Weather News : जलवायु परिवर्तन या प्रदूषण का असर, भारत में बढ़ती गर्मी की असल वजह क्या?

Weather News : राजधानी दिल्ली समेत देश के ज्यातर इलाकों में इस समय काम की गर्मी पड़ रही है. मार्च के महीने में मई और जून जैसी पड़ रही गर्मी से लोग हैरान हैं.

author-image
Mohit Sharma
New Update
what is the reason for increasing heat in India

what is the reason for increasing heat in India Photograph: (Social Media)

Weather News: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली समेत पूरे उत्तर भारत में इस समय काम की गर्मी पड़ रही है. आलम यह है कि दोपहर के समय तो लोगों को घरों से बाहर निकलना मुश्किल हो रहा है. वहीं, मार्च के महीने में मई और जून जैसी गर्मी पड़ते देख लोग काफी हैरान है. लोगों की समझ में यह नहीं आ रहा है कि अगर मार्च में ऐसी गर्मी पड़ेगी तो फिर मई-जून जैसे भीषण गर्मी के महीनों में क्या हाल होने वाला है. इसके साथ ही लोगों के मन में सर्दी के सीजन को लेकर भी शंका बनी हुई है. क्योंकि इस बार सर्दी न के बराबर ही पड़ी है. ऐसे में लोगों को मानना है कि आने वाले सालों में अगर सर्दी ऐसे ही कम होती रही तो फिर गर्मी से कैसे निपटा जाएगा. हालांकि कुछ लोग इसको जलवायु परिवर्तन का असर बता रहे हैं. लेकिन मौसम विभाग का तो कुछ और ही कहना है.

Advertisment

यह खबर भी पढ़ें-  UPI New Rules : 1 अप्रैल 2025 से गूगल पे, फोन पे और पेटीएम को लेकर NPCI के नए नियम

15 मार्च को ओडिशा के बौध में 43.6 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज

दरअसल, देश के कई हिस्सों में भीषण गर्मी पड़ रही है. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने दिल्ली, कर्नाटक, गोवा और झारखंड के लिए लू की चेतावनी जारी की है. 15 मार्च को ओडिशा के बौध में 43.6 डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया और ये देश का सबसे गर्म स्थान बन गया. इसके बाद ओडिशा का ही झारसुगुड़ा और बोलनगीर का स्थान रहा.जानकारों का मानना है कि मार्च में ही पारा लगातार चढ़ने की वजह जलवायु परिवर्तन, मौसम के पैटर्न में बदलाव, धरती के तापमान में बढ़ोतरी और शहरीकरण भी है.

यह खबर भी पढ़ें-  Ayushman Card : अगर आपको भी बनवाना है आयुष्मान कार्ड, तो इस तरह चेक करें पात्रता

फरवरी का महीना 124 सालों में सबसे गर्म रहा

इस साल फरवरी का महीना 124 सालों में सबसे गर्म रहा है. वहीं देश में भीषण गर्मी के सीजन की शुरूआत से पहले ही मार्च के महीने में गर्मी लगातार बढ़ रही है. भारत में मौसम संबंधी और जलवायु संबंधी कारकों के मिलने से मार्च में भीषण गर्मी पड़ रही है. फरवरी में सामान्य से 93 फीसदी कम बारिश के साथ असाधारण रूप से शुष्क सर्दी के कारण आसमान साफ ​​हो गया है और तापमान में तेजी से बढ़ोतरी हुई है.कमजोर पड़ते ला नीना और तटस्थ हिंद महासागरीय द्विध्रुव ने मौसम के पैटर्न को और ज्यादा बाधित कर दिया है, जिससे पूरे देश में सामान्य से अधिक गर्मी पड़ रही है.तटीय इलाकों में, उच्च आर्द्रता शरीर की शीतलन प्रक्रिया में बाधा पैदा करके असर को तेज कर देती है, जिससे स्वास्थ्य जोखिम और मृत्यु दर बढ़ जाती है.दिल्ली सहित नौ भारतीय शहरों में हीटवेव की तैयारियों पर किए गए अध्ययन में पाया गया कि दीर्घकालिक उपायों का अभाव है और उनका लक्ष्य निर्धारण भी ठीक से नहीं किया गया है.

यह खबर भी पढ़ें- कितना जरूरी है Emergency Fund? कैसे बनाएं और कितनी रकम जरूरी, ये रही पूरी जानकारी

today weather news in hindi Weather News Weather News in Hindi Hot Weather news in hindi
      
Advertisment