चीजों ने देश के नागरिकों को एक यूनिक पहचान दी है. लेकिन आधार कार्ड के बाद अब बारी अपार कार्ड (APAAR Card ) की है. आधार और अपार दोनों नाम भले ही एक से लगते हों, लेकिन काम दोनों को बिल्कुल अलग-अलग हैं. हालांकि दोनों का मकसद देश के नागरिकों को सुविधाजनक और सुरक्षित पहचान सिस्टम से जोड़ना है, लेकिन इनके इस्तेमाल और फंक्शनैलिटी में भारी फर्क है. ऐसे में हम आज दोनों आईडी सिस्टम (आधार और अपार) को तुल्नात्मक रूप से देखेंगे कि यह कितना और किसके लिए जरूरी है.
यह खबर भी पढ़ें- Petrol-Diesel Price Update: देश के इन राज्यों में बदले पेट्रोल-डीजल के दाम, घर बैठे ऐसे करें पता
अपार और आधार क्या हैं और क्या है उनका उद्देश्य
पहले बात करें आधार की तो यह भारत सरकार की तरफ से जारी 12 नंबरों का एक विशेष पहचान नंबर है. इसको भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) की तरफ से जारी किया जाता है. इसका मकसद नागरिकों को डिजिटल और बायोमेट्रिक आधारित पहचान देना है. इसका लाभ सरकारी सेवाओं और अनुदान वाली योजनाओं आदि में प्राप्त किया जा सकता है. जबकि अपार (ऑटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक अकाउंट रजिस्ट्री) एक अलग तरह की डिजिटल आइडेंटिफिकेशन है, जिसको स्टूडेंट्स के लिए डिजाइन किया गया है. दरअसल, अपार को एकेडमिक बैंक और क्रेडिट एबीसी के तौर पर भी जाना जाता है. अपार का उद्देश्य स्टूडेंट्स के एजुकेशनल रिकॉर्ड्स के डिजिटली सेफ रखना है. ताकि अलग-अलग संस्थानों में सुरक्षित तरीके से इसका ट्रांसफर किया जा सके. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तह एक महत्वपूर्ण कदम है.
यह खबर भी पढ़ें- Train Cancelled : घूमने का है प्लान तो तुरंत चेक करें कैंसिल ट्रेनों की लिस्ट, 100 से ज्यादा गाड़ियां रद्द
किसका उपयोग किसके लिए होता है
आपको बता दें कि आधार कार्ड के माध्यम से भारतीय नागरिक सरकारी योजनाओं, बैंकिंग सर्विसेज, मोबाइल सिम कार्ड, पासपोर्ट और दूसरी सरकारी सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं. जबकि अपार विशेष रूप से स्टूडेंट्स के लिए ही डिजाइन किया गया है, जिसको कंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने विकसित किया है. इसका इस्तेमाल संस्थागत संगठन में नामांकन प्रमाणन (Nomination Certification in Institutional Organization) के लिए डिजिटल रिकॉर्ड या अलग-अलग पाठ्यक्रम के बीच क्रेडिट ट्रांसफर के लिए होता है. इसका सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह स्टूडेंट्स को इंटीग्रेटेड एजुकेशन सिस्टम से जोड़ता है.
यह खबर भी पढ़ें- Weather News : जलवायु परिवर्तन या प्रदूषण का असर, भारत में बढ़ती गर्मी की असल वजह क्या?
अपार छात्रों के शैक्षणिक रिकॉर्ड को डिजिटल रूप से सुरक्षित करता है
इसके अलावा अपार स्टूडेंट्स के एजुकेशनल रिकॉर्ड को डिजिटल तौर पर सुरक्षित भी करता है. हालांकि इसमें बायोमेट्रिक डाटा शामिल नहीं होता, बल्कि स्टूडेंट्स के एकेडमिक डॉक्यूमेंट्स और क्रेडिट स्कोर में स्टोर किए जाते हैं. विज्ञापन, रजिस्ट्रेशन प्रोसेस और अनिवार्यता आधार के लिए सभी भारतीय नागरिक आवेदन कर सकते हैं और यह बैंकिंग सरकारी सर्विस और अन्य महत्वपूर्ण पहचान कार्यों के लिए जरूरी होती है. अपार स्वैच्छिक है और केवल छात्रों के लिए उपलब्ध है. इसे यूनिवर्सिटी, कॉलेज और अन्य शैक्षणिक संस्थानों के माध्यम से जनरेट किया जाता है.