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नक्‍सलियों से नाता : डीयू के पूर्व प्रोफेसर, पांच अन्य को बरी करने के खिलाफ महाराष्ट्र सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंची

नक्‍सलियों से नाता : डीयू के पूर्व प्रोफेसर, पांच अन्य को बरी करने के खिलाफ महाराष्ट्र सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंची

Updated on: 05 Mar 2024, 09:50 PM

नई दिल्ली:

महाराष्ट्र सरकार ने कथित तौर पर नक्‍सलियों से नाता रखने के आरोपी दिल्ली विश्‍वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर जी.एन. साईंबाबा और पांच अन्य को बरी करने के बॉम्बे हाईकोर्ट के मंगलवार के आदेश को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया।

इससे पहले दिन में, बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर बेंच ने गढ़चिरौली सत्र अदालत के 2017 के फैसले को पलटते हुए साईबाबा और पांच अन्य को बरी कर दिया, जिसने उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।

न्यायमूर्ति विनय जोशी और न्यायमूर्ति एसए मेनेजेस की खंडपीठ ने बरी किए गए आरोपियों को 50,000 रुपये की जमानत राशि जमा करने के बाद जेल से रिहा करने का आदेश दिया।

बॉम्बे हाई कोर्ट की पिछली खंडपीठ ने भी अक्टूबर 2022 में विकलांग प्रोफेसर को बरी कर दिया था, जिसके बाद जस्टिस जोशी और मेनेजेस ने साईबाबा के मामले की दोबारा सुनवाई की।

सुप्रीम कोर्ट द्वारा अक्टूबर 2022 के बरी करने के आदेश को रद्द करने और मामले को दोबारा सुनवाई के लिए बॉम्बे हाई कोर्ट में भेजने के बाद दोबारा सुनवाई हुई।

अभियोजन पक्ष ने आरोप लगाया कि साईबाबा और अन्य प्रतिबंधित सीपीआई-माओवादी और रिवोल्यूशनरी डेमोक्रेटिक फ्रंट जैसे उसके प्रमुख संगठनों के लिए काम कर रहे थे। महाराष्ट्र पुलिस ने उनके पास से माओवादी साहित्य, पर्चे, इलेक्ट्रॉनिक सामग्री और राष्ट्र-विरोधी समझी जाने वाली अन्य चीजें जैसे सबूत जब्त किए थे।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.