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बेंगलुरु कैफे विस्फोट मामले में गिरफ्तारियों से बंगाल में राजनीतिक घमासान

बेंगलुरु कैफे विस्फोट मामले में गिरफ्तारियों से बंगाल में राजनीतिक घमासान

Updated on: 12 Apr 2024, 03:35 PM

कोलकाता:

बेंगलुरु कैफे विस्फोट मामले में दो आरोपियों की गिरफ्तारी को लेकर पश्चिम बंगाल में राजनीतिक घमासान छिड़ गया है। आरोपी मुसाविर हुसैन शाजिब और अब्दुल मतीन ताहा राज्य के पूर्वी मिदनापुर जिले के कांथी के रहने वाले हैं।

दोनों को एनआईए ने शुक्रवार को गिरफ्तार किया।

भाजपा के सूचना प्रौद्योगिकी प्रमुख और पश्चिम बंगाल के लिए पार्टी के केंद्रीय पर्यवेक्षक अमित मालवीय ने दावा किया कि आराेेपियों की गिरफ्तारी से पता चलता है कि पश्चिम बंगाल आतंकवादियों के लिए स्वर्ग बन गया है।

“एनआईए ने रामेश्वरम कैफे विस्फोट मामले में दो मुख्य संदिग्धों, हमलावर मुसाविर हुसैन शाजिब और उसके साथी अब्दुल मथीन अहमद ताहा को यहां से पकड़ा। मालवीय ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर पोस्ट किए गए एक संदेश में कहा, दुर्भाग्य से ममता बनर्जी के नेतृत्व में पश्चिम बंगाल आतंकवादियों के लिए एक सुरक्षित पनाहगाह बन गया है।

पोस्ट के वायरल होने पर पश्चिम बंगाल पुलिस ने एक बयान जारी कर मालवीय की टिप्पणियों का खंडन किया।

पुलिस की ओर से कहा गया,“अमित मालवीय के दावों के विपरीत, तथ्य यह है कि पश्चिम बंगाल पुलिस और केंद्रीय खुफिया एजेंसियों के संयुक्त अभियान में रामेश्वरम कैफे विस्फोट मामले में दो संदिग्धों को पूर्व मेदिनीपुर से गिरफ्तार किया गया। इस मामले में बंगाल पुलिस की भूमिका को केंद्रीय एजेंसियों ने आधिकारिक तौर पर स्वीकार किया है। पश्चिम बंगाल कभी भी आतंकवादियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह नहीं रहा है और राज्य पुलिस अपने लोगों को सुरक्षित रखने के लिए हमेशा सतर्क रहती है।”

मालवीय के सुर में सुर मिलाते हुए पश्चिम बंगाल में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सुकांत मजूमदार ने कहा कि यह स्वाभाविक है कि आतंकवादी राज्य को अपने लिए सुरक्षित आश्रय मानते हैं, क्योंकि यह एकमात्र राज्य है, राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के खिलाफ कार्रवाई करने वाले केंद्रीय एजेंसियों के अधिकारियों पर हमले किए जाते हैं।

मजूमदार ने कहा,“इसके अलावा, राज्य पुलिस आधारहीन आरोपों के साथ काउंटर एफआईआर के आधार पर केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों के खिलाफ जांच शुरू कर रही है। इससे राष्ट्र-विरोधी तत्वों को बढ़ावा मिलता है।”

तृणमूल कांग्रेस के राज्य महासचिव कुणाल घोष ने मामले में प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए अप्रत्यक्ष रूप से कांथी के रहने वाले पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी के परिवार की ओर इशारा किया, जहां गिरफ्तारियां की गईं थीं। हालांकि घोष ने सीधे तौर पर अधिकारी परिवार का नाम नहीं लिया

उन्होंने कहा, मुझे भाजपा नेताओं से एक सवाल पूछने दीजिए। गिरफ्तारियां कहां हुईं ? यह कांथी है, हम सभी जानते हैं कि कौन सा परिवार और भाजपा का मुख्य नेता वहां से अवैध गतिविधियां चलाता है। घोष ने कहा, मैं राज्य एजेंसियों से इस मामले की जांच करने का आग्रह करता हूं, ताकि राष्ट्रविरोधी ताकतों को आश्रय देने में परिवार के संबंधों का पता लगाया जा सके।

साथ ही, उन्होंने गिरफ्तारी को अंजाम देने में राज्य पुलिस की भूमिका को स्वीकार करने के लिए एनआईए को धन्यवाद दिया।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.