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टोरंटो कार्यक्रम में भारतीय राजदूत ने कहा, हमारे संबंधों में आई गर्माहट को ठंडा करने का समय आ गया है

टोरंटो कार्यक्रम में भारतीय राजदूत ने कहा, हमारे संबंधों में आई गर्माहट को ठंडा करने का समय आ गया है

Updated on: 01 Oct 2023, 06:20 PM

टोरंटो:

कनाडा और भारत के बीच मौजूदा तनाव का असर इस साल के सबसे बड़े इंडो-कनाडाई पुरस्कार समारोह पर भी पड़ा, जब इंफोसिस के संस्थापक एन.आर. नारायण मूर्ति की पत्‍नी सुधा मूर्ति को कनाडा इंडिया फाउंडेशन द्वारा 50,000 डॉलर का वैश्विक भारतीय पुरस्कार दिया गया।

ओंटारियो प्रीमियर डौग फोर्ड और कई कनाडाई नेता इस कार्यक्रम में उपस्थित होने में विफल रहे, जबकि प्रमुख इंडो-कैनेडियन सांसद चंद्र आर्य, कुछ ओंटारियो विधायक और स्थानीय मेयर उपस्थित थे।

मुख्य अतिथि रहे भारतीय उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा ने भारत और कनाडा के बीच मौजूदा रिश्‍तों पर बात करते हुए कहा कि राजनीतिक मुद्दों को अंततः दोनों सरकारें ही निपटाएंगी।

उन्होंने कहा, लेकिन भारत-कनाडाई समुदाय को द्विपक्षीय संबंध बनाते रहना चाहिए।

“यह वह समय है, जब (हमारे संबंधों में) गर्मी है और हमें इसे ठंडा करना है।”

वर्मा ने इस संदर्भ में भारतीय पौराणिक कथाओं का हवाला देते हुए कहा, “मैं इस कमरे के आसपास बहुत सारे विष्णु देख सकता हूं जो रिश्ते को आगे बढ़ा रहे हैं, रिश्ते को जीवित रख रहे हैं। शिव का सौम्य स्वरूप है... जब-जब ताप होता है, तब-तब शिव से गंगा निकलती है। हमें शिव के सौम्य रूप की जरूरत है और गंगा की जरूरत है जो नीचे आकर हमारे मौजूदा द्विपक्षीय संबंधों के तापमान को ठंडा करे।

भारतीय उच्चायुक्त ने कहा, भावनात्मक विस्फोट होंगे, क्योंकि भारत एक भावनापूर्ण देश है।

वर्मा ने प्रवासी भारतीयों से बेहतर द्विपक्षीय संबंधों के लिए काम करते रहने का आग्रह करते हुए कहा, “मैं आप सभी से जो करने का आग्रह करूंगा, वह यह है : आप व्यवसाय करें, आप वकालत करें, आप लोगों को (भारत के बारे में) पढ़ाएं, आप छात्रों को उद्यमियों के रूप में विकसित करें। ये वे क्षेत्र हैं जो (मौजूदा संबंधों से) प्रभावित होने वाले नहीं हैं।”

अपने स्वागत भाषण में कनाडा इंडिया फाउंडेशन के अध्यक्ष सतीश ठक्कर ने कहा कि कनाडा-भारत संबंधों को स्थानीय राजनीतिक मजबूरियों का बंधक नहीं बनाया जाना चाहिए।

ठक्कर ने कहा, कनाडा की इंडो-पैसिफिक रणनीति केवल तभी सफल हो सकती है, जब प्रमुख साझेदारों में से एक भारत के साथ उसके वाणिज्यिक और राजनीतिक संबंध मजबूत हों।

उन्होंने आगे कहा, ये संबंध एक-दूसरे की राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं को समझने और स्थानीय राजनीतिक मजबूरियों से मुक्त होकर निरंतर कूटनीति के माध्यम से विवाद के क्षेत्रों को संबोधित करने की इच्छा पर निर्भर करते हैं।

प्रत्येक वर्ष, कनाडा इंडिया फाउंडेशन अपने क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए एक प्रमुख भारतीय को ग्लोबल इंडियन अवार्ड से सम्मानित करता है।

पुरस्कार के पिछले प्राप्तकर्ताओं में सैम पित्रोदा, रतन टाटा, एन.आर. नारायण मूर्ति, योगगुरु बाबा रामदेव, वेदांत के संस्थापक अनिल अग्रवाल सहित अन्य शामिल हैं।

सुधा मूर्ति ग्लोबल इंडियन अवार्ड से सम्मानित होने वाली पहली महिला हैं।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.